ब्रिटेन और युनाइटेड किंगडम (यूके) के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन कोविड-19 बीमारी से उबर चुके हैं। उन्हें रविवार (भारतीय समयानुसार) को लंदन स्थित सैंट थॉमस अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। बाहर आने के बाद उन्होंने ब्रिटेन की स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए आभार व्यक्त किया। बताया जा रहा है कि बोरिस जॉनसन कुछ दिन काम से दूर रहेंगे। उन्हें आराम की सलाह दी गई है। ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने बताया कि बोरिस जॉनसन को काम पर लौटने में एक महीने तक का समय लग सकता है।
गौरतलब है कि दस दिन पहले बोरिस जॉनसन को कोविड-19 से पीड़ित पाया गया था। इसके बाद उन्होंने खुद को क्वारंटीन कर लिया था। लेकिन उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ, जिसके चलते जॉनसन को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। बाद में उन्हें आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया। उनका स्वास्थ्य बिगड़ने की खबरों ने ब्रिटेन समेत पूरी दुनिया के नेताओं को चिंतित कर दिया था। हालांकि अब वे ठीक हो गए हैं।
खबरों के मुताबिक, अस्पताल से डिस्चार्ज किए जाने के बाद बोरिस जॉनसन ने ब्रिटेन की स्वास्थ्य व्यवस्था 'नेशनल हेल्थ सर्विस' की प्रशंसा की। साथ ही अस्पताल की दो नर्सों का विशेष धन्यवाद दिया जो दस दिनों तक उनकी देखभाल करती रहीं। जॉनसन के मुताबिक, स्वास्थ्यकर्मियों ने उनकी जान बचाई वर्ना 'कुछ और भी (मौत) हो सकता था'।
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बोरिस जॉनसन को सचेत करने वाले डॉक्टर की नहीं बची जान
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री को वहां के डॉक्टरों ने बचा लिया, लेकिन उस डॉक्टर की जान नहीं बची, जिसने स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए ब्रिटिश सरकार से तुरंत और पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्वपमेंट यानी पीपीई की मांग की थी। खबरों के मुताबिक, 53 वर्षीय डॉक्टर अब्दुल माबूद चौधरी ने तीन हफ्ते पहले एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये बोरिस जॉनसन को आगाह किया था कि ब्रिटेन में पीपीई की काफी कमी है, जिसके चलते डॉक्टरों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की जान खतरे में हैं।
स्थानीय मीडिया रिपोर्टो के मुताबिक, पोस्ट में डॉक्टर अब्दुल ने ब्रिटिश पीएम से कहा था, 'यह ना भूलें कि भले ही हम डॉक्टर, नर्स या अन्य सहायक स्वास्थ्यकर्मी हों, जो मरीजों के सीधे संपर्क में हैं, लेकिन साथ ही हम इन्सान हैं जो इस दुनिया में अपने परिवार और दोस्तों के साथ जीना चाहते हैं... लोग हमारे काम के लिए हमारी प्रशंसा करते हैं जो प्रेरणादायक है। लेकिन मैं यह भी कहना चाहूंगा कि इस वैश्विक त्रासदी में हमें खुद को बचाने की जरूरत है।'
बीती 19 मार्च को बोरिस जॉनसन के नाम यह पोस्ट लिखने के बाद डॉक्टर अब्दुल चौधरी कोविड-19 से ग्रस्त पाए गए। कुछ दिनों बाद ब्रिटिश पीएम भी कोरोना वायरस से पॉजिटिव पाए गए। वे बच गए, लेकिन बीते हफ्ते डॉक्टर अब्दुल की मौत हो गई। वे लंदन के होमर्टन अस्पताल में बतौर कंसल्टेंट काम कर रहे थे।
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दुनियाभर में 22,000 से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मी कोविड-19 के शिकार
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाल में बताया कि दुनिया के 52 देशों में 22,000 हजार से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मी कोविड-19 से ग्रस्त पाए गए हैं। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, डब्ल्यूएचओ में अब तक 22,073 स्वास्थ्यकर्मियों के कोविड-19 से बीमार पड़ने की रिपोर्टें दर्ज हुई हैं। उसका कहना है कि यह संख्या असल आंकड़े से कम हो सकती है, क्योंकि स्वास्थ्यकर्मियों के इस बीमारी से पीड़ित होने को लेकर व्यवस्था नहीं है, जिससे पता चल सके कि असल में कितने डॉक्टर, नर्स और अन्य स्वास्थ्यकर्मी इस बीमारी का शिकार हुए हैं।
भारत में कम से कम 90 स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित
डॉक्टरों का कोविड-19 से संक्रमित होना भारत के लिए भी चिंता का विषय है। हाल के दिनों में यहां कई डॉक्टरों और अन्य प्रकार के स्वास्थ्यकर्मियों के कोरोना वायरस के संक्रमण से बीमार होने की पुष्टि हुई है। सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि देश में अब तक कम से कम 90 डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिक्स स्टाफ के लोग कोविड-19 से ग्रस्त पाए गए हैं। वहीं, कुछ अन्य मीडिया रिपोर्टों में यह संख्या सौ से ज्यादा बताई गई है।
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