चिकनगुनिया एक वायरल बीमारी है, जो संक्रमित मच्छर के काटने से होती है। इस रोग के कारण व्यक्ति को बुखार और जोड़ों में दर्द होने लगता है। चिकनगुनिया डेंगू जैसा ही होता है। जब कोई मच्छर किसी संक्रमित व्यक्ति को काट लेता है, तो चिकनगुनिया का वायरस उस मच्छर में चला जाता है और जब ये मच्छर किसी और व्यक्ति को काटता है, तो उसे भी चिकनगुनिया हो जाता है।

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चिकनगुनिया के लक्षण आमतौर कुछ दिनों से 2 हफ्तों तक रहते हैं। हालांकि, इसके कारण होने वाला जोड़ों का दर्द काफी समय तक रह सकता है। इसमें लगातार बुखार, मतली, उल्टी, जोड़ों में दर्द, सिरदर्द और त्वचा पर चकत्ते जैसे लक्षण होते हैं। जिन लोगों को पहले से ही हाई बीपी या शुगर जैसी बीमारियां हैं, उन्हें चिकनगुनिया से ज्यादा समस्याएं हो सकती हैं।

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चिकनगुनिया के लिए कोई इलाज या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है, लेकिन ये कुछ समय में अपने आप ठीक हो जाता है। इसमें अपना ध्यान रखना महत्वपूर्ण होता है।

  1. चिकनगुनिया होने पर क्या करें? - Chikungunya me kya kare
  2. चिकनगुनिया के लिए डॉक्टर के पास कब जाए? - Chikungunya hone par doctor ke pas kab jana chahiye
  3. सारांश

चिकनगुनिया हो जाने पर कोई दवा या वैक्सीन से इसका इलाज तो नहीं किया जा सकता, लेकिन इसके लिए आप निम्नलिखित प्राथमिक उपचार कर सकते हैं -

  • चिकनगुनिया में आराम करना बहुत जरुरी होता है ताकि हमारा शरीर अपनी पूरी ताकत बीमारी से लड़ने में लगा सके। ऐसी जगह में आराम करें जहां ज्यादा नमी न हो और न ही ज्यादा गर्मी हो, नहीं तो आपकी जोड़ों की समस्या बढ़ सकती है। (और पढ़ें - जोड़ों में दर्द के घरेलू उपाय)
  • शरीर में पानी की कमी होने से रोकने के लिए जितना हो सके उतना पानी पिएं। आप चाहें तो जूस भी पी सकते हैं। (और पढ़ें - पानी की कमी को दूर करने वाले फल)
  • अगर आपको ज्यादा दर्द हो रहा है, तो आप प्रभावित क्षेत्र पर ठंडी सिकाई भी कर सकते हैं। इसके लिए आप आइस पैक का उपयोग भी कर सकते हैं या उस क्षेत्र पर आप मटर का जमा हुआ पैकेट भी रख सकते हैं। हालांकि, आप जिस भी वस्तु का इस्तेमाल करें, उसे सीधे अपनी त्वचा पर न रखें। ऐसा करने से आपकी त्वचा को नुक्सान हो सकता है। सूजन होने पर भी आप ठंडी सिकाई का उपयोग कर सकते हैं। (और पढ़ें - गर्म सिकाई करने के फायदे)
  • चिकनगुनिया होने के एक हफ्ते तक अपने आप को मच्छर काटने से बचाएं। इस दौरान वायरस खून में मौजूद होता है और अगर आपको कोई मच्छर काट लेता है, तो वह मच्छर दूसरे लोगों को काटकर बिमारी फैला सकता है। (और पढ़ें - मच्छर काटने पर क्या करना लगाना चाहिए)
  • जोड़ों के दर्द और सूजन के लिए लहसुन एक अच्छा उपाय माना जाता है। इसके लिए आपको लहसुन और पानी की आवश्यकता होगी। लहसुन की 10 से 12 फांक लें और उन्हें छीलकर काट लें। अब इसे पानी के साथ मिलाकर एक पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को आपको अपने जोड़ों पर लगाना है। ऐसा करने से रक्त का परिसंचरण भी अच्छा होता है। (और पढ़ें - ब्लड सर्कुलेशन धीमा होने के कारण)
  • चिकनगुनिया में थोड़ी एक्सरसाइज करना भी महत्वपूर्ण होता है, नहीं तो आपकी जोड़ों व मासपेशियों का दर्द बढ़ सकता है। हो सके तो किसी थेरेपिस्ट से अपनी फिजियोथेरेपी कराएं। आप घर पर भी व्यायाम कर सकते हैं ताकि जोड़ों के आसपास की मांसपेशियों में ऐंठन ठीक हो सके। एक्सरसाइज करने के लिए -
    • खड़े हो जाएं और अपने पैरों को जोड़ लें। अब अपनी एड़ियों को ऊपर उठाएं और फिर नीचे कर लें। ये प्रक्रिया बार-बार दोहराएं। (और पढ़ें - एड़ी में दर्द के घरेलू उपाय)
    • एक कुर्सी पर बैठ जाएं और अपने एक पैर को 10-15 सेकंड तक सामने की ओर सीधा करके रखें। अब पैर को जमीन पर रख लें। ये ही प्रक्रिया अपने दूसरे पैर के साथ दोहराएं और दिन में इस एक्सरसाइज को 3 से 4 बार करें। (और पढ़ें - पैर में दर्द के घरेलू उपाय)
  • चिकनगुनिया में हल्दी का सेवन करना भी काफी फायदेमंद होता है। इसके लिए एक गिलास गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी पाउडर अच्छी तरह मिला लें ताकि इसकी गांठें न बनें। अब इस दूध को हल्का गर्म या गुनगुना ही पिएं। बेहतर परिणाम पाने के लिए इस दूध का एक गिलास दिन में और एक गिलास रात को सोने से पहले लें। (और पढ़ें - हल्दी वाला दूध पीने के फायदे)
  • चिकनगुनिया के कारण आपकी त्वचा में सूखापन और चकत्ते हो सकते हैं। इनके लिए खास इलाज की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन खुजली और त्वचा की नमी के लिए आप मॉइस्चराइजर या कैलामाइन लोशन लगा सकते हैं। (और पढ़ें - खुजली दूर करने के घरेलू उपाय)
  • त्वचा की खुजली के लिए आप एंटीहिस्टामिन दवाएं भी ले सकते हैं। हालांकि, ये दवाएं लेते समय ध्यान रखें क्योंकि इससे आपको नींद आ सकती है। (और पढ़ें - ज्यादा नींद आने के लक्षण)
  • अगर आपको ज्यादा दर्द हो रहा है, तो आप पेन किलर दवाएं ले सकते हैं। बुखार के लिए पेरासिटामोल ली जा सकती है। अगर आपको पहले से ही लिवर या किडनी रोग हैं, तो ये दवाएं न लें। चिकनगुनिया में एस्पिरिन या कोई अन्य नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी (NSAID's) दवाएं न लें। कोई भी दवा लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें और उन्हें पहले से चल रही आपकी दवाओं के बारे में भी बताएं। (और पढ़ें - लिवर रोग के लक्षण)
  • त्वचा को आराम देने के लिए आप अपने नहाने के पानी में ओट्स को पीसकर भी डाल सकते हैं। इससे आपको चिकनगुनिया के कारण होने वाली त्वचा की समस्याओं में काफी आराम मिलेगा। (और पढ़ें - नहाने के पानी में इन चीजों को मिलाने के स्किन के लिए फायदे)
  • बाजार में त्वचा के लिए कई क्रीम और लोशन उपलब्ध हैं, लेकिन हर उत्पाद आपके लिए फायदेमंद नहीं होता, इसीलिए त्वचा पर कुछ भी लगाने से पहले अपने डॉक्टर से अवश्य पूछ लें। (और पढ़ें - त्वचा की एलर्जी के लक्षण)
  • चिकनगुनिया के वायरस के लिए नारियल पानी बहुत फायदेमंद होता है। इससे लिवर साफ होता है और रोगी जल्दी सही हो पाता है। इसके अलावा नारियल के पानी से से जोड़ों का दर्द और सूजन भी ठीक होते हैं। दिन में 4 से 5 गिलास नारियल पानी पीना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। (और पढ़ें - गठिया के घरेलू उपाय)

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चिकनगुनिया के लिए आपको आमतौर पर डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता नहीं होती है, क्योंकि ये कुछ आसान से घरेलू उपाय और तरीकों से ठीक हो जाता है। हालांकि, कुछ दुर्लभ मामलों में ये घातक भी हो सकता है, इसीलिए निम्नलिखित स्थितियों में आपको अपने डॉक्टर के पास अवश्य जाना चाहिए -

नोट: प्राथमिक चिकित्सा या फर्स्ट ऐड देने से पहले आपको इसकी ट्रेनिंग लेनी चाहिए। अगर आपको या आपके आस-पास किसी व्यक्ति को किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्वास्थ्य समस्या है, तो डॉक्टर या अस्पताल​ से तुरंत संपर्क करें। यह लेख केवल जानकारी के लिए है।

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चिकनगुनिया एक मच्छर जनित वायरल संक्रमण है, जो मुख्यतः बुखार, जोड़ो के दर्द, थकान और त्वचा पर रैशेज जैसे लक्षण पैदा करता है। इसका कोई विशेष इलाज नहीं है, लेकिन सही देखभाल और उपचार से लक्षणों को प्रबंधित किया जा सकता है। प्रभावित व्यक्ति को आराम करना चाहिए और तरल पदार्थों का अधिक सेवन करना चाहिए ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे। बुखार और दर्द को कम करने के लिए डॉक्टर की सलाह से पेरासिटामोल जैसी दवाओं का उपयोग किया जा सकता है। मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी का प्रयोग, शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनना और मच्छर भगाने वाले उपायों का उपयोग आवश्यक है।

संक्रमण से बचने के लिए स्वच्छता बनाए रखें, पानी जमा होने से रोकें और मच्छर प्रजनन स्थलों को खत्म करें। यदि लक्षण गंभीर हों या लंबे समय तक बने रहें, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें। सही देखभाल और बचाव के उपायों से चिकनगुनिया के प्रभाव को कम किया जा सकता है।

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