ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो तीसरी बार कोविड-19 के टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए हैं। बीती सात जुलाई को उनके पहली बार कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में आने की पुष्टि हुई थी। वहीं, बीते हफ्ते वे दूसरी बार कोरोना वायरस के टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए थे। अब ब्राजील के संचार मंत्रालय के हवाले से ब्राजीलियन मीडिया में पुष्टि की गई है कि जेयर बोलसोनारो तीसरी बार कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। इस बारे में मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान के मुताबिक, मंगलवार को जेयर बोलसोनारो का कोविड-19 टेस्ट किया गया था, जिसका परिणाम पॉजिटिव निकला है। हालांकि मंत्रालय ने दावा किया है कि बोलसोनारो की हालत अच्छी दिख रही है, फिलहाल वे अपनी मेडिकल टीम की देखरेख में हैं।
इससे पहले बीते हफ्ते दूसरी बार पॉजिटिव पाए जाने के बाद बोलसोनारो ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी देते हुए कहा था कि उनमें कोविड-19 के लक्षण नहीं दिख रहे हैं। उन्होंने बताया था कि वे एंटी-मलेरिया ड्रग हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का सेवन कर रहे हैं। बोलसोनारो के मुताबिक, पहली बार कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के बाद से वे इस दवा का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसे लेकर बोलसोनारो ने बताया था, 'मैं अपनी तरफ से कोई सुझाव नहीं दे रहा हूं। मुझे सेना के एक डॉक्टर ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन लेने का सुझाव दिया था और इसने काम किया है। (लेकिन) आप मैं आपसे कहूंगा कि आप (जनता) पहले अपने डॉक्टर से बात करें।'
बोलसोनारो ने बीते हफ्ते भले हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को वायरस के खिलाफ 'कारगर' बताया था, लेकिन उनकी नई कोविड टेस्ट रिपोर्ट बताती है कि यह दवा उन्हें इस विषाणु के संक्रमण से नहीं बचा पा रही है। गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के खिलाफ हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को रोग अवरोधक के रूप में लिए जाने की सिफारिश दुनियाभर के कई देशों में की गई है। इनमें भारत भी शामिल है। हालांकि इस दवा से जुड़े कई अध्ययनों और ट्रायलों के परिणाम बताते हैं कि यह ड्रग कोरोना वायरस को खत्म करने या इसके संक्रमण को रोकने, दोनों में असरदार नहीं है। ब्राजील में ही हुए एक अध्ययन में इस दवा को कोविड-19 के खिलाफ 'बेअसर' बताया गया है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, प्रतिष्ठित मेडिकल पत्रिका न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में छपी एक शोध रिपोर्ट में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को कोरोना वायरस के खिलाफ 'बेअसर' करार दिया गया है। इस अध्ययन के तहत ब्राजील के 55 अस्पतालों में भर्ती 667 मरीजों पर एचसीक्यू के क्लिनिकल ट्रायल किए गए थे। इस प्रयोग के जरिये शोधकर्ताओं ने यह जानने की कोशिश की कि एंटी-मलेरिया ड्रग अकेले या एजिथ्रोमाइसिन एंटीबायोटिक के साथ मिलकर कोविड-19 के हल्के और मध्यम मरीजों की हालत में सुधार करता है या नहीं। परिणाम में पता चला कि यह ड्रग सार्स-सीओवी-2 वायरस के खिलाफ अप्रभावी तो है ही, साथ ही इसके संभावित दुष्प्रभाव भी हैं। शोधकर्ताओं ने बकायदा रैंडमाइज्ड कंट्रोल ट्रायलों के आधार पर यह दावा किया है, जिसे क्लिनिकल इनवेस्टिगेशन में 'गोल्ड स्टैंडर्ड' का दर्जा प्राप्त है।
बहरहाल, राष्ट्रपति बोलसोनारो के लिए ये परिणाम दोहरे झटके की तरह हैं। कोविड-19 संकट से निपटने के अपने तरीकों को लेकर वैश्विक आलोचना का सामना कर रहे ब्राजीलियाई राष्ट्रपति ने इस दवा को लेकर बड़े दावे किए थे और कोविड-19 को मामूली बीमारी बताया था। लेकिन तथ्य बताते हैं कि एचसीक्यू लेते हुए वे न सिर्फ खुद तीन बार संक्रमित पाए गए हैं, बल्कि यह दवा बाकी लोगों की जान बचाने में भी बेकार साबित हुई है। गौरतलब है कि ब्राजील की सरकार ने अपने स्वास्थ्यगत ढांचे के तहत कोविड-19 के मरीजों को एचसीक्यू देने का निर्देश दिया हुआ है।
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बता दें कि जेयर बोलसोनारो के तीसरी बार संक्रमित पाए जाने और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के क्लिनिकल ट्रायल आधारित परिणामों की खबर ऐसे समय में सामने आई है, जब ब्राजील में कोरोना वायरस से जुड़े मरीजों की संख्या 23 लाख के करीब पहुंच गई है। बीते 24 घंटों में इस दक्षिण अमेरिकी देश में 58 हजार से ज्यादा लोग कोविड-19 से ग्रस्त पाए गए हैं। इसी दौरान 1,317 लोगों की इस बीमारी से मौत हो गई है। इससे ब्राजील में कोरोना संक्रमितों की संख्या 22 लाख 90 हजार के करीब हो गई है, जबकि मृतकों का आंकड़ा 84 हजार से अधिक हो गया है।