एक नई स्टडी की मानें तो अगर किसी व्यक्ति को सर्दी-जुकाम हो जाता है तो उसे मौसमी फ्लू नहीं होगा। इस नए अध्ययन की मानें तो राइनोवायरस, एक ऐसा वायरस जो सामान्य सर्दी-जुकाम का कारण बनता है, वह फ्लू के वायरस को व्यक्ति के वायुमार्ग को संक्रमित करने से रोकने में सक्षम हो सकता है। द लैंसेट माइक्रोब में शुक्रवार 4 सितंबर को प्रकाशित येल यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट में शोधकर्ताओं का कहना है कि सामान्य सर्दी के लिए जिम्मेदार राइनोवायरस शरीर में प्राकृतिक एंटीवायरल सुरक्षा को ट्रिगर करके इसे तेजी से बेहतर बनाने में मदद करता है जिसके कारण इन्फ्लूएंजा को रोकने में मदद मिल सकती है।
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13 हजार मरीजों के 3 साल के आंकड़ों का विश्लेषण
इस स्टडी के दौरान शोधकर्ताओं ने 13 हजार से अधिक मरीजों के तीन साल के आंकड़ों का विश्लेषण किया। इनमें से सभी मरीजों को श्वसन संक्रमण के लक्षणों के साथ येल स्थित न्यू हेवन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शोधकर्ताओं ने पाया कि यदि किसी मरीज के शरीर में सामान्य सर्दी-जुकाम का वायरस था, तो उसके शरीर में फ्लू का वायरस नहीं था, यहां तक कि उन महीनों के दौरान भी नहीं जब दोनों वायरस (सामान्य सर्दी के लिए जिम्मेदार राइनोवायरस और फ्लू वायरस) एक साथ सक्रिय थे।
सर्दी जुकाम और फ्लू दोनों वायरस की शरीर में एक साथ मौजूदगी बेहद कम थी
इस स्टडी की सीनियर ऑथर डॉ ऐलेन फॉक्समैन ने एक स्टेटमेंट में कहा, "जब हमने आंकड़ों को देखा तो यह बात स्पष्ट हो गई कि बहुत कम लोग ऐसे थे जिनके शरीर में एक साथ एक ही समय पर सर्दी-जुकाम और फ्लू दोनों के वायरस मौजूद थे।" डॉ ऐलेन ने आगे जोर देते हुए कहा कि वैज्ञानिकों को अभी तक यह नहीं पता है कि कॉमन कोल्ड वायरस के सालाना मौसमी प्रसार का कोविड-19 के लिए जिम्मेदार कोरोना वायरस के संक्रमण दर पर फ्लू जैसा ही प्रभाव पड़ेगा या नहीं। बिना रिसर्च किए इस बारे में भविष्यवाणी करना असंभव है कि आखिर ये दोनों वायरस (सर्दी-जुकाम वाला राइनोवायरस और कोरोना वायरस) परस्पर एक दूसरे को कैसे प्रभावित करेंगे।
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राइनोवायरस और फ्लू वायरस एक दूसरे को कैसे प्रभावित करते हैं?
राइनोवायरस और इन्फ्लूएंजा वायरस एक दूसरे को कैसे प्रभावित करते हैं इसकी जांच करने के लिए, ऐलेन फॉक्समैन की लैब ने स्टेम सेल की मदद से मानव वायुमार्ग ऊत्तक का निर्माण किया जो उपकला (एपिथेलियल) कोशिकाओं को बढ़ाती हैं। ये वही कोशिकाएं हैं जो फेफड़ों के वायुमार्ग में एक तरह की परत बनाती हैं और श्वसन वायरस का मुख्य टार्गेट भी यही कोशिकाएं होती हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि लैब में तैयार किए गए वायुमार्ग ऊत्तक जब राइनोवायरस के संपर्क में आए उसके बाद इन्फ्लूएंजा वायरस उस ऊत्तक को संक्रमित करने में असमर्थ था।
फ्लू वायरस के आने से पहले ही एंटीवायरल डिफेंस शुरू हो जाता है
इस बारे में डॉ ऐलेन फॉक्समैन कहती हैं, "इन्फ्लूएंजा वायरस के आने से पहले ही शरीर का एंटीवायरल डिफेंस चालू हो गया था। सर्दी जुकाम के लिए जिम्मेदार राइनोवायरस की उपस्थिति ने एंटीवायरल एजेंट इंटरफेरॉन के उत्पादन को ट्रिगर किया, जो रोगाणुओं के खिलाफ आक्रमण के लिए इम्यून सिस्टम की प्रारंभिक प्रतिक्रिया का हिस्सा है। इसका प्रभाव कम से कम पांच दिनों तक जारी रहा।"
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फॉक्समैन ने कहा कि उनकी प्रयोगशाला ने फिलहाल यह अध्ययन करना शुरू कर दिया है कि क्या कोविड-19 वायरस द्वारा संक्रमण करने से पहले अगर सर्दी-जुकाम के लिए जिम्मेदार वायरस व्यक्ति के शरीर पर हमला कर दे तो क्या कोविड से भी वैसी ही समान प्रकार की सुरक्षा मिल सकती है जैसी फ्लू के वायरस से मिलती है।