ऑटिज्म को ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर के रूप में भी जाना जाता है। यह एक सामान्य विकास संबंधी विकार है, जिससे ग्रस्त लोगों को मुख्य रूप से संचार और व्यवहार में दिक्कत आती है। आमतौर पर इस डिसऑर्डर के लक्षण बचपन में दिखाई देने लगते हैं, लेकिन इसका निदान किसी भी उम्र में हो सकता है।
ऑटिज्म सबको अलग-अलग तरीके से प्रभावित करता है। मानसिक विकारों के नैदानिक और सांख्यिकीय मैनुअल के अनुसार, मानसिक रोगों का निदान करने के लिए अमेरिकन साइकियाट्रिक एसोसिएशन द्वारा गाइड तैयार की गई है, जिससे यह पता चला है कि ऑटिज्म से ग्रस्त व्यक्तियों को संचार करने, रुचि में कमी और व्यवहार में कठिनाई होती है।
ऑटिज्म के अन्य लक्षणों में दूसरों से बात करते समय आई कॉन्टेक्ट (आंख मिलाकर बात करना) में कमी या बिल्कुल आई कॉन्टेक्ट न करना, सरल निर्देशों का पालन करने में असमर्थता, किसी पसंदीदा विषय पर लंबी बात करना भले दूसरों को उनकी बातों में दिलचस्पी नहीं हो, अजीब हावभाव देना, जो स्थिति या बातों से मेल नहीं खाते हैं, असामान्य स्वर में बात करना इत्यादि शामिल हैं।
इसके अलावा इकोलिया (एक ही शब्द या एक ही वाक्यांश को दोहराना), चिड़चिड़ापन और नींद की समस्याओं को भी आटिज्म से ग्रस्त व्यक्तियों में देखा जाता है।
आमतौर पर आटिज्म का निदान दो साल की उम्र तक में आसानी से किया जा सकता है। छोटे बच्चों में निदान करना सिर्फ दो चरणों वाली प्रक्रिया है। मूल्यांकन के पहले चरण में, एक सामान्य विकासात्मक स्क्रीनिंग की जाती है, जहां विभिन्न जोखिम कारकों की पहचान की जाती है और व्यवहार संबंधी लक्षणों का मूल्यांकन किया जाता है। यदि इस चरण के दौरान कुछ समस्याओं का पता चलता है, तो निदान के लिए दूसरे चरण का आयोजन किया जाता है, जिसमें निदान की पुष्टि करने के लिए संज्ञानात्मक परीक्षण, भाषा समझने का परीक्षण और लक्षणों की सावधानीपूर्वक जांच शामिल है।
आटिज्म के इलाज के लिए होम्योपैथी चिकित्सा की मदद ली जा सकती है। यह प्राकृतिक उत्पादों की मदद से तैयार की जाती हैं और किसी मरीज के लिए उपचाय निर्धारित करने से पहले उस व्यक्ति में बीमारी के लक्षणों के साथ शारीरिक और मानसिक स्थिति की भी जांच की जाती है। होम्योपैथिक उपचार का तब सर्वोत्तम लाभ होता है जब किसी योग्य चिकित्सक के मार्गदर्शन में इन्हें लिया जाता है। यह दवाइयां ऑटिज्म के लक्षणों जैसे एकाग्रता की समस्या और अतिसंवेदनशीलता में सुधार लाने के लिए उपयुक्त है। ऑटिज्म के लक्षणों को प्रबंधित करने के लिए उपयोग किए जाने वाले कुछ उपायों में नक्स वोमिका, बेलाडोना और फॉस्फोरस शामिल हैं।