कोरोना वायरस के चलते देश में लागू लॉकडाउन को एक महीना बीत चुका है। इस दौरान संक्रमण को रोकने में हम कितने सफल हो पाए हैं, इसे लेकर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली के वैज्ञानिकों ने एक शोध किया है। खबर के मुताबिक, इस रिसर्च से पता चला है कि देश के सात राज्यों में कोविड-19 बीमारी राष्ट्रीय औसत दर से ज्यादा तेजी से बढ़ रही है। ये सातों राज्य हैं झारखंड, राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और गुजरात। आंकड़े बताते हैं कि देश में कोरोना वायरस के दो-तिहाई मरीज इन्हीं सात राज्यों से आते हैं।

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मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, आईआईटी-दिल्ली के वैज्ञानिकों की टीम ने इस संबंध में 23 अप्रैल को डेटा पेश किया था। इसमें बताया गया कि शोध के तहत उन 19 राज्यों के 100 जिलों के आंकड़ों की पड़ताल की गई, जहां से देश के कोविड-19 संक्रमितों से जुड़े 60 प्रतिशत से ज्यादा मामले सामने आए हैं। डेटा में इन राज्यों में कोरोना वायरस के फैलने की दर यानी 'ट्रांसमिशन रेट' से जुड़ी जानकारी दी गई। इस दर को ऐसे समझें कि वायरस से ग्रस्त एक व्यक्ति ने अपने संपर्क में आए कितने लोगों को संक्रमित किया। उदाहरण के लिए गुजरात में ट्रांसमिशन रेट 3.3 पर है। इसका मतलब यहां के हरेक संक्रमित व्यक्ति ने औसतन तीन से ज्यादा लोगों तक संक्रमण पहुंचाया।

28 जिलों में ट्रांसमिशन रेट राष्ट्रीय औसत से अधिक
आईआईटी-दिल्ली ने जिन 100 जिलों का अध्ययन किया, उनमें से 28 जिले ऐसे हैं जहां ट्रांसमिशन रेट राष्ट्रीय औसत 1.8 से अधिक है। ये जिले देश के नौ राज्यों में हैं। इनमें राजस्थान के पांच, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात के चार-चार तथा तमिलनाडु और महाराष्ट्र के तीन-तीन जिले शामिल हैं। वहीं, कर्नाटक और तेलंगाना के दो-दो और पंजाब के एक जिले में ट्रांसमिशन रेट राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है। वहीं, तीन राज्य (केरल, हरियाणा और तमिलनाडु) ऐसे हैं जहां ट्रांसमिशन रेट में गिरावट दर्ज की गई है।  

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मुंबई में घातक हुआ कोरोना वायरस
देश में कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित शहरों में मुंबई पहले नंबर है। यहां अब तक हजारों मामले सामने आई चुके हैं। यहां स्थिति कितनी गंभीर है, यह इसी से पता चलता है कि शहर में किसी व्यक्ति के कोरोना वायरस से संक्रमित और मौत होने के बीच औसतन 6.4 दिन का समय लगता है। वहीं, कोरोना पॉजिटिव शख्स के हॉस्पिटल में भर्ती और मौत होने के बीच औसत समय 2.4 दिन है। अंग्रेजी अखबार 'इंडियन एक्सप्रेस' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) की ओर से नियुक्त एक कमिटी द्वारा पेश की गई 'डेथ ऑडिट रिपोर्ट' में यह जानकारी निकलकर सामने आई है।

अखबार ने बताया कि समिति ने 133 कोरोना पीड़ित मृतकों का अध्ययन करके यह आंकड़ा जुटाया है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में बीते शुक्रवार को कोविड-19 पीड़ित 18 और लोगों की मौत हुई थी। इस तरह महाराष्ट्र में अब तक 300 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। इनमें से 178 मौतें अकेले मुंबई शहर में हुई हैं।


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: शोधकर्ताओं का दावा, इन सात राज्यों में कोरोना वायरस फैलने की दर राष्ट्रीय औसत से ज्यादा, जानें मुंबई में कितने समय में हो रही मौतें है

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