धार्मिक स्थलों पर इकट्ठा होने वाली भीड़ के जरिये कोरोना वायरस फैलने की घटनाओं का सामने आना जारी है। कुछ समय पहले दिल्ली स्थित निजामुद्दीन मरकज में तब्लीगी जमात के कार्यक्रम को लेकर काफी ज्यादा विवाद हुआ था। अब आंध्र प्रदेश स्थित प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर में काम करने वाले 743 कर्मियों के कोविड-19 टेस्ट में पॉजिटिव पाए जाने की खबर है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, पीड़ितों में मंदिर के कुछ पुजारी भी शामिल हैं, जो भगवान वेंकटेश्वर के 'पवित्र स्थल' की पूजा और अन्य धार्मिक अनुष्ठान में शामिल रहते हैं। बताया गया है कि उनमें से तीन की मौत भी हो चुकी है। मंदिर चलाने वाले ट्रस्ट तिरुमाला तिरुपति देवस्थनम (टीटीडी) ने औपचारिक रूप से इसकी जानकारी दी है।
खबर के मुताबिक, टीटीडी के पदाधिकारी अनिल कुमार सिंघल ने पत्रकारों को बताया, '743 संक्रमितों में से तीन की मौत हो गई है। 402 स्टाफकर्मी ठीक हो गए हैं, जबकि 338 का अलग-अलग कोविड सेंटरों में इलाज किया जा रहा है।' तिरुपति मंदिर में कोरोना वायरस फैलने के मामलों ने हाल में काफी सुर्खियां बटोरी हैं। मंदिर के दरवाजे बीती 11 जून को फिर से खोले गए थे, यानी ऐसे समय में जब देश में कोरोना वायरस के संक्रमण ने तेज गति से लोगों को बीमार करना शुरू कर दिया था। उससे पहले मंदिर बीते ढाई महीनों से बंद था।
मंदिर के दरवाजे फिर से खोले जाने को लेकर मीडिया और सोशल मीडिया पर कई तरह की अटकलें और आरोप लगते रहे हैं। इनके बारे में बोलते हुए टीटीडी के पदाधिकारी अनिल सिंघल ने कहा कि यह आरोप गलत है कि मंदिर को इसके 'खाली होते खजाने को देखते हुए खोला गया' था। उन्होंने दावा किया कि ऐसा भगवान वेंकटेश्वर के भक्तों के आग्रह पर किया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि मंदिर को खोले जाने के बाद लोगों का प्रवेश निर्धारित दिशा-निर्देशों के तहत ही किया जा रहा है।