सर्दी का सीजन जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे कोरोना वायरस को लेकर मेडिकल एक्सपर्ट की चिंताएं बढ़ रही हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कई डॉक्टरों और मेडिकल जानकारों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि सर्दी के मौसम में नए कोरोना वायरस का ट्रांसमिशन बढ़ सकता है। जानी-मानी समाचार एजेंसी आईएएनएस ने कई विशेषज्ञों के हवाले से बताया है कि आने वाले सर्दी के महीनों में कोरोना वायरस का संक्रमण और ज्यादा फैलता दिख सकता है, अगर जरूरी कदम नहीं उठाए गए तो। दिल्ली स्थित फोर्टिस अस्पताल की पल्मोनोलॉजी कनसल्टेंट डॉ. रिचा सरीन ने एजेंसी से बातचीत में कहा है, 'अन्य रेस्पिरेटरी वायरसों से जुड़ी हमारी जानकारी के आधार पर ऐसा संभव हो सकता है कि सर्दी के महीनों में कोरोना वायरस इन्फेक्शन बढ़े।'
(और पढ़ें - कोविड-19: मॉनसून और सर्दी में बढ़ सकता है कोरोना वायरस का ट्रांसमिशन- आईआईटी-एम्स स्टडी)
डॉ. रिचा ने आगे कहा, 'श्वसन संबंधी ज्यादातर बीमारियां जैसे सार्स, इन्फ्लूएंजा आदि सीजन के हिसाब से बदलती हैं। सर्दी के महीनों में इनके केस बढ़ते हैं। शुष्क मौसम और ठंड में वायरस ज्यादा सर्वाइव करते हैं।' इसके अलावा, कम नमी में भी वायरल पार्टिकल्स भाप और एयरोसोल फॉर्मेशन में फैल सकते हैं। इससे बीमारी के हवा के जरिये फैलने का खतरा बढ़ सकता है।
कोविड-19 से सुरक्षा को लेकर विटामिन डी का जिक्र बार-बार हुआ है। आईएएनएस से बातचीत में डॉ. सरीन ने भी इस पर बात की है। उनका कहना है कि सर्दी में सूरज की रौशनी कम रहती है, जिससे विटामिन डी का लेवल कमजोर हो सकता है। उनके मुताबिक, इससे इम्यूनिटी में कमी हो सकती है, जिससे लोगों पर कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। डॉ. सरीन ने कहा, 'कोविड-19 पर सर्दी के सीजन का प्रभाव अभी देखना बाकी है। वैक्सीन बनने तक कोविड-19 संक्रमण को रोकने के लिए सही मास्क पहनना, हाथों को साफ रखना और सोशल डिस्टेसिंग का पालन करना सबसे ज्यादा जरूरी है।'
(और पढ़ें - कोविड-19: मॉडेर्ना की वैक्सीन बुजुर्गों में मजबूत इम्यून रेस्पॉन्स पैदा करने में सक्षम- एनईजेएम)
एक और मेडिकल एक्सपर्ट और दिल्ली के अपोलो अस्पताल में सीनियर कनसल्टेंट डॉ. सुरनजीत चटर्जी ने एजेंसी को बताया, 'सामान्यतः फ्लू जैसी बीमारियां सर्दियों के दौरान ज्यादा बढ़ती हैं। ठंडा मौसम और नमी इस तरह की बीमारी के फैलने के लिए अनुकूल हैं।' इस आशंका के चलते डॉक्टर कोरोना वायरस के नियंत्रण से जुड़ी मौजूदा योजनाओं को और गंभीरता से लेने की बात करते हैं। इस बारे में डॉ. चटर्जी का कहना है, 'कोरोना वायरस की तेज टेस्टिंग, सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का सख्ती से पालन और मुंह तथा हाथों की साफ-सफाई (वायरस को फैलने से रोकने के लिहाज से) सर्दी के महीनों में एक महत्वपूर्ण अप्रोच होगी।'
इन डॉक्टरों का कहना है कि अगर इस अप्रोच को गंभीरता से नहीं लिया गया तो सर्दी में कोरोना वायरस के मामले बढ़ सकते हैं। गुड़गांव स्थित फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के न्यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख और निदेशक डॉ. प्रवीन गुप्ता कहते हैं कि सर्दी में कोविड-19 के रेस्पिरेटरी लक्षण सर्दी में और ज्यादा घातक रूप ले सकते हैं। उन्होंने कहा, 'अगर हमने जरूरी सावधानियां नहीं बरतीं तो मामले फिर से बढ़ने की संभावना है।'
(और पढ़ें - क्या वजह है कि वैज्ञानिक 'फेलूदा' को एंटीजन टेस्ट से बेहतर और आरटी-पीसीआर टेस्ट का विकल्प बता रहे हैं?)