केंद्र सरकार में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं। रविवार को उनका कोविड-19 टेस्ट पॉजिटिव आया है। इसके बाद जेपी नड्डा ने खुद को घर में ही आइसोलेट कर लिया है। उन्होंने ट्विटर पर अपने कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि भी की। एक ट्वीट में जेपी नड्डा ने बताया, 'कोरोना के शुरुआती लक्षण दिखने पर मैंने टेस्ट करवाया और रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। मेरी तबीयत ठीक है। डॉक्टर्स की सलाह पर होम आइसोलेशन में सभी दिशा-निर्देशों का पालन कर रहा हूं। मेरा अनुरोध है कि जो भी लोग गत कुछ दिनों में (मेरे) संपर्क में आए हैं, कृपया स्वयं को आइसोलेट कर अपनी जांच करवाएं।'
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जेपी नड्डा के कोरोना वायरस की चपेट में आने को उनकी हालिया राजनीतिक गतिविधियों से जोड़कर देखा जा रहा है। अपने टाइट शेड्यूल के तहत उन्होंने उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल समेत अन्य राज्यों के दौरे किए हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि संभवतः नड्डा इसी दौरान वायरस के चपेट आए होंगे। इस प्रकार से सार्स-सीओवी-2 से संक्रमित होने वाले वे पहले भाजपा नेता नहीं है। खबरों के मुताबिक, बिहार चुनाव के दौरान पार्टी के लिए प्रचार करते हुए अन्य भाजपा नेताओं के टेस्ट भी पॉजिटिव पाए गए थे। इनमें महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भी शामिल थीं।
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बहरहाल, जेपी नड्डा से पहले देश के कई बड़े नेता, विधायक, सांसद और मंत्री कोविड-19 से ग्रस्त हो चुके हैं। यहां उल्लेखनीय है इन नेताओं में भाजपा के नेताओं, विधायकों, सांसदों और मंत्रियों/पूर्व मंत्रियों की संख्या अच्छी खासी है। पार्टी में कोरोना संक्रमण के इतने मामले आ चुके हैं कि मौजूदा केंद्र सरकार में दूसरा सबसे बड़ा मंत्री पद संभालने वाले अमित शाह (गृह मंत्री) तक कोरोना वायरस से प्रभावित हो चुके हैं। वे अब ठीक हैं, लेकिन कोविड-19 के चलते उन्हें कई दिनों तक अस्पताल में रहना पड़ा था। पहले उन्हें इलाज के लिए गुड़गांव स्थित मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में पोस्ट-कोविड ट्रीटमेंट के दौरान उन्हें दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान चिकित्सा संस्थान में कुछ और दिन गुजारने पड़े थे।
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यह अच्छी बात रही है कि कोरोना वायरस की चपेट में आने वाली ज्यादातर राजनीतिक हस्तियों की हालत में रिकवरी देखी गई है। लेकिन कुछ नेता ऐसे भी रहे हैं, जिन्होंने इस वायरस के चलते दम तोड़ा है। इनमें सबसे बड़ा नाम पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का है, जिनकी बीते अगस्त महीने में कोविड-19 से पॉजिटिव होने के कुछ समय बाद मौत हो गई थी। उनके अलावा, देश के एक अन्य बड़े नेता और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ सांसद (राज्यसभा) रहे अहमद पटेल ने भी हाल ही में नवंबर महीने में कोरोना संक्रमण के कारण दम तोड़ा था। वहीं, असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई की भी कोविड-19 से संबंधित कॉम्प्लिकेशन के कारण अक्टूबर महीने में मौत हो गई थी।