भारत में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 21,393 हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार सुबह यह जानकारी दी। उसने बताया कि इन मरीजों में से 681 की मौत हो गई है। हालांकि इलाज से ठीक हुए और डिस्चार्ज किए गए लोगों की संख्या भी बढ़ कर 4,258 हो गई है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, बीते 24 घंटों में करीब 1,300 नए मामलों की पुष्टि हुई है।
ताजा अपडेट्स में नई बात यह है कि गुजरात में कोविड-19 के मृतकों का आंकड़ा सौ के पार चल गया है। मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, गुजरात में कुल 2,407 मरीजों में 103 कोरोना वायरस से होने वाली बीमारी से मारे गए हैं। उधर, मीडिया रिपोर्टों की मानें तो जल्दी ही राजस्थान भी 2,000 मरीजों वाले राज्यों की सूची में शामिल हो सकता है। ताजा जानकारी के मुताबिक, 47 नए मामलों के साथ राजस्थान में मरीजों की संख्या 1,935 हो गई है। यहां कोविड-19 से 27 लोग मारे गए हैं। वहीं, महाराष्ट्र में मरीजों की संख्या 5,652 हो गई है। इनमें से 269 मारे गए हैं और 789 मरीजों का सफलतापूर्वक इलाज कर दिया गया है।
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मरीजों के मामले में जहां महाराष्ट्र और गुजरात के बाद दिल्ली (2,248 मरीज) का नंबर आता है, वहीं, मृतकों के आंकड़ों के मामले में तीसरे नंबर पर मध्य प्रदेश है, जहां कोविड-19 से 80 लोगों की जान ली गई है। इसके बाद राजधानी का नाम आता है। यहां कोरोना वायरस के संक्रमण से 48 लोग मारे गए हैं। इसके बाद राजस्थान में 27, आंध्र प्रदेश में 24, तेलंगाना में 23, उत्तर प्रदेश में 21, तमिलनाडु में 18, कर्नाटक में 17, पंजाब में 16 और पश्चिम बंगाल में 15 लोगों की कोविड-19 से मौत हुई है। वहीं, दस से कम मौतों वाले राज्यों में जम्मू-कश्मीर (5), केरल (3), हरियाणा (3), झारखंड (3), बिहार (2), ओडिशा (1), मेघालय (1), हिमाचल प्रदेश (1) और असम (1) आते हैं।
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एंटीबॉडी टेस्ट को लेकर नए दिशा-निर्देश
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कोविड-19 की जांच के लिए जरूरी बताए जा रहे रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उसके मुताबिक, इस टेस्ट का इस्तेमाल केवल 'निगरानी' के उद्देश्य से किया जाना चाहिए। समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि बुधवार को इस बारे में जानकारी देते हुए आईसीएमआर के अतिरिक्त महानिदेशक डॉ. जीएस तोतेजा ने कहा, 'मैं यह बात दोहराना चाहूंगा कि एंटीबॉडी रैपिड टेस्ट का अधिकतर इस्तेमाल उन लोगों के लिए निगरानी के उपकरण के तौर पर करना है, जो वायरस के प्रभाव में हैं।'
सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखते हुए आईसीएमआर के अतिरिक्त महानिदेशक ने यह भी कहा कि रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट की किट्स मुहैया कराते समय यह साफ किया गया है कि ये किट्स आरटी-पीसीआर टेस्ट की जगह नहीं ले सकतीं। उन्होंने कहा, 'यह बात दोहराई जाती है कि कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट प्रमुखता के साथ जारी रखे जाएं।'
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आईसीएमआर ने यह बात ऐसे समय में कही है, जब कई राज्यों ने उसके द्वारा भेजी गई किट्स पर सवाल खड़े किए हैं। इस सिलसिले में एक जानकारी यह सामने आई है, कि जिन किट्स के परिणामों की सत्यता पर सवाल खड़े किए गए हैं, उन्हें चीन की दो कंपनियों ने तैयार किया है। ये दोनों कंपनियां अब आईसीएमआर की जांच के दायरे में हैं।