महाराष्ट्र में कोविड-19 बीमारी के मामले लगातार बढ़ने के बीच केंद्र सरकार द्वारा भेजी गई एक टीम ने राज्य को लेकर चिंताजनक अनुमान लगाया है, विशेषकर मुंबई के संबंध में। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गठित इस पैनल ने गणितीय मॉडल के परिणामों के आधार पर आशंका जताई है कि आगामी 30 अप्रैल तक मुंबई में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या 42,604 और 15 मई तक छह लाख 56,407 हो सकती है। उधर, महाराष्ट्र सरकार के लिए इस अनुमान को स्वीकार करना मुश्किल हो रहा है। इस संबंध में उसने अपने तर्क दिए हैं, जो केंद्रीय पैनल की आशंका के विपरीत है।
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प्रतिष्ठित अंग्रेजी अखबार 'द हिंदू' ने पैनल की रिपोर्ट की कॉपी होने के आधार पर यह खबर दी है। इसके मुताबिक, मंत्रालय ने जो अनुमानित आंकड़े पेश किए हैं, उनमें यह भी कहा गया है कि जैसे-जैसे मुंबई में कोरोना वायरस के मरीज बढ़ेंगे, वैसे-वैसे यहां चिकित्सा सुविधाओं की कमी होने लगेगी। मसलन, जब शहर में वायरस अपने चरम पर होगा तो मुंबई की स्वास्थ्य व्यवस्था में 13,636 वेंटिलेटर और चार लाख 83 हजार आइसोलेशन बेड की कमी महसूस हो सकती है। वहीं, बढ़ते संकट के चलते जो इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे, उनमें धारावी, वर्ली-महालक्ष्मी, माटुंगा, पारेल, अंधेरी वेस्ट, गोवंडी-मनखुर्द, नागपाड़ा और बाइकूला शामिल हैं। रिपोर्ट की मानें तो इन इलाकों में हालात को संभालने के लिए 8,400 से ज्यादा वॉलंटियर्स की जरूरत होगी।
उधर, राज्य सरकार ने अपनी तरफ से विस्तृत रिपोर्ट पेश करते हुए पैनल द्वारा लगाए गए अनुमानों में 'कमियों' का ज़िक्र किया है। महाराष्ट्र के एक वरिष्ठ नौकरशाह ने अखबार से बातचीत में कहा, 'हम इन अनुमानों को संदेह की नजर से देख रहे हैं, हालांकि उन्हें पूरी तरह नकार भी नहीं रहे। इन आंकड़ों के मद्देनजर राज्य ने अपनी तैयारियां बढ़ा दी हैं। लेकिन जिस आधार पर मरीजों के बढ़ने की दर (डबलिंग रेट) 3.8 दिन बताई गई है, उस पर हमने सवाल खड़ा किया है।' अधिकारी के मुताबिक, अनुमान लगाते समय यह भी नहीं देखा गया कि राज्य सरकार अब तक कितने मरीजों को डिस्चार्ज करने में कामयाब रही है और वायरस के प्रति ज्यादा संवेदनशील मरीजों को झोपड़पट्टियों में किस तरह आइसोलेट किया गया है।
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वहीं, महाराष्ट्र के एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने अखबार से कहा कि राज्य की तैयारियों को लेकर कई तरह के अनुमान लगाए जा रहे हैं। इस बारे में अधिकारी ने कहा, 'सभी मॉडलों से अलग-अलग परिणाम निकले हैं। कुछ ने अगले हफ्ते तक एक लाख से ज्यादा केस होने की बात कही है और कुछ ने कहा है कि लाखों मरीज हो जाएंगे। लेकिन इनमें से कुछ आंकड़े बढ़ा-चढ़ाकर दिखाए गए मालूम पड़ते हैं।' इस अधिकारी के मुताबिक, असल में राज्य और केंद्र सरकार दोनों उलझन में हैं कि आखिर किस अनुमान के साथ जाना है। हालांकि यह तय किया गया कि थोड़े बढ़े हुए अनुमान के तहत तैयारी की जाए।