सर्दियों का मौसम आ चुका है और दिसंबर के महीने में तापमान में आई गिरावट ने लोगों को ठिठुरने पर मजबूर कर दिया है। पहाड़ों में बर्फबारी के बाद मैदानी इलाकों में बहती सर्द हवाएं लोगों को बीमार कर रही हैं। कामकाजी लोगों के साथ, स्कूल जाने वाले बच्चों में खांसी, जुकाम और संक्रामक बीमरियों का जोखिम बढ़ गया है। लिहाजा ठंड के साथ-साथ इन बीमारियों से बचना बेहद जरूरी है। काम के साथ-साथ बीमारियों से बचाव कैसे करें, चलिए जानते हैं डॉक्टर क्या कहते हैं।
ठंड से बीमारियों का जोखिम
myUpchar से जुड़ी डॉक्टर शहनाज जफर के मुताबिक बढ़ती ठंड और तापमान में उतार-चढ़ाव के चलते कई तरह की बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। जैसे -
- सर्दी-जुकाम
- सूखी खांसी और बलगम वाली खांसी
- बुखार
- फ्लू (इन्फ्लूएंजा)
- वायरल इंफेक्शन (सामान्य सर्दी लगना)
डॉक्टर के मुताबिक ज्यादा ठंड होने पर हृदय रोग का जोखिम भी बढ़ जाता है, क्योंकि ठंड के कारण खून की नली सिकुड़ जाती है, जिससे खून ठीक प्रकार से प्रवाहित नहीं होता। इसलिए सर्दी में हृदय रोग से जुड़े ज्यादा मामले सामने आते हैं।
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बढ़ती ठंड से सर्दी लगने के लक्षण
सर्दी लगने के कई तरह के लक्षण हो सकते हैं, लेकिन इसकी शुरुआत में सामान्य जुकाम होता है। इसके अलावा भी कई लक्षण हो सकते हैं, जैसे-
- सिरदर्द
- खांसी
- बुखार
- नाक बहना या बंद नाक
- बार-बार छींक आना
- गले में खराश होना
यह सामान्य सर्दी के लक्षण हैं। हालांकि, ज्यादातर मामलों में यह इंफेक्शन खुद-ब-खुद ही ठीक हो जाता है। वहीं ठंड बढ़ने से कुछ लोगों में (जिन लोगों की इम्यूनिटी कम होती है) एडेड बैक्टीरियल इंफेक्शन होने का खतरा भी होता है। इस स्थिति में खांसी के साथ पीला बलगम भी आने लगता है।
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क्या है इलाज ?
डॉक्टर शहनाज जफर के मुताबिक इस स्थिति के चलते शुरुआत में एंटीबायोटिक का एक कोर्स दिया जाता है और बुखार के लिए पेरासिटामोल दी जाती है। साथ ही एंटी-एलर्जी की गोली भी दी जाती है।
इसके अलावा, अगर अस्थमा के मरीजों को सामान्य सर्दी या बुखार होता है, तो इस स्थिति में ऐसे व्यक्ति को दमा के अटैक आ सकते हैं। इसलिए अस्थमा का कोर्स भी शुरू करना पड़ता है।
सर्दी से कैसे करें बचाव
बदलते मौसम और बढ़ती ठंड में बचाव की शुरुआत खुद से होती है, इसलिए सर्दी से बचें। हालांकि, कुछ जरूरी चीजें हैं जिनका ध्यान रखते हुए ठंड में फ्लू और सर्दी-जुकाम जैसे वायरल से बचा जा सकता है। जैसे-
- प्रतिदिन संतुलित आहार (हेल्दी डाइट) लें
- इम्यूनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) को बढ़ाएं
- रोजाना व्यायाम करें
- विटामिन सी युक्त फलों का सेवन करें
इसके बावजूद, अगर आपको वायरल इंफेक्शन हुआ है तो मास्क (चेहरे को ढक कर रखें) का इस्तेमाल करें, क्योंकि सर्दी जुकाम एक संक्रामक फ्लू होता है जो आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे में फैल सकता है।
बच्चों और बुजुर्गों में जोखिम ज्यादा
डॉक्टर शहनाज जफर के मुताबिक ठंड बढ़ने पर बच्चों और बुजुर्गों को सर्दी लगने का खतरा अधिक बढ़ जाता है, क्योंकि बच्चों और बुजुर्गों की इम्यूनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) कम होती है। लिहाजा इन लोगों को वायरल फ्लू होने का जोखिम होता है। इसलिए बच्चों को ठंड से बचाएं और बुजुर्गों को मल्टीविटामिन सप्लीमेंट की गोली दे सकते हैं।
साफ-सफाई का ध्यान रखें
दरअसल ठंड के मौसम में ज्यादातर इंफेक्शन गंदगी के कारण फैलते हैं। इसलिए साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें और नहाने की आदत को अपने डेली रूटीन में शामिल करें। इससे इंफेक्शन फैलने का खतरा कम होगा।
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डॉक्टरों के अनुसार भी ठंड बढ़ने और तापमान में उतार-चढ़ाव से सामान्य सर्दी का जोखिम हो सकता है। इसलिए ठंड के मौसम में बचाव ही एकमात्र रास्ता है। इसके अलावा अपनी इम्यूनिटी को बढ़ाकर भी सर्दी से बचा जा सकता है। इसके लिए रोजाना कसरत करें और संतुलित आहार का सेवन करें।