महाराष्ट्र दुनिया के उन शहरों में शामिल हो गया है, जहां कोविड-19 के मरीजों की संख्या एक लाख से ज्यादा है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, शुक्रवार देर शाम को महाराष्ट्र में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों का आंकड़ा एक लाख के पार चला गया। हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार सुबह अपने आधिकारिक कोविड-19 वेबपेज पर इसकी पुष्टि की। मंत्रालय के मुताबिक, महाराष्ट्र में अब तक कोविड-19 के एक लाख 1,141 मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से 3,717 की मौत हो गई है। बीते 24 घंटों में राज्य में 127 नई मौतें दर्ज की गई हैं। इसी दौरान करीब 3,500 नए मरीज भी सामने आए हैं। नए आंकड़े जारी होने के बाद महाराष्ट्र में कोविड-19 की मृत्यु दर 3.67 प्रतिशत पाई गई है, जबकि रिकवरी रेट 47 प्रतिशत के आसपास है।
न्यूयॉर्क, यूके के मुकाबले बेहतर स्थिति
अमेरिका का न्यूयॉर्क दुनिया का पहला राज्य था जहां कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या सबसे पहले एक लाख के पार गई थी। कोविड-19 महामारी की ट्रैकिंग कर रहे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म वर्ल्डओमीटर के मुताबिक, न्यूयॉर्क में जब कोरोना वायरस के 348 (12 मार्च) केस थे, तब से एक लाख (तीन अप्रैल) मरीज होने में वहां 22 दिन लगे थे। यूके में एक लाख मरीज होने में 60 दिनों का समय लगा था, जबकि इटली और स्पेन को एक लाख मरीजों का आंकड़ा पार करने में 63 दिन लगे थे। दुनिया के इन प्रमुख और विकसित देशों तथा शहरों की तुलना महाराष्ट्र से की जाए तो यहां एक लाख मरीज होने में 95 दिनों का समय लगा है। इस लिहाज से देखा जाए तो महाराष्ट्र की स्थिति तुलनात्मक रूप से बेहतर दिखती है।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक लाख मरीज होने में हुई देरी के लिए महाराष्ट्र के अधिकारी लॉकडाउन को श्रेय देते हैं। उनका कहना है कि कोविड-19 संकट को देखते हुए यह कदम पहले ही (मार्च में) उठा लिया गया था, जिसके चलते संक्रमण को तेजी से रोकने में काफी मदद मिली। हालांकि, वे राज्य में कोविड-19 की मृत्यु दर (3.67 प्रतिशत) को लेकर चिंता जताते हैं, जो राष्ट्रीय औसत (2.86 प्रतिशत) से ज्यादा है। एक और चिंता की बात यह है कि राज्य में युवा और मध्य आयु के मरीजों की संख्या काफी ज्यादा है। राज्य सरकार द्वारा जारी 11 जून तक के आंकड़ों के मुताबिक, महाराष्ट्र में 31 से 40 साल की उम्र के कोविड-19 मरीजों की संख्या 18,800 से ज्यादा है, जबकि 21 से 30 साल के उम्र के मरीजों की संख्या करीब 17,900 है। हालांकि राहत की बात यह है कि इन वर्गों में मृत्यु दर 60 साल या उससे ज्यादा उम्र के मरीजों की अपेक्षा कम है। मिसाल के लिए मुंबई की बात करें तो यहां कोरोना वायरस के 60 साल से ज्यादा उम्र के मरीजों की मृत्यु दर आठ प्रतिशत से अधिक है, जबकि 40 साल से कम उम्र के मरीजों की मृत्यु दर एक प्रतिशत भी नहीं है।
आधे मामले अकेले मुंबई में
महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के संक्रमण से जितने लोग बीमार पड़े हैं, उनमें से करीब आधे अकेले मुंबई शहर में हैं। यहां वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 55 हजार से ज्यादा है, जबकि मृतकों का आंकड़ा 2,000 के पार जा चुका है। यह संख्या पूरे महाराष्ट्र में कोविड-19 से हुई मौतों का करीब 54 फीसदी है। वहीं, 25 हजार से अधिक मरीजों को बचा लिया गया है, जो पूरे राज्य में कोविड-19 से बचाए गए लोगों (47,796) का 52 प्रतिशत से ज्यादा है। मुंबई के बाद महाराष्ट्र में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाके ठाणे और पुणे हैं। इन दोनों जिलों में क्रमशः 16 हजार और 11 हजार से ज्यादा मरीजों की पुष्टि हुई है। इनमें से ठाणे में 413 लोग मारे गए हैं, जबकि पुणे में 459 लोगों ने कोरोना संक्रमण के चलते जान गवांई है।
राज्य सरकार का एक और मंत्री कोरोना पॉजिटिव
महाराष्ट्र में कोरोना वायरस राज्य सरकार की कैबिनेट तक पहुंच चुका है। पहले आवास मंत्री जितेंद्र आव्हाड़ और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण कोविड-19 के टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए थे। अब खबर है कि सामाजिक न्याय मंत्री और एनसीपी नेता धनंजय मुंडे के कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं। उनकी टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आने की पुष्टि हुई है। कुछ मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, धनंजय मुंडे के कुछ सहायकों में भी कोरोना वायरस पाया गया है। उनके एक अन्य सहयोगी ने बताया कि रिपोर्ट आने के बाद मंत्री और उनके संक्रमित सहायकों को आइसोलेशन में भेज दिया गया है। फिलहाल सभी की हालत स्थिर बताई गई है।