कोरोना वायरस के चलते बड़े स्वास्थ्य संकट से जूझ रहे अमेरिका में कोविड-19 बीमारी के इलाज के लिए एक नई वैक्सीन बनाए जाने का दावा किया गया है। अमेरिका के चर्चित अखबार ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ (एनवाईटी) में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उनके द्वारा तैयार की गई वैक्सीन ने उस स्तर की क्षमता प्राप्त कर ली है, जो कोविड-19 के संक्रमण को रोकने में कारगर साबित होगी।
एनवाईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग स्कूल ऑफ मेडिसिन’ के वैज्ञानिकों ने यह वैक्सीन तैयार की है। शोधकर्ताओं का कहना है कि उनकी टीम ने चूहों पर परीक्षण कर इस वैक्सीन से जुड़े सकारात्मक नतीजे प्राप्त किए हैं। इन वैज्ञानिकों ने यह दावा भी किया है कि उन्होंने बाकी देशों के मुकाबले कोविड-19 की वैक्सीन जल्दी विकसित की है। गौरतलब है कि यह वैक्सीन कोरोना वायरस से होने वाली दो अन्य बीमारियों सार्स और मर्स को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है।
अखबार के मुताबिक, इस वैक्सीन को लेकर अमेरिका के ‘पिट्सबर्ग स्कूल ऑफ मेडिसिन’ की एसोसिएट प्रोफेसर एंड्रिया गाम्बोटो का कहना है, ‘सार्स और मर्स के वायरस, नए कोरोना वायरस यानी सार्स-सीओवी-2 (कोविड-19) से कुछ हद तक मिलते-जुलते हैं। इससे हमें यह पता चला कि इन तीनों वायरस के स्पाइक प्रोटीन (वायरस की बाहरी परत) को नष्ट करना बेहद आवश्यक है ताकि इस महामारी को रोक कर लोगों को कोरोना वायरस से मुक्ति दिलाई जा सके। इस तरह शोध के तहत हमें यह पता चला है कि कोविड-19 को खत्म करने के लिए सही में किस जगह पर हमला करना है।’
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कितनी देर तक रहेगा वैक्सीन का असर?
प्रोफेसर एंड्रिया गाम्बोटो के मुताबिक, वायरस को कैसे मारना है, इसको जानने के लिए वैज्ञानिकों की टीम ने वैक्सीन को चूहे पर टेस्ट किया। उनकी मानें तो टेस्ट में अपेक्षित नतीजे सामने आए। उन्होंने बताया कि वैक्सीन के प्रभाव के चलते चूहों के शरीर में ऐसे एंटीबॉडीज पैदा हुए जो नए कोरोना वायरस को शरीर में फैलने से रोकने में कारगर साबित हुए। हालांकि शोधकर्ता यह साफ नहीं कर पाए है कि चूहों में एंटीबॉडी का असर कितनी देर तक या कितने समय तक सक्रिय रहेगा। यानी यह दावा नहीं किया जा सकता कि इस दवा को कोविड-19 के मरीजों को देने से, वायरस के खिलाफ उनकी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया कब तक कायम रहती है। बहरहाल, वैज्ञानिकों ने इस वैक्सीन को 'पिटगोवैक' नाम दिया है।
एक और वैज्ञानिक ने किया दावा
अमेरिका में ही कोविड-19 की दवा बनाने का एक और दावा किया गया है। यहां कैलिफोर्निया राज्य में फिजिशियन और एक बायोटेक कंपनी के सीईओ डॉक्टर जैकब ग्लेनविले ने यह दावा किया है। ग्लेनविले का कहना है कि उनके पास प्रभावशाली एंटीबॉडीज हैं जो नए कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 के खिलाफ कारगर साबित हो सकते हैं। बता दें कि डॉक्टर ग्लेनविले चर्चित वेब सीरीज प्लेटफॉर्म 'नेटफ्लिक्स' के एक डॉक्युमेंट्री शो में नजर आ चुके हैं। इसें उन्होंने बताया था कि वे एक वैक्सीन बना रहे हैं, जो कोरोना के संक्रमण को खत्म करने में कारगर होगी। बीते सोमवार को डॉक्टर ग्लेनविले ने घोषणा करते हुए कहा कि उनकी कंपनी ने कई ऐसे एंटीबॉडीज खोजे हैं, जो कोविड-19 का बेहतर इलाज करने में मददगार साबित हो सकते हैं।
डॉक्टर ग्लेनविले के मुताबिक, उनकी कंपनी से जुड़े वैज्ञानिकों ने सार्स को बेअसर करने में सक्षम पांच एंटीबॉडी की एक सीरीज तैयार की है। इन्हें साल 2002 में सार्स को रोकने में इस्तेमाल किया गया था। कंपनी के वैज्ञानिकों ने इन एंटीबॉडीज के कई वर्जन तैयार किए हैं, जिनका इस्तेमाल नए कोरोना वायरस के खिलाफ किया जा सकता है। अमेरिकी मीडिया के मुताबिक, वहां की सेना इन दवाओं की जांच करेगी। वहीं, ग्लेनविले ने कहा कि टेस्ट सफल होने के बाद इन एंटीबॉडीज को इस्तेमाल की मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा सकता है। इसके बाद गर्मियों के आखिर में लोगों पर पहले और दूसरे चरण का ट्रायल किया जाएगा। इसके तहत अगर उन्हें लगता है कि ड्रग सुरक्षित और वायरस को रोकने में सहायक है तो इसी साल सितंबर में इसका उपयोग शुरू किया जा सकेगा।