कोविड-19 से उबरने के बाद भी मरीजों को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर पड़ सकता है। हाल में सामने आई कई स्टडी में यह जानकारी दी गई है। इनमें यह भी बताया गया है कि कोविड-19 से उबरने के बाद भी मरीजों को इसके शारीरिक नुकसानों से पूरी तरह रिकवर होने में काफी समय लग सकता है। इसी सिलसिले में चीन में हुए एक अध्ययन में पाया गया है कि कोरोना वायरस से रिकवर होने के बाद 99 प्रतिशत मरीजों के फेफड़े अभी भी क्षतिग्रस्त हालत में हैं। वहीं, कुछ स्वस्थ मरीजों के शरीर के एंटीबॉडी लुप्त हो गए हैं, जिसके चलते वे दोबारा वायरस से संक्रमित पाए गए। इस कारण उन्हें फिर से अस्पताल में भर्ती होना पड़ा।

पीटीआई की खबर के मुताबिक, वुहान यूनिवर्सिटी के झोंगनन अस्पताल के आईसीयू विभाग के निदेशक डॉ. पेंग झियोंग और उनकी टीम अप्रैल के महीने से कोविड-19 के 100 स्वस्थ मरीजों पर नजर बनाए हुए हैं। उनके इस अभियान का पहला चरण जुलाई में ही खत्म हुआ है, जिसके तहत 59 वर्ष की औसत उम्र वाले इन मरीजों की समूह का बीमारी से ठीक होने के बाद फॉलो-अप किया गया है।

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चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के हवाले से बताया गया है कि पहले चरण के परिणाम बताते हैं कि कोविड-19 से उबरने के बाद भी हर दस में से नौ मरीजों के फेफड़े अभी भी क्षतिग्रस्त  स्थिति में हैं। इसका मतलब है कि उनके फेफड़ों में वेंटिलेशन और गैस एक्सचेंज की प्रक्रिया सुचारू रूप से चलने की हालत में नहीं आई हैं। कुछ को तो तीन महीनों के बाद भी ऑक्सीजन मशीन पर निर्भर रहना पड़ रहा है।

वहीं, अन्य परिणामों में यह बात भी सामने आई है कि इन 100 मरीजों में से दस प्रतिशत के शरीर से कोरोना वायरस को रोकने वाले एंटीबॉडी भी गायब हो गए हैं। वहीं, कोई पांच प्रतिशत मरीजों के न्यूक्लिक एसिड टेस्ट के नतीजे नेगेटिव आए, लेकिन इम्यूनोग्लोबुलिन-एम यानी एंटीबॉडी टेस्ट में वे पॉजिटिव पाए। इसके चलते उन्हें फिर से क्वारंटीन करना पड़ा।

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पहले चरण के परिणामों से साफ हुआ है कि ये 100 मरीज पूरी तरह से रिकवर नहीं हुए हैं, क्योंकि उनके शरीर में बी सेल्स का लेवल काफी कम है, जोकि इम्यून सिस्टम की एक महत्वपूर्ण कोशिका मानी जाती है। इस प्रोग्राम से जुड़े डॉक्टरों का कहना है कि इससे पता चलता है कि इन मरीजों के रिकवर होने की प्रक्रिया अभी भी चालू है। इस दौरान वे डिप्रेशन और कोविड-19 होने के स्टिग्मा (दाग या धब्बा) की समस्या से भी गुजरे हैं। कई मरीजों ने बताया कि उनके परिवार के सदस्य उनके साथ एक ही टेबल पर खाना नहीं खाना चाहते। इसके अलावा, तीन महीनों के बाद भी आधे से कम मरीज काम पर वापस लौट पाए हैं।

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: स्वस्थ होने के तीन महीने बाद भी अधिकतर मरीजों के फेफड़ों की हालत क्षतिग्रस्त, कुछ के एंटीबॉडी हुए गायब- अध्ययन है

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