भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए लोगों की संख्या आठ लाख से ज्यादा हो गई है। बीते 24 घंटों में देशभर में कोविड-19 के 27 हजार से ज्यादा मरीजों की पुष्टि हुई है। इसी दौरान 500 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। इस बढ़ोतरी के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आधिकारिक आंकड़ों में कोरोना वायरस की चपेट में आए लोगों की संख्या आठ लाख 20 हजार 916 हो गई है और मृतकों का आंकड़ा 22 हजार के पार चला गया है। हालांकि, कोविड-19 से बचाए गए लोगों की संख्या भी पांच लाख के आगे पहुंच गई है। शुक्रवार को देशभर में 19 हजार से ज्यादा कोरोना मरीजों को स्वस्थ करार दिया गया है। इसके बाद कोविड-19 मुक्त लोगों का आंकड़ा पांच लाख 15 हजार 386 हो गया है।
वहीं, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने बताया है कि कोरोना वायरस के संक्रमितों की पहचान करने के लिए बीते 24 घंटों के दौरान देशभर में दो लाख 82 हजार से ज्यादा कोविड टेस्ट किए गए हैं। इसके बाद ऐसे परीक्षणों की कुल संख्या एक करोड़ 13 लाख से ज्यादा हो गई है। इस तरह अभी तक सामने आए मरीजों की संख्या के हिसाब से भारत में कोविड-19 का पॉजिटिविटी रेट 7.26 प्रतिशत मालूम होता है। वहीं, मृत्यु दर 2.72 प्रतिशत से घटकर 2.69 प्रतिशत हो गई है, जबकि रिकवरी रेट करीब 63 प्रतिशत हो गया है।
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10,000 मौतों के आंकड़े के करीब महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमितों की संख्या दो लाख 38 हजार से अधिक हो गई है। शुक्रवार को राज्य में 7,800 से अधिक नए मरीजों की पुष्टि हुई है और 226 मौतें दर्ज की गई हैं। इससे महाराष्ट्र में मृतकों का आंकड़ा 9,893 हो गया है, जो अगले 24 घंटों में आसानी से 10 हजार के पार जा सकता है। उधर, तमिलनाडु में कोरोना संक्रमण के चलते मारे गए लोगों की संख्या 1,800 से अधिक हो गई है। बीते दिन यहां 64 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की गई है। इसी दौरान तमिलनाडु में 3,680 संक्रमित सामने आए हैं, जिसके बाद राज्य में कोविड-19 के मामलों का आंकड़ा एक लाख तीस हजार से अधिक हो गया है। दिल्ली में यह संख्या एक लाख 9,140 है। यहां सार्स-सीओवी-2 वायरस ने 3,300 लोगों की जान ली है।
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हालांकि राजधानी में कोविड-19 से बचाए गए लोगों की संख्या मरीजों की कुल संख्या के हिसाब से महाराष्ट्र और तमिलनाडु से बेहतर है। यहां अभी तक कुल 84,694 मरीजों को इस बीमारी से बचाने में कामयाबी मिली है, जोकि दिल्ली में कोरोना वायरस से जुड़े कुल मामलों का 77.6 प्रतिशत है। वहीं, महाराष्ट्र में स्वस्थ मरीजों का आंकड़ा एक लाख 32 हजार 625 है, जो राज्य के कुल मरीजों का 55.6 प्रतिशत है। तमिलनाडु में बचाए गए मरीजों का आंकड़ा 63 प्रतिशत है। यहां अब तक 82 हजार से ज्यादा लोगों को बचाया गया है।
नीचे दी गई सूची से आप जान सकते हैं कि देश के कौन-कौन से राज्य मरीजों को कोरोना वायरस से बचाने के मामले में सबसे आगे रहे हैं। इस सूची में हमने केवल उन्हीं राज्यों को शामिल किया है, जहां कम से कम 70 प्रतिशत मरीजों की जान बचाने में सरकार और डॉक्टरों को कामयाबी मिली है।
राज्य | कुल मरीज | स्वस्थ हुए मरीज | प्रतिशत |
लद्दाख | 1064 | 917 | 86% |
उत्तराखंड | 3373 | 2706 | 80% |
छत्तीसगढ़ | 3767 | 3028 | 79% |
दिल्ली | 109140 | 84694 | 77% |
चंडीगढ़ | 539 | 408 | 76% |
राजस्थान | 23174 | 17620 | 76% |
मध्य प्रदेश | 16657 | 12481 | 75% |
हरियाणा | 19994 | 14904 | 74% |
हिमाचल प्रदेश | 1171 | 883 | 74% |
बिहार | 14575 | 10109 | 71% |
त्रिपुरा | 1918 | 1372 | 71% |
गुजरात | 40069 | 28147 | 70% |
ऊपर दी गई तालिका से पता चलता है कि देश के कई बड़े राज्य मरीजों की जान बचाने के मामले में दिल्ली, चंडीगढ़, हरियाणा और लद्दाख जैसे छोटे-छोटे राज्यों अथवा केंद्रशासित प्रदेशों से पिछड़ गए हैं। हालांकि यह सूची केवल 70 प्रतिशत या उससे ज्यादा रिकवरी रेट वाले राज्यों की जानकारी देती है। ऐसे कई राज्य हैं, जहां बचाए गए मरीजों की संख्या 60-65 प्रतिशत से ज्यादा है। इनमें उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु जैसे बड़े राज्य भी शामिल हैं। लेकिन कुछ राज्यों में कोरोना वायरस से मुक्त करार दिए गए मरीजों की संख्या 50 प्रतिशत भी नहीं है। इनमें कर्नाटक जैसा बड़ा और महत्वपूर्ण राज्य भी शामिल है।इन राज्यों की सूची नीचे देखी जा सकती है।
राज्य | कुल मरीज | स्वस्थ हुए मरीज | प्रतिशत |
दादरा नगर हवेली | 470 | 224 | 47 |
कर्नाटक | 33418 | 13838 | 41 |
नगालैंड | 743 | 304 | 41 |
अरुणाचल प्रदेश | 335 | 120 | 35 |
मेघालय | 186 | 45 | 24 |
इन दोनों ही सूचियों में केरल जैसे महत्वपूर्ण राज्य का नाम नहीं है। इसकी वजह यह है कि केरल में कोविड-19 से बचाए गए मरीजों की संख्या न तो 50 प्रतिशत से कम है और न ही 60 या 70 प्रतिशत से ज्यादा। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, केरल में कोरोना वायरस के कुल 6,950 मरीज हैं, जिनमें से 3,820 को ही बचाने में कामयाबी मिल पाई है। यह राज्य के कुल कोरोना मामलों का करीब 55 प्रतिशत है। कभी इस मामले में केरल सबसे आगे था। लेकिन मई महीने में लॉकडाउन में दी गई ढील की वजह से केरल में दूसरे राज्यों से लोग वापस लौटे। इसके चलते इस दक्षिण राज्य में संक्रमितों की संख्या बढ़ती चली गई। हालांकि मरीजों की संख्या में हुए इजाफे के बाद भी केरल में कोविड-19 की मृत्यु दर मात्र 0.4 प्रतिशत है। गौरतलब है कि यहां वायरस से केवल 28 लोगों की जान गई है।