गर्भावस्था के समय जब महिलाओं का शरीर गर्भ में बच्चे का विकास कर रहा होता है तब आपके शरीर में एस्ट्रोजनप्रोजेस्टेरोन जैसे कई हार्मोन तेजी से बढ़ते हैं। कुछ इसी तरह के हार्मोन्स माहवारी से पूर्व भी महिलाओं के शरीर में स्त्रावित होते हैं। इसमें आपके स्तनों में संवेदनशीलता आ जाती है। संवेदनशीलता के कारण ही आपकी ब्रा भी आपको असहज करने लगती है। इसी तरह की संवेदनशीलता व दर्द आप अपनी प्रेग्नेंसी के तीसरे व चौथे सप्ताह भी महसूस करती हैं।

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इस समय आपके स्तनों का आकार बढ़ जाता है। स्तनों में वसा की परत मोटी हो जाती है। साथ ही स्तनों में दूध को बनाने वाली ग्रंथियां सक्रिय हो जाती हैं और रक्त प्रवाह भी तेज हो जाता है। यही बदलाव आपके स्तनों को स्तनपान कराने के लिए तैयार करता है।

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गर्भावस्था के दौरान स्तनों में दर्द होना बेहद ही आम बात है। स्तनों में संवेदनशीलता व दर्द प्रेग्नेंसी के समय हर महिला अनुभव करती है। इस समय महिलाओं को स्तन में दर्द होने के साथ ही जी मिचलानाथकान की भी समस्या हो जाती है। प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में स्तनों में दर्द होने की परेशानी देखी ही जाती है, जबकि दूसरी तिमाही में यह हार्मोन्स के स्थिर होते ही यह प्रतिक्रिया सामान्य हो जाती है। कुछ महिलाओं को यह परेशानी तीसरी तिमाही में भी महसूस होती है।

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  1. प्रेगनेंसी में ब्रेस्ट पेन के लक्षण - Symptoms of breast pain in pregnancy in Hindi
  2. प्रेगनेंसी में ब्रेस्ट पेन के कारण - Causes of breast pain in pregnancy in Hindi
  3. प्रेगनेंसी में ब्रेस्ट पेन का इलाज - Treatment for Breast Pain during Pregnancy in Hindi
  4. सारांश

गर्भावस्था में स्तनों में होने वाले दर्द के कई लक्षण आपको अपने शरीर में दिखाई देते हैं। इस दौरान स्तनों पर पड़ने वाले लक्षणों को नीचे बताया गया है।

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  1. निप्पलों का बढ़ना -
    गर्भावस्था के समय महिलाओं के स्तनों के निप्पलों में संवेदनशीलता बढ़ने के साथ ही सनसनी महसूस होने लगती है। इसके कारण यह सामान्य स्थिति के मुकाबले आगे की ओर निकल आते हैं। इसके अलावा इनमें कोमलता भी आ जाती है। (और पढ़ें - निप्पल में दर्द होना)
     
  2. निप्पलों के काले घेरों में बदलाव होना
    प्रेग्नेंसी के कुछ माह बाद आप देखेंगी कि आपके निप्पलों के चारों ओर बना काला घेरा, जिसको एरियोला (Areola) कहा जाता है अधिक गहरे रंग का व बढ़ा हो जाता है। मोंटगोमरी ट्यूबरकल (Montgomery tubercles- एरियोला की सतह पर उपस्थित छोटी ग्रंथियां) इस जगह पर चिकनाई बनाए रखती है।
     
  3. आपकी नसों में बदलाव होना
    इस दौरान आपके स्तनों पर नसें भी उभर कर दिखने लगेंगी। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि यहीं से कई पोषक तत्व व अन्य तरल मां से बच्चे के पास पहुंचते हैं। (और पढ़ें - स्तनपान से जुड़ी समस्याएं व समाधान)

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गर्भावस्था में स्तन दर्द क्यों होता है?

  1. स्तन में होने वाला फाइब्रोसिस्टिक (Fibrocystic) बदलाव -
    यह प्रेग्नेंसी के दौरान स्तनों में दर्द होने का सबसे आम कारण है। स्तनों में फाइब्रोसिस्टिक (Fibrocystic) बदलाव होने के कारण अल्सर व अधिक रेशेदार ऊतकों (fibrous tissues) का विकास हो जाता है। जिसकी वजह से आपके स्तनों में तरल भर जाता है और दर्द होने लगता है। (और पढ़ें - माताओं व बच्चों की देखभाल के बारे में जानें)
     
  2. हार्मोन्स में असंतुलन होना
    प्रेग्नेंसी के दौरान आपका शरीर भ्रूण के निर्माण के समय कई तरह के पड़ाव से गुजरता है। इस पड़ाव में हार्मोन्स के स्तर में तेजी से बदलाव आने लगता है। सामान्यतः एस्ट्रोजन के स्तर में बदलाव स्तन (ब्रेस्ट) में दर्द होने का आम कारण होता है। (और पढ़ें - ब्रेस्ट में सूजन)
     
  3. स्तनों से तरल निकालना
    गर्भावस्था के समय महिलाओं में स्तनों से तरल निकलने की परेशानी होती है। अधिकतर महिलाओं में ऐसा गर्भावस्था की दूसरी व तीसरी तिमाही में होता है। स्तनों से निकलने वाला यह गाढ़ा तरल नवजात शिशु का पोषण करने व स्तनों में दूध बनने की प्रक्रिया के पूरी होने पर बाहर आता है। यह भी प्रेग्नेंसी के दौरान स्तनों में होने वाले दर्द की एक आम वजह है। (और पढ़ें - स्तनपान के दौरान हो रहे दर्द का उपाय)
     
  4. स्तनों में बदलाव होना
    जन्म के बाद बच्चे को स्तनपान कराना ही स्तनों का मुख्य कार्य होता है। इसी कारण से प्रेग्नेंसी के समय स्तनों में दूध बनने की प्रक्रिया पूरी होती है। इस वजह से स्तनों के आकार में भी वृद्धि हो जाती है। प्रेग्नेंसी के तीन महिनों तक यह प्रक्रिया चलती है, जिसके कारण भी महिलाएं के स्तनों में दर्द बना रहता है। (और पढ़ें - ब्रेस्ट में होने वाली खुजली का इलाज)

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अभी तक आपने प्रेग्नेंसी के समय स्तनों में होने वाले दर्द के लक्षण व कारणों के बारे में जाना, अब आप इससे बचने के उपाय के बारे में निम्न तरीकों को भी जानें।

  1. सही ब्रा का चुनें
    प्रेग्नेंसी के समय आप अपने स्तनों के लिए सही और आरामदायक ब्रा का ही चयन करें। खासतौर पर इस बात का ध्यान रखें कि आपकी ब्रा स्तनों को आराम देने वाली होनी चाहिए। अपने स्तनों के आकार पर नजर रखें और किसी भी तरह के बदलाव होने पर आप सही साइज की नई ब्रा को खरीदें। कई बार महिलाएं अलग-अलग तरह की ब्रा पहनना पंसद करती हैं, लेकिन प्रेग्नेंसी के समय यह पूरी तरह से आपकी संतुष्टि पर ही निर्भर करता है। लेकिन इस दर्द से बचने के लिए अगर आप ब्रा नहीं पहनना चाहती हैं तो आने वाले समय में आपके स्तनों के दर्द में इजाफा होने के साथ ही आपके स्तनों के आकार में भी परिवर्तन हो सकता है। (और पढ़ें - सही ब्रा का चुनाव)
     
  2. स्पोर्ट और पैडेड ब्रा
    अगर आपके स्तनों का आकार काफी बढ़ गया है तो आप स्पोर्ट ब्रा (Sport bra) या पैडेड ब्रा (Padded bra) को पहन सकती हैं। इस तरह की ब्रा प्रेग्नेंसी के दौरान स्तनों के बढ़ें होने पर महिलाओं को ज्यादा आराम पहुंचाता है।
     
  3. नमक का सेवन कम करें
    आप इस बात का विश्वास करें या नहीं, परंतु नमक के कम सेवन से आप स्तनों में होने वाले दर्द की तीव्रता को कम कर सकती हैं, क्योंकि नमक आपके शरीर में पानी को रोक कर रखता है, जो आपके स्तनों के दर्द को बढ़ा सकता है। (और पढ़ें - शरीर में पानी जमा होना)
     
  4. खूब पानी पीएं
    गर्भावस्था के दौरान भरपूर मात्रा में पानी पीएं। इससे आपके शरीर के विषैले तत्व बाहर आ जाते हैं और आप बेहतर और आराम महसूस करती हैं। (और पढ़ें - गर्म पानी पीने के फायदे)
     
  5. सक्रिय रहें
    गर्भावस्था के समय अधिकतर महिलाएं आराम ही करती हैं, लेकिन इस दौरान पर किसी न किसी काम में व्यस्त रहें। यह आपको शारीरिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए भी बेहद जरूरी है। इस स्थिति में आप हर दिन कम से कम आधा घंटा जरूर घुमें। इससे आपका रक्त संचार सही बना रहेगा।

अधिक दर्द होने पर डॉक्टर से मिलें

इस दौरान यदि आपके स्तनों में तेजी से दर्द हो रहा हो तो आप इस स्थिति में स्वंय किसी दवा को न लें। ऐसा होने पर आपको तुरंत किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए।

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प्रेगनेंसी में ब्रेस्ट पेन एक सामान्य और शुरुआती लक्षण है, जो हार्मोनल बदलावों के कारण होता है। गर्भावस्था के दौरान, एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन के स्तर में वृद्धि होती है, जिससे स्तन की ग्रंथियों और दूध की नलिकाओं में वृद्धि होती है। इसके परिणामस्वरूप, स्तन भारी, संवेदनशील, और कभी-कभी दर्दनाक हो सकते हैं। यह दर्द या असहजता आमतौर पर पहले तिमाही में सबसे अधिक होती है, लेकिन पूरी गर्भावस्था में जारी रह सकती है। आरामदायक और सहायक ब्रा पहनना, गर्म या ठंडे संपीड़न का उपयोग करना, और सही मुद्रा बनाए रखना इस असहजता को कम करने में मदद कर सकते हैं। यदि दर्द अत्यधिक हो या अन्य चिंताजनक लक्षण दिखाई दें, तो डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

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