कोविड-19 बीमारी से पीड़ित एक-चौथाई युवाओं को पहले की तरह सामान्य जीवन में लौटने में हफ्तों का समय लगता है। कोरोना वायरस के संक्रमण के युवाओं की सेहत पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर किए गए एक नए शोध में यह जानकारी सामने आई है। इसमें बताया गया है कि सार्स-सीओवी-2 से संक्रमित होने वाले 25 प्रतिशत युवा ठीक होने के बाद भी कई हफ्तों तक सामान्य स्वास्थ्य प्राप्त नहीं कर पाते। शोध के मुताबिक, भले ही कोविड-19 से ग्रस्त युवा पहले से किसी बीमारी से पीड़ित न हों या कभी अस्पताल में भर्ती न हुए हों, इसके बावजूद उन्हें इससे पूरी तरह उबरने में काफी समय लग सकता है।
यह शोध अमेरिका में स्वास्थ्य मामलों से जुड़ी शीर्ष सरकारी एजेंसी सेंटर्स फॉर डिसीज एंड प्रिवेंशन यानी सीडीसी की आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया है। इसमें साफ किया गया है कि युवाओं के भी कोविड-19 से रिकवर होने की प्रक्रिया लंबी चल सकती है। सीडीसी ने बीते सप्ताहांत इस बारे में जानकारी देते हुए कहा है कि पहले की तरह सामान्य होने में हो रही देरी के चलते युवा वयस्क मरीजों को लंबे वक्त के लिए काम, पढ़ाई और दूसरी गतिविधियों से दूर रहना पड़ सकता है।
दरअसल, अस्पतालों में भर्ती कोविड-19 के मरीजों पर कई शोध किए जा चुके हैं। लेकिन बिना अस्पताल में भर्ती हुए ठीक होने वाले मरीजों पर किए गए शोध तुलनात्मक रूप से कम हैं। ऐसे में शोधकर्ताओं ने 18 साल और उससे ज्यादा उम्र के ऐसे करीब 300 लोगों की जानकारी का विश्लेषण किया, जो कोविड-19 के टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए थे, लेकिन टेस्टिंग के समय अस्पताल में भर्ती नहीं थे। अध्ययन के तहत वैज्ञानिकों ने दो से तीन हफ्तों के अंतराल में इन प्रतिभागियों के इंटरव्यू लिए। इसके जरिये उनकी तात्कालिक स्वास्थ्य स्थिति की जानकारी ली गई।
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इस दौरान, करीब दो-तिहाई लोगों ने कहा कि वे टेस्ट होने के करीब एक हफ्ते बाद ही अपने पुराने स्वास्थ्य की स्थिति में आ गए थे। लेकिन 35 प्रतिशत मरीज ऐसे थे, जो इंटरव्यू के समय तक भी सामान्य स्वास्थ्य की ओर नहीं लौट सके थे, जबकि उनका टेस्ट हुए 14 से 21 दिन तक बीत चुके थे। परिणाम में यह सामने आया कि 18 से 34 वर्ष की आयु के बीच के हर चार युवा वयस्कों में से एक को रिकवर होने में दो से तीन हफ्तों से भी ज्यादा समय लग रहा था। वहीं, 35 से 49 वर्ष की आयु के मरीजों में यह संख्या हर चार में से दो निकल कर आई, जबकि 50 साल या उससे ज्यादा मरीजों में हर दूसरे व्यक्ति को पूरी तरह रिकवर होने में ज्यादा समय लग रहा था। यहां तक कि बिना किसी अन्य बीमारी से पीड़ित युवा वयस्कों में भी हर पांच में से एक में कोरोना संक्रमण के लक्षण दो-तीन हफ्तों बाद भी दिख रहे थे।
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