क्या डेयरी दूध के सेवन से ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है? एक हालिया रिपोर्टों में इसकी संभावना जताई गई है। अमेरिकी शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन के आधार पर कहा है कि डेयरी मिल्क का थोड़ा सेवन भी स्तन कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है। जानी-मानी अंतरराष्ट्रीय पत्रिका 'जर्नल ऑफ एपिडिमयॉलजी' में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, डेयरी दूध में कुछ ऐसे तत्वों का पता चला है कि जो ब्रेस्ट कैंसर का कारण बनते हैं। शोधकर्ताओं ने रिसर्च में पाया है कि डेयरी का दूध पीने से महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा 80 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। हालांकि, यह इस बात पर निर्भर करता है कि महिला ने कितनी मात्रा में दूध पिया है।
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रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका की लोमा लिंडा यूनिवर्सिटी में किए गए इस रिसर्च से जुड़े शोधकर्ता गैरी ई फ्रीजर का कहना है कि उन्हें अध्ययन के दौरान इस बात के प्रमाण मिले हैं कि डेयरी दूध या डेयरी दूध पीने से जुड़े अन्य कारकों से महिलाओं में स्तन कैंसर हो सकता है। फ्रीजर के अनुसार रोजाना नाश्ते के रूप में लिया जाने वाला एक कप डेयरी दूध का एक तिहाई या एक चौथाई हिस्सा ब्रेस्ट कैंसर का खतरा 30 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है। वहीं, पूरा कप दूध रोज पीने से यह खतरा ब्रेस्ट कैंसर का खतरा 50 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। और जो महिलाएं दो से तीन कप दूध रोजाना पीती हैं, उनमें ब्रेस्ट कैंसर होने की आशंका 70 प्रतिशत से 80 प्रतिशत तक हो सकती है।
कैसे की गई रिसर्च?
डेयरी दूध से ब्रेस्ट कैंसर के लिए कैसे जिम्मेदार हो सकता है, यह जानने के लिए शोधकर्ताओं ने अपनी रिसर्च में 53,000 महिलाओं को शामिल किया। ये सभी नॉर्थ अमेरिका की निवासी थीं। अध्ययन के तहत डेयरी दूध के सेवन से होने वाले नुकसान (ब्रेस्ट कैंसर) का पता करने के लिए आठ सालों तक इन महिलाओं की निगरानी की गई। बता दें कि रिसर्च के समय किसी भी महिला को किसी भी प्रकार का कैंसर नहीं था।
अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने सभी महिलाओं के आहार से जुड़ी प्रतिदिन की चीजों का मूल्याकंन किया। इसके लिए महिलाओं से रोजाना के आहार संबंधित चीजों की जानकारी ली गई। साथ ही, अध्ययन में कुछ सवालों को भी शामिल किया गया। इनमें परिवार में ब्रेस्ट कैंसर का इतिहास, शराब, हार्मोनल और अन्य दवाओं के इस्तेमाल से संबंधित सवाल शामिल थे। इसके अलावा गर्भावस्था और स्त्री रोग संबंधी बातों का भी ध्यान रखा गया।
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डेयरी दूध पीने से कैंसर का खतरा कैसे?
अध्ययन के अंत में 1,057 महिलाएं स्तन कैंसर से ग्रसित पाई गईं। निष्कर्ष में इन महिलाओं में पाए गए ब्रेस्ट कैंसर का सोयाबीन उत्पादों से कोई संबंध नहीं पाया गया। वहीं, जब शोधकर्ताओं ने डेयरी दूध नहीं पीने या कम मात्रा में पीने की तुलना की तो पाया कि डेयरी दूध के जरिये ली गई कैलोरी से स्तन कैंसर होने का खतरा अधिक था, जबकि सोया दूध के साथ पनीर और दही के सेवन से कैंसर होने के कोई प्रमाण नहीं मिले।
रिसर्च के तहत शोधकर्ताओं का अनुमान है कि डेयरी दूध में पाया जाने वाला एक सेक्स हार्मोन ब्रेस्ट कैंसर का संभावित कारण हो सकता है। यह हार्मोन डेयरी में गायों के झुंड से आता है जहां प्रतिशत गायें अक्सर प्रेग्नेंट होती हैं। उसी दौरान यह सेक्स हार्मोन उनके दूध के तत्वों में शामिल हो जाता है। गौरतलब है कि महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर होने का कारण भी हार्मोन में होने वाला बदलाव है।
ब्रेस्ट या स्तन कैंसर क्या है?
ब्रेस्ट कैंसर, स्तन कोशिकाओं में विकसित होता है। आमतौर पर कैंसर, स्तन के भागों (लोब्यूल्स) या पतली नलिकाओं (डक्ट) में बनता है। ये वे ग्रंथियां हैं जिनमें दूध बनता है और जो दूध को ग्रन्थियों से निप्पल्स तक पहुंचाती हैं। अनियंत्रित कैंसर कोशिकाएं स्वस्थ स्तन ऊतकों पर अटैक करती हैं और बांह के लिम्फ नोड्स (प्रतिरक्षा प्रणाली से जुड़ा एक हिस्सा जिसकी आकृति बीज जैसी होती है) तक भी पहुंच जाती हैं। लिम्फ नोड्स कैंसर कोशिकाओं को शरीर के अन्य अंगों तक पहुंचाने की प्रमुख वजह है।
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स्तन कैंसर के लक्षण
आमतौर पर शुरूआती स्टेज पर स्तन कैंसर के कोई लक्षण नहीं पाए जाते। इसके ट्यूमर का आकार छोटा हो सकता है। हालांकि कोई भी असामान्यता मैमोग्राम (Mammogram) में देखी का सकती है। ट्यूमर होने का पहला संकेत अक्सर स्तन पर होने वाली गांठ या लम्प (Lump) ही होता है जो पहले वहां मौजूद नहीं होती। हालांकि हर गांठ कैंसर हो ये जरूरी नहीं। इसलिए गांठ महसूस होने पर अपने डॉक्टर से संपर्क करें। इसके अलावा कुछ लक्षण हो सकते हैं। जैसे-
- गांठ या ऊतकों का मोटा होना
- पूरे स्तन की त्वचा का लाल होना
- पूरे स्तन या स्तन के कुछ हिस्से में सूजन
- निप्पल्स से स्तन के दूध के अलावा अन्य प्रकार का द्रव निकलना
- निप्पल्स से खून निकलना
- निप्पल्स या स्तन की त्वचा का छिलना