गर्मियों का मौसम आया नहीं कि ज्यादातर लोग फ्रिज का ठंडा पानी, कोल्ड ड्रिंक, आइसक्रीम और बर्फ वाली ड्रिंक्स का सेवन करने लगते हैं, हर वक्त एसी और कूलर में बैठे रहते हैं। ये सारी चीजें भले ही हमें गर्मी से राहत दें, लेकिन इनसे शरीर को नुकसान भी होता है। कई बार एसी से सीधे बाहर धूप में जाने या धूप से सीधे एसी में आने या धूप से आकर तुरंत ठंडा पानी पी लेने से गर्मी के मौसम में भी लोगों को सर्दी-जुकाम, खांसी जैसी बीमारियां हो जाती हैं। 

अगर आप सोचते हैं कि सर्दी-जुकाम यानी कॉमन कोल्ड की समस्या सिर्फ सर्दी के मौसम में होती है, तो ऐसा नहीं है। बहुत से लोग गर्मियों में होने वाले सर्दी-जुकाम को एलर्जी समझने की भूल भी करते हैं। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपको सर्दी-जुकाम सर्दी के मौसम में हुआ है, गर्मी के मौसम में इसका कारण हमेशा वायरस ही होता है। करीब 200 अलग-अलग तरह के वायरस होते हैं, जिनकी वजह से सर्दी-जुकाम जैसी समस्याएं हो सकती हैं और इन सबके लक्षण अक्सर एक जैसे ही होते हैं- छींक आना, नाक बहना, गले में खराश आदि।

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बहुत से लोगों को ऐसा लगता है कि सर्दी-जुकाम होने पर एंटीबायोटिक का सेवन करने से उनकी सेहत में सुधार हो जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं है क्योंकि कॉमन कोल्ड की समस्या वायरस की वजह से होती है बैक्टीरिया की वजह से नहीं और एंटीबायोटिक सिर्फ बैक्टीरिया से होने वाली बीमारी पर असर करता है वायरस पर नहीं। लिहाजा गर्मियों में सर्दी-जुकाम होने का कारण क्या है, इसके लक्षण क्या हैं, इसका इलाज कैसे होता है और इससे बचने के लिए आप क्या कर सकते हैं, इस बारे में हम आपको इस आर्टिकल में बता रहे हैं।

  1. गर्मी में जुकाम होने के कारण - Garmiyon me jukam ka karan
  2. गर्मी में जुकाम के लक्षण - Garmi me jukam ke lakshan
  3. गर्मी में जुकाम कितने समय तक रहता है? - Kitne samay tak rehta hai jukam
  4. गर्मी में जुकाम का इलाज - Garmiyon me jukam ka ilaj
  5. गर्मियों में जुकाम के जोखिम कारक - Summer cold risk factors in Hindi
  6. गर्मियों में जुकाम से बचने का तरीका - Summer cold prevention in Hindi
  7. सारांश
गर्मी में जुकाम होने का कारण और इलाज के डॉक्टर

सर्दी और ठंड के महीनों में इंसानों को कॉमन कोल्ड या वायरल इंफेक्शन की समस्या जिस वायरस की वजह से होती है वह है - राइनोवायरस क्योंकि यह वायरस ठंडे मौसम में बेहतर तरीके से जीवित रह पाता है। जबकी गर्मियों के मौसम में वायरल इंफेक्शन का परिदृश्य बदल जाता है और गर्मियों में जिस वायरस की वजह से सर्दी-जुकाम हो सकता है उसका नाम है- इंटरोवायरस (enterovirus)। 

न्यूयॉर्क स्थित रोचेस्टर जनरल हॉस्पिटल रिसर्च इंस्टिट्यूट में संक्रामक बीमारियों के अनुसंधानकर्ता डॉ माइकल पिचिचेरो कहते हैं, आमतौर पर गर्मी और सर्दी में होने वाला जुकाम अलग-अलग वायरस की वजह से होता है। जब हम समर कोल्ड यानी गर्मी में सर्दी-जुकाम की बात करते हैं तो हम इंटरोवायरस इंफेक्शन की बात करते हैं। बाहर का वातावरण गर्म होने के बावजूद इंटरोवायरस की वजह से कॉमन कोल्ड की समस्या होती है और लोगों को आसानी से संक्रमित कर सकती है।

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इंटरोवायरस आपके नाक और कंठ में मौजूद उत्तकों को, आंखों को, पाचन तंत्र को और शरीर के कई दूसरे हिस्सों को भी प्रभावित कर सकता है। सर्दी के मौसम में होने वाले सर्दी-जुकाम के लिए जिम्मेदार राइनोवायरस के बाद इंटरोवायरस इंसानों को प्रभावित करने वाला दूसरा सबसे सामान्य प्रकार का वायरस है। इंटरोवायरस इंफेक्शन की वजह से कोई भी गंभीर रूप से बीमार नहीं होता। वैसे तो यह किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन जैसा कि बाकी वायरस इंफेक्शन्स के साथ भी होता है, इंटरोवायरस इंफेक्शन बच्चों में ज्यादा देखने को मिलता है। 

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गर्मी के मौसम में होने वाला सर्दी-जुकाम भले ही अलग तरह के वायरस की वजह से हों, लेकिन इसके लक्षण सर्दियों में होने वाले सर्दी-जुकाम जैसे ही होते हैं :

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ठंड के मौसम में होने वाले कॉमन कोल्ड में सर्दी-जुकाम के अलावा बुखार भी हो ऐसा जरूरी नहीं है, खासकर वयस्कों में लेकिन समर कोल्ड जो इंटरोवायरस की वजह से होता है। इसके कारण जुकाम के साथ ही अचानक बुखार भी हो सकता है। कुछ इंटरोवायरस जो बहुत कॉमन नहीं हैं, उनकी वजह से कंजंक्टिवाइटिस या पिंक आई की समस्या हो सकती है, जिसमें आंखें लाल हो जाती हैं और आंखों की बाहरी सतह में सूजन भी हो जाती है और कई बार त्वचा पर चकत्ते (रैशेज) भी हो सकते हैं।

इसके अलावा इंटरोवायरस की वजह से हैंड, फुट और माउथ डिजीज भी हो सकता है, जिसमें हाथ-पैर, मुंह और कंठ में छाले या फुंसी हो जाती हैं और साथ में तेज बुखार भी। बेहद दुर्लभ मामलों में इंटरोवायरस हृदय और मस्तिष्क को भी प्रभावित कर सकता है, जिसकी वजह से मेनिनजाइटिस और मायोकार्डिटिस जैसी बीमारियां हो सकती हैं।

वैसे तो बहुत से लोगों का यह मानना है कि गर्मी में होने वाली सर्दी-जुकाम की समस्या हमेशा ही बदतर और कष्टकारी होती है और ठंड के मौसम में होने वाले जुकाम की तुलना में ज्यादा समय तक बनी रहती है। लेकिन इस दावे को साबित करने के लिए क्लिनिकल सबूतों की कमी है। औसतन, कॉमन कोल्ड की समस्या करीब 10 दिनों तक जारी रहती है और 7 दिन के बाद लक्षणों में कमी और स्वास्थ्य में सुधार देखने को मिलता है।

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वयस्कों की तुलना में बच्चों में जुकाम की समस्या जल्दी ठीक हो जाती है और बच्चे 7 दिन से भी कम समय में रिकवर हो जाते हैं। वहीं, कई बार वयस्कों में सर्दी-जुकाम की समस्या 2 हफ्ते तक भी जारी रह सकती है। जुकाम को ठीक होने में कितना समय लगेगा, यह मुख्य तौर पर इस बात पर निर्भर करता है कि मरीज की उम्र कितनी है, उसकी सेहत कैसी है, उसके जीन्स और बाकी फैक्टर्स भी अहम रोल निभाते हैं। आप जितनी जल्दी जुकाम का इलाज करेंगे, यह उतनी जल्दी ठीक हो जाएगा।

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इंटरोवायरस की वजह से गर्मी में होने वाला जुकाम वैसे तो कुछ दिनों या 1 हफ्ते में बिना किसी इलाज के अपने आप ही ठीक हो जाता है, लेकिन अगर आपके लक्षण गंभीर हों जैसे - तेज बुखार या स्किन पर चकत्ते तो डॉक्टर से संपर्क करें। इसके अलावा गर्मी में जुकाम जिस वायरस की वजह से होता है उस वायरस को खत्म करने की तो कोई दवा नहीं है लेकिन ऐसे कई तरह के इलाज हैं, जिनकी मदद से आपके लक्षणों को कम किया जा सकता है, जिससे आप बीमारी से जल्दी रिकवर हो जाते हैं :

  • खांसी और जकड़न दूर करने के लिए डीकंजस्टेंट या सर्दी-खांसी की दवा
  • खांसी की दवा या खांकी की ड्रॉप्स
  • दर्द और बुखार दूर करने के लिए ओटीसी दवा जैसे- आइबूप्रोफेन और एसटामिनोफेन
  • सीने में जकड़न दूर करने के लिए सीने पर वेपर रब का इस्तेमाल
  • गर्म पानी से नहाना
  • सोते वक्त ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें, ताकि खांसी, नाक बहना और ड्राइनेस न हो
  • पर्याप्त नींद लें और खूब सारा आराम करें, ताकि आप जल्दी ठीक हो जाएं
  • तरल पदार्थों का ज्यादा सेवन करें, खासकर पानी। खूब पानी पिएं लेकिन अल्कोहल, कॉफी और एनर्जी ड्रिंक से दूर रहें
  • गर्म चाय पी सकते हैं, क्योंकि जुकाम में चाय पीने से लक्षणों में राहत मिलती है
  • आयरनविटामिन सी और जिंक जैसे इम्यूनिटी बढ़ाने वाले विटामिन और मिनरल्स का सेवन करें

नवजात शिशु और छोटे बच्चों को डॉक्टर से सलाह मशविरा किए बिना कोई भी दवा न दें। साथ ही डॉक्टर से पूछे बिना अपने मन से अलग-अलग तरह की दवाइयों को मिलाकर न खाएं। इसके अलावा शहद, सर्दी-जुकाम में फायदेमंद हो सकता है, लेकिन 1 साल से कम के बच्चों को शहद न दें। 

किसी व्यक्ति को गर्मी में सर्दी-जुकाम तब होता है, जब वे किसी संक्रमित व्यक्ति द्वारा वायरस या कीटाणुओं के संपर्क में आते हैं, फिर चाहे वह लार के जरिए हो, म्यूकस के जरिए या मल और विष्ठा के जरिए। उदाहरण के लिए अगर कोई बीमार व्यक्ति अपने हाथों में खांसता या छींकता है और फिर हाथों को धोए बिना किसी और व्यक्ति से दूषित हाथ मिलाता है तो दूसरे व्यक्ति में भी वायरस फैल सकता है। गर्मी में जुकाम के जोखिम कारक ये हैं :

  • वैसे बच्चों के साथ ज्यादा समय बिताना जो अपने हाथ साबुन पानी से साफ नहीं करते हैं और बॉडी फ्लूइड्स को फैलाते हैं।
  • सार्वजनिक जगहें जो पूरी तरह से बंद हों, वहां पर ज्यादा समय बिताना या दूसरों के संपर्क में रहना।
  • हाथों को नियमित रूप से साबुन-पानी या सैनिटाइजर से साफ न करना।
  • तनाव, नींद की कमी और लंबे समय तक बीमार रहने की वजह से रोग प्रतिरोधक क्षमता का कमजोर होना
  • उम्र बहुत अधिक या बहुत कम

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मौसम ठंड का हो या फिर गर्मी का ऐसा कोई तरीका नहीं है, जिससे आप खुद को सर्दी-जुकाम से पूरी तरह से बचा पाएं। लेकिन आपको यह इंफेक्शन न हो इसे कम करने के लिए आप बचाव के कुछ तरीकों को जरूर अपना सकते हैं :

इम्यून सिस्टम का रखें ख्याल
अपने इम्यून सिस्टम यानी रोगों से लड़ने की ताकत को मजबूत बनाए रखने के लिए आपको पोषक तत्वों से भरपूर स्वस्थ और संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए और किसी भी बात का बहुत ज्यादा स्ट्रेस नहीं लेना चाहिए। आप चाहें तो इम्यूनिटी को मजबूत बनाने के लिए प्राकृतिक नुस्खों वाले सप्लिमेंट्स का भी सेवन कर सकते हैं।

पर्याप्त नींद लें
आपका इम्यून सिस्टम रोजाना सही तरीके से काम करे और उसके फंक्शन में किसी तरह की कोई दिक्कत न आए इसके लिए इम्यून सिस्टम को पुनःस्थापित करना जरूरी है और इसमें आपकी मदद कर सकती है नींद। लिहाजा रोजाना पर्याप्त यानी कम से कम 7 से 8 घंटे की अच्छी नींद जरूर लें।

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अपने हाथों को साफ करें
नियमित रूप से अपने हाथों को साबुन पानी या फिर 70 प्रतिशत अल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर से अच्छी तरह से साफ करते रहें। खासकर सार्वजनिक जगहों के शौचालय का इस्तेमाल करने के बाद जहां पर रोगाणुओं के फैलने का खतरा अधिक होता है। गंदे हाथों से अपने चेहरे को न छूएं। हमेशा खाना बनाने से पहले और खाना खाने से पहले अपने हाथों को जरूर धोएं।

जिन्हें जुकाम हो उनसे दूर रहें
अगर आपको पता है कि किसी व्यक्ति को सर्दी-जुकाम है तो उसके ज्यादा नजदीक जाने से बचें। अगर आप उनसे हाथ मिलाते हैं या उनके नजदीक चले जाते हैं तो हाथों को अच्छे से साफ करना न भूलें। अगर आपको सर्दी-जुकाम है तो स्कूल या ऑफिस जाने से बचें, ताकि यह दूसरों तक न फैले।

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गर्मियों में जुकाम होना आम बात है, जो आमतौर पर मौसम में बदलाव, ठंडी चीजों का सेवन, या संक्रमण के कारण होता है। गर्मियों में जुकाम से बचने के लिए शरीर को हाइड्रेट रखना और अधिक ठंडी चीजों से बचना जरूरी है। तुलसी, अदरक, और शहद का सेवन जुकाम से राहत दिलाने में मदद करता है। इसके अलावा, गर्म पानी का सेवन और भाप लेने से नाक बंद होने और गले में खराश से आराम मिलता है। गर्मियों में जुकाम को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह थकान और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित कर सकता है। समय पर उपचार और सही देखभाल से इसे जल्दी ठीक किया जा सकता है।

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