हम जानते हैं कि कोविड-19 सबसे ज्यादा फेफड़ों को प्रभावित करता है क्योंकि कोविड-19 बीमारी के लिए जिम्मेदार सार्स-सीओवी-2 वायरस एसीई2 रिसेप्टर्स से खुद को बांध लेता है जो मुख्य रूप से फेफड़ों और रक्त धमनियों में पाया जाता है और उसके अतिरिक्त कुछ दूसरे अंगों में भी। कोविड-19 के गंभीर लक्षणों में से एक है सांस फूलना या सांस लेने में दिक्कत महसूस होना। यह संक्रमण वायु कोष तक पहुंचकर इन्फ्लेमेशन यानी सूजन-जलन की समस्या उत्पन्न कर सकता है और साथ ही फेफड़ों में तरल पदार्थ भी भर सकते हैं (निमोनिया की स्थिति)।
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सांस से जुड़ी कुछ परेशानियां कोविड-19 का इलाज हो जाने के बाद भी रिकवरी फेज में जारी रह सकती हैं। इसका कारण- कोविड-19 की वजह से होने वाला पल्मोनरी इम्बोलिज्म (इसमें फेफड़ों की छोटी छोटी रक्त धमनियों में रूकावट आने लगती है, हाइपरऐक्टिव इम्यून प्रतिक्रिया की वजह से पीछे जो मलबा और खून के थक्के रह जाते हैं उनकी वजह से) और कोविड के बाद कुछ मरीजों में फेफड़ों में होने वाले फाइब्रोसिस की समस्या।
कोविड-19 के बाद सांस फूलने की समस्या को मैनेज करने के लिए इन 2 तरीकों को अपनाएं
- पहला ब्रीदिंग पोजिशन्स
- दूसरा ब्रीदिंग एक्सरसाइज
ब्रीदिंग पोजिशन्स ये किसी तरह की मुश्किल पोजिशन नहीं है, इसका मकसद आपको कंफर्टेबल बनाना है और आपकी मदद करना है ताकि आप जितना हो सके उतनी हवाओं को फेफड़ों में भर लें। जब भी आपकी सांस फूलने लगे आप इनमें से किसी भी पोजिशन को ट्राई कर सकते हैं:
- सीधे बैठें : कुर्सी या सोफे पर आराम से लेकिन पीठ को बिलकुल सीधा करके बैठें। कंधों को रिलैक्स कर लें और अपने हाथों को अपनी गोद में रखें। आंखों को खुला रखें और सामने की तरफ देखें। धीरे-धीरे सांस लें। वायुमार्ग में किसी भी तरह की रुकावट हमेशा सीधे बैठने से दूर हो जाती है। कंधों को रिलैक्स करने से बेचैनी दूर होती है और सांस लेने की प्रक्रिया में भी सुधार होता है।
- आगे की तरफ झुककर बैठें : कुर्सी में आराम से बैठें और अपने हाथों की कुर्सी के हत्थे पर या अपनी जांघ पर रखें और आगे की तरफ थोड़ा झुकें। अगर सिर घूम रहा हो तो ऐसा न करें। आगे झुकने से फेफड़ों की वेंटिलेशन की क्षमता बेहतर होती है और वे ज्यादा हवा अंदर ले पाते हैं।
- नीचे सिर रखकर बैठें : अगर आप एक मेज के सामने बैठे हैं, तो अपनी बाहों से तकिया बनाएं और अपना सिर उसपर रखें। एक तरफ देखें- अपने एक गाल को माथे की बजाय बाहों पर रखें। आप अपने गाल के नीचे कुर्सी पर रखा जाने वाला कुशन या तकिया भी रख सकते हैं।
- पीठ को सपोर्ट देते हुए खड़ा होना : अपनी पीठ को दीवार के साथ टिकाकर खड़े हों। अपने पैरों को दीवार से दूर थोड़ा आगे लाएं। अपने कंधों को आराम देने पर फोकस करें।
- आगे झुककर खड़े हों : किसी दीवार या खिड़की की चौखट के सामने खड़े हों। थोड़ा आगे की ओर झुकें और अपनी हथेलियों को दीवार पर या अपनी कोहनी को खिड़की की दीवार पर टिकाएं (सुनिश्चित करें कि खिड़की सुरक्षित है और आपके गिरने का कोई खतरा नहीं है)।
- ऊंचे हिस्से पर लेटना : अपने बिस्तर पर 4-5 नरम तकिया रखें और सिर को इन तकियों पर आराम से रखते हुए एक तरफ करवट लेकर लेट जाएं। यह स्थिति भी सोने के लिए अच्छी है अगर नाक बंद होने या जाम होने की वजह से आपकी रातों की नींद खराब हो रही है।
ब्रीदिंग एक्सरसाइज
जब आप ठीक से सांस नहीं ले पाते हैं तो अनुभव बेहद डरावना हो सकता है। इस बात को पूरी तरह से समझा जा सकता है अगर आपको अस्पताल में रहने के दौरान या घर पर ही बीमार रहते हुए बिस्तर पर रहने की बुरी यादें सताएं। हालांकि, जब आपको सांस लेने में दिक्कत महसूस हो रही हो ऐसे समय में आपका तात्कालिक लक्ष्य सांस को नियमित करना होना चाहिए। घबराएं नहीं और इन एक्सरसाइज में से किसी एक पर ध्यान केंद्रित करें:
पेट से सांस लेना : कुर्सी पर आराम से बैठें। पीठ को सीधा लेकिन कुर्सी के साथ सपोर्ट में रखें। अब एक हाथ को अपने सीने पर और दूसरे को पेट पर रखें। जैसे-जैसे आप नाक से सांस लेते हैं, वैसे-वैसे अपने हाथ को उठते हुए महसूस करें। अपने मुंह से सांस बाहर छोड़ें और अपने पेट पर हाथों को अपने मूल स्थान पर वापस लौटते हुए देखें। आराम से सांस लें। शोध से पता चला है कि जब हम नाक से सांस लेते हैं, तो शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड का सुई की तरह प्राकृतिक अंतःक्षेपण होता है। यह फेफड़ों को हर एक सांस के साथ अधिक ऑक्सीजन लेने में मदद करता है।
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आयत का पता लगाएं : यह एक्सरसाइज आपको एक आसान लय में लाकर सांस को नियमित करने में मदद कर सकती है। अपने कमरे में एक छोटा आयत खोजें: वो चाहे कंप्यूटर का मॉनिटर हो, टीवी स्क्रीन या खिड़की का फ्रेम। सांस लेते वक्त आयत के छोटे हिस्से के एक छोर से दूसरे छोर तक जाते हुए टकटकी लगाए रखें। आयत के लंबे पक्ष की ओर देखते वक्त सांस बाहर छोड़ें। इसे एक या दो मिनट तक तब तक करें जब तक आपकी सांस लयबद्ध न हो जाए।
रफ्तार से सांस लें : सीढ़ियों पर चढ़ने और लंबी दूरी तक चलने की वजह से कोविड-19 से रिकवर हुए कुछ मरीज हांफने लगते हैं। निश्चिंत रहें थोड़ा-थोड़ा करके यह समस्या बेहतर हो जाएगी। सांस लेने की इस लय का पालन करते हुए आप धीरे-धीरे अपने चलने की दूरी और सीढ़ियां बढ़ा सकते हैं:
- इससे पहले कि आप पहला कदम बढ़ाएं सांस लें।
- सांस बाहर छोड़ते हुए एक-एक सीढ़ी ऊपर चढ़ें।
- दोबारा सीढ़ी चढ़ने से पहले आराम करें और सांस लें।
पल्मोनोलॉजिस्ट ने चेतावनी दी है कि सप्लिमेंटल या पूरक ऑक्सीजन इन परिस्थितियों में सांस लेने में मदद नहीं करेगा। ऐसे में ऊपर वर्णित एक्सरसाइज में से किसी एक पर अपना ध्यान केंद्रित करना बेहतर होगा। सांस फूलने की वजह से भी कई बेचैनी महसूस होती है, जिससे सांस लेना और भी मुश्किल हो सकता है। यह आसान नहीं है, लेकिन कोशिश करें और शांत रहें।