दिल्ली में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 6,000 के नजदीक पहुंच गई है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, राजधानी में अब तक कोरोना वायरस के संक्रमण से 5,980 लोगों के ग्रस्त होने की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से 66 की मौत हो गई है, लेकिन 1,900 से ज्यादा लोगों को बचा भी लिया गया है। आंकड़े बताते हैं कि राजधानी में कोविड-19 से लोगों के मरने की दर 1.1 प्रतिशत है और रिकवरी रेट 32 प्रतिशत से ज्यादा है। ये दोनों बातें राहत जरूर देती हैं, लेकिन यह संकटकाल अभी और बढ़ सकता है।

दरअसल, कोविड-19 से निपटने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा गठित पैनल के प्रमुख ने अंदेशा जताया है कि अभी राजधानी में कोरोना वायरस संकट का सबसे घातक रूप सामने आना बाकी है। बीते तीन दिनों से दिल्ली में प्रतिदिन कोविड-19 के 400 से ज्यादा मरीजों की पुष्टि हो रही है।

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मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, इस बारे में बोलते हुए दिल्ली सरकार द्वारा गठित पैनल के प्रमुख डॉ. एसके सरीन ने कहा है, 'अगले दस दिनों तक (कोरोना) मामलों की संख्या प्रतिदिन 400-500 रहेगी। यह वायरस का सामान्य प्रभाव है। ऐसे कई मरीज हैं जो दस दिन पहले संक्रमित हुए और उनमें (कोविड-19) बीमारी के लक्षण अब दिखाई दे रहे हैं। मरीजों की संख्या इसलिए भी ज्यादा है, क्योंकि दिल्ली में टेस्टिंग सुविधाएं तेजी से बढ़ी हैं।' इसके बाद डॉ. सरीन ने कहा, 'जून-जुलाई में दिल्ली में (कोरोना वायरस का) पीक सीजन आ सकता है। तब मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। हमारा प्रयास यह है कि मृत्यु दर कम से कम रखी जाए, जैसा कि दिल्ली में अभी तक देखने को मिला है।'

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इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक पैनल से जुड़ी समिति ने दिल्ली के स्वास्थ्यगत ढांचे को ध्यान में रखते हुए तीन संभावनाओं को रेखांकित किया था। इनमें बताया गया था कि जब दिल्ली में प्रतिदिन 100 (स्टेज 1), 500 (स्टेज 2) और 1,000 (स्टेज 3) या उससे ज्यादा मामले आएंगे तो हालात से कैसे निपटा जाएगा। बीते तीन दिनों के आंकड़े बताते हैं कि राजधानी अब स्टेज 2 में जाती दिख रही है, जिसके पीछे लॉकडाउन में दी गई राहतों को जिम्मेदार बताया जा रहा है। पैनल के आंकलन के मुताबिक, जब दिल्ली में प्रतिदिन 500 मरीज आने लगेंगे तो उन्हें देखने के लिए हर दिन 1,500-2,000 पीपीई किट की आवश्यकता होगी। साथ ही, वेंटिलेटर वाले 50 बेड, 125 आईसीयू सुविधाएं और 325 बेड ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ चाहिए होंगे।

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डॉ. सरीन की मानें तो राजधानी इस स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, 'अगर एक दिन में 500 मामले सामने आते हैं तो उनमें से 20 प्रतिशत यानी 100 मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत होगी। अगर अगले पांच दिनों तक रोजाना 500 मामलों की पुष्टि होती है तो कुल 500 मरीजों को अस्पताल भेजा जाएगा। समिति ने जो आंकलन सरकार को भेजा है, उसके हिसाब से स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है।'


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: दिल्ली सरकार के पैनल के प्रमुख ने कहा, जून-जुलाई में सबसे ज्यादा बढ़ सकते हैं कोरोना वायरस के मामले है

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