ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं को होने वाला सबसे आम प्रकार का कैंसर है. इससे लगभग 12 प्रतिशत महिलाएं प्रभावित होती हैं. यह तब होता है, जब स्तन कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं. ब्रेस्ट कैंसर स्तन कोशिकाओं में विकसित होता है. ब्रेस्ट कैंसर होने पर स्तन में गांठ, स्तन के आकार में बदलाव, स्तन पर लालिमा या रेडनेस, स्तन में सूजन, निप्पल डिस्चार्ज और बांह के नीचे गांठ या सूजन जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं. कुछ मामलों में ब्रेस्ट कैंसर होने पर स्तन में दर्द भी महसूस हो सकता है. ऐसे में अधिकतर महिलाओं के मन में सवाल उठता है कि क्या स्तन में होने वाला दर्द ब्रेस्ट कैंसर का लक्षण है?

आज इस लेख में इसी विषय पर चर्चा करेंगे और जानेंगे कि ब्रेस्ट कैंसर होने पर दर्द होता है या नहीं -

(और पढ़ें - ब्रेस्ट कैंसर सर्जरी)

  1. ब्रेस्ट कैंसर क्यों होता है
  2. स्तन में दर्द और ब्रेस्ट कैंसर
  3. महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का परीक्षण
  4. पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर और दर्द
  5. सारांश
क्या ब्रेस्ट कैंसर में दर्द होता है? के डॉक्टर

वैसे तो ब्रेस्ट कैंसर होने पर स्तन में दर्द नहीं होता है, लेकिन अगर कैंसर अधिक क्षेत्र में फैल गया है या फिर गंभीर हो गया है, तो यह दर्दनाक हो सकता है. इसे विस्तार से नीचे बताए गए पॉइंट्स के जरिए समझते हैं -

  • स्तन में होने वाला दर्द जरूरी नहीं कि कैंसर का लक्षण हो. एक अध्ययन के अनुसार, जो महिलाएं स्तन में दर्द की शिकायत करती हैं, उनमें से सिर्फ 6 फीसदी महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर पाया जाता है. ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित अधिकतर महिलाएं स्तन में गांठ की शिकायत करती हैं, जो दर्द रहित होती है. 6 में से 1 महिला स्तन में दर्द की शिकायत कर सकती है और ऐसा सिर्फ गंभीर मामलों में हो सकता है.
  • इंफ्लेमेटरी ब्रेस्ट कैंसर के दौरान स्तन में दर्द हो सकता है. इस दौरान दर्द के साथ-साथ स्तन पर रेडनेस, दाने व तेज खुजली भी हो सकती है. यह दर्द स्तन के किसी एक स्थान पर लगातार हो सकता है.
  • मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर की वजह से भी दर्द हो सकता है. यह कैंसर अक्सर 2 सेंटीमीटर से अधिक व्यास का होता है. यह बड़ा कैंसर हो सकता है और शरीर के अन्य क्षेत्रों में भी दर्द का कारण बन सकता है.
  • अगर ब्रेस्ट कैंसर हड्डियों में फैलता है, तो इससे हड्डियों में दर्द हो सकता है. वहीं, अगर कैंसर मस्तिष्क में फैलता है, तो इससे सिरदर्द हो सकता है.
  • अगर ब्रेस्ट कैंसर एड्रेनल ग्लैंड तक जाता है, तो पीठ में हल्का दर्द महसूस हो सकता है.
  • जब ब्रेस्ट कैंसर लिवर में फैलता है, तो पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में दर्द हो सकता है.
  • अधिकतर मामलों में स्तनों में दर्द पीरियड्स के दौरान हो सकता है.
  • सिस्ट व फाइब्रोएडीनोमा (गैर कैंसर युक्त ट्यूमर) के चलते भी स्तन में दर्द हो सकता है.
  • जब दूध की नलिकाएं ब्लॉक होती हैं, तो इस स्थिति में भी स्तनों में दर्द महसूस हो सकता है. ये स्थितियां दर्दनाक हो सकती हैं, लेकिन खतरनाक नहीं होती हैं.

(और पढ़ें - ब्रेस्ट कैंसर में क्या खाएं)

पीसीओडी/पीसीओएस , हाइपोथायरायडिज्म , मोटापा , इर्रेगुलर पीरियड्स , पीरियड्स क्रैम्पस को कम करने के लिए और दर्द में आराम दिलाने के लिए , हार्मोंस को नियंत्रित करने के लिए आप माई उपचार आयुर्वेद द्वारा निर्मित कांचनार गुग्गुल को ट्राइ कर सकते हैं।  

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ब्रेस्ट कैंसर होने पर दर्द होना असामान्य है. कुछ मामलों में स्तन का दर्द, ब्रेस्ट कैंसर के विकास के जोखिम को बढ़ा सकता है. रेडियल स्कार्स और जटिल फाइब्रोएडीनोमा दोनों ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं.

(और पढ़ें - ब्रेस्ट कैंसर का होम्योपैथिक इलाज)

अगर आपके परिवार में पहले से किसी को स्तनों में दर्द रहा है तो डॉक्टर आपसे इस बारे में जरूर पूछेंगे , आपके रक्त या लार का टेस्ट करेंगे ताकि लक्षणों के बारे में पता लगाया जा सके ।  

डॉक्टर आपके स्तन के ऊतकों की अधिक बारीकी से जांच करने के लिए एक बार या नियमित मैमोग्राम भी करवा सकते हैं ।  यू.एस. प्रिवेंटिव सर्विसेज टास्क फोर्स के अनुसार 50 से 74 वर्ष की आयु के बीच की सभी महिलाओं को हर 2 साल में कम से कम एक बार मैमोग्राम कराना चाहिए और यदि आपको स्तन कैंसर हो तो इसे बार-बार करवाना पड़ेगा ।  

अन्य उपकरण जो ऊतक परिवर्तन, स्तन कैंसर, या अन्य स्थितियों की पहचान करने में मदद कर सकते हैं उनमें शामिल हो सकते हैं-

जब स्तन गांठ की जांच करने की बात आती है, तो बायोप्सी सबसे सही रहती है। 

जब स्तन दर्द और अन्य समस्याओं का परीक्षण करने की बात आती है तो मैमोग्राम आमतौर पर एक उपयोगी उपकरण होता है, लेकिन कभी-कभी 30 वर्ष से कम उम्र के लोगों में अल्ट्रासाउंड इमेजिंग ज्यादा सही होती है । हालाँकि, विशेषकर वृद्ध वयस्कों में कैंसर का पता लगाने में मैमोग्राम अत्यधिक सटीक होते हैं।

स्तन कैंसर के जोखिम कारक
जब स्तन स्वास्थ्य की बात आती है तो स्तन कैंसर के जोखिमों को जानना महत्वपूर्ण है। डॉक्टर पारिवारिक इतिहास के बारे में जानने से शुरू करेंगे या आप को आनुवंशिक उत्परिवर्तन के बारे में पता होना चाहिए जो स्तन कैंसर के विकास की संभावना को बढ़ा सकता है। परिवार और आनुवंशिकी के अलावा, स्तन कैंसर के अन्य जोखिम कारकों में शामिल हैं:

  • 50 वर्ष या उससे अधिक होना
  • शीघ्र मासिक धर्म
  • देर से रजोनिवृत्ति
  • स्तन घनत्व में वृद्धि
  • पूर्व विकिरण चिकित्सा
  • कुछ दवा जोखिम
  • मोटापा
  • हार्मोनल थेरेपी

महिलाओं की तरह ही पुरुषों में भी ब्रेस्ट कैंसर दर्द रहित होता है. इसके अलावा, पुरुषों में हार्मोनल बदलाव की वजह से ब्रेस्ट में दर्द की आशंका कम होती है. अगर पुरुषों को छाती में ब्रेस्ट के पास दर्द होता है, तो इसे नजरअंदाज न करें.

(और पढ़ें - मैमोग्राफी क्या है)

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सभी स्तन दर्द का मतलब ब्रेस्ट कैंसर नहीं होता है, कभी-कभी यह संकेत हो सकता है कि कुछ ठीक नहीं है. अगर स्तन में दर्द होता है, तो इसे बिल्कुल नजरअंदाज न करें. एक अध्ययन में पाया गया है कि 15 फीसदी महिलाओं को जीवन में कभी न कभी ब्रेस्ट में दर्द का अनुभव होता है. स्तन में किसी भी तरह का दर्द या बदलाव नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए.

(और पढ़ें - ब्रेस्ट रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी)

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