कोविड-19 महामारी के बीच कजाकिस्तान में कथित रूप से एक अनजान निमोनिया फैलने का दावा किया जा रहा है, जिसे चीन ने कोविड-19 बीमारी से ज्यादा घातक बताया है। हालांकि कजाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने चीनी दूतावास के इस दावे को खारिज किया है कि वहां फैल रहा निमोनिया कोई 'नया' या 'अनजान' स्वास्थ्य संकट है। लेकिन यह संकट है क्या, यह भी अभी तक पूरी तरह साफ नहीं हो पाया है। फिलहाल कजाकिस्तान के हालात के मद्देनजर इतना ही स्पष्ट है कि वहां कोविड-19 के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है।

वर्ल्डओमीटर के मुताबिक, बीती एक जून तक कजाकिस्तान में कोविड-19 से केवल 41 लोगों की मौत हुई थी और मरीजों की संख्या 20,800 थी। लेकिन उसके बाद इस मध्य एशियाई देश में संक्रमितों और मृतकों की संख्या बढ़ने लगी। ताजा आंकड़े बताते हैं कि अब कजाकिस्तान में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 61 हजार से ज्यादा हो गई है और मृतकों का आंकड़ा 375 तक पहुंच गया है। बीते कई दिनों से प्रतिदिन औसतन 1,500 से 2,000 के बीच नए मरीजों की पुष्टि हो रही है और 15-20 मौतें दर्ज की जा रही हैं।

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क्या है पूरा मामला?
दरअसल, कोविड-19 महामारी बढ़ने के बीच कजाकिस्तान स्थित चीनी दूतावास ने बीते हफ्ते अपने नागरिकों को चेतावनी जारी की थी। इसमें उसने कहा था कि कजाकिस्तान में फैल रहे एक अनजान निमोनिया से '1,700 से ज्यादा' लोगों की जान चली गई है। इनमें कुछ चीनी नागरिकों के शामिल होने की बात भी सामने आई है। इस बारे में बयान जारी करते हुए चीनी दूतावास ने कजाकिस्तान में रह हे अपने नागरिकों से कहा था, 'कजाकिस्तान का स्वास्थ्य विभाग और अन्य एजेंसियां इस बारे में अध्ययन कर रही हैं। अभी तक इस निमोनिया वायरस और इसके व्यवहार को लेकर कुछ स्पष्ट नहीं किया गया है।' बयान में चीन ने इस निमोनिया के लिए 'कजाकिस्तान निमोनिया' शब्द का इस्तेमाल किया। हालांकि बाद में उसने इसे बदलकर 'नॉन-कॉविड निमोनिया' शब्द कहना शुरू किया।

उधर, कजाकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने चीन के इस दावे को 'फेक न्यूज' करार दिया। उसने बयान जारी कर कहा कि उनके देश में 'अस्पष्ट' (अनस्पेसिफाइड) वायरल निमोनिया का पता चला है, लेकिन इस बात को खारिज कर दिया कि यह कोई नया या अनजान निमोनिया वायरस है। मंत्रालय ने बयान में कहा, 'ऐसी रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया देते हुए कजाकिस्तान का स्वास्थ्य मंत्रालय यह घोषणा करता है कि इस जानकारी का वास्तविकता से कोई संबंध नहीं है।'

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कजाकिस्तान के मंत्रालय का कहना है कि उसने निमोनिया के रजिस्ट्रेशन के लिए 'अनस्पेसिफाइड' शब्द का इस्तेमाल विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशा-निर्देशों के मुताबिक ही किया है। उसने बताया कि इन गाइडलाइंस के तहत अगर कोरोना वायरस के संक्रमण की क्लिनिकल पहचान हो जाए, लेकिन लैबोरेटरी टेस्टिंग में पुष्टि नहीं हो पाए तो इस तरह की शब्दावली का इस्तेमाल किया जा सकता है।

क्या कहता है डब्ल्यूएचओ?
कजाकिस्तान में फैल रहे 'अनजान' या 'अस्पष्ट' निमोनिया को लेकर डब्ल्यूएचओ का कहना है कि यह नया कोरोना वायरस हो सकता है। बीते सप्ताहांत एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान डब्ल्यूएचओ के आपातकालीन मामलों के एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर माइक रेयान ने कहा कि उनके हिसाब से कजाकिस्तान में संक्रमण से जुड़े मामलों को सही तरीकs से डायग्नॉस नहीं किया गया है। माइक के मुताबिक, कजाकिस्तान में कोविड-19 के बढ़ते मामले इसकी पुष्टि करते हैं।

माइक रेयान ने बताया कि डब्ल्यूएचओ कजाकिस्तान स्थित अपने अधिकारियों की मदद से निमोनिया के मामलों से जुड़ी एक्स-रे रिपोर्टों की समीक्षा करने पर काम कर रहा है। उनके मुताबिक, कजाकिस्तान में निमोनिया के मामले जिस तरह सामने आए, उसे देखते हुए स्पॉट पैटर्न की जांच कर यह पता लगाया जा रहा है कि उनका संबंध कोविड-19 से है या नहीं। उन्होंने साफ कहा कि डब्ल्यूएचओ को कई केसों में गलत डायग्नॉसिस होने का संदेह है। ऐसे में संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी वास्तविक जांच और उसकी गुणवत्ता की समीक्षा करेगी।

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इस बीच, कजाकिस्तान की सरकार ने वहां राष्ट्रीय लॉकडाउन को फिर से लागू कर दिया है। दूसरी तरफ, वहां के आम लोगों में स्वास्थ्य व्यवस्था व सुविधाओं की कमी और बदहालीके चलते लोगों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। बताया गया है कि मामले बढ़ने के चलते दवाओं की कमी हो गई है, टेस्ट भी पर्याप्त संख्या में नहीं हो पा रहे और अस्पतालों में लंबी लाइनें लगी हैं, जिसके चलते लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कजाकिस्तान में फैल रहा 'अनजान' निमोनिया नया कोरोना वायरस ही है या कुछ और जिसे चीन ने कोविड-19 से ज्यादा घातक बताया है? है

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