इसके लिए आप फिजियोथेरेपिस्ट से बात करें। वह आपको दर्द को कम करने के लिए उपचार देंगे और एक्सरसाइज के बारे में भी बताएंगे। अपनी टेस्ट रिपोर्ट के साथ फिजियोथेरेपिस्ट से मिलें।
इस उम्र में गठिया की बीमारी कम ही देखी जाती है। इस उम्र गठिया का संबंध ज्यादातर सूजन से होता है। रूमेटिक गठिया, गाउट आदि की जांच के लिए अपनी एक्स-रे रिपोर्ट और ब्लड प्रोफाइल रिपोर्ट दिखाएं। स्टैटिक क्वाड्रिसेप्स एक्सरसाइज और नी बैंडिंग एक्सरसाइज की मदद से घुटनों की क्रियाशीलता में सुधार लाया जा सकता है। घटनों का एमआरआई स्कैन करवा लें, इससे घुटनों की स्थिति को समझने में मदद मिल सकती है।
इसके होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे मांसपेशियों में कमजोरी, मोटापा, अनुवांशिकता, जोड़ो में चोट, दबाव, बढ़ती उम्र, हड्डियों के आकार में विकृति और हड्डियों से संबंधित पेजेट रोग आदि। अगर आपका वजन ज्यादा है तो इसे कम करें। आगे की जांच और इलाज के लिए आप ऑर्थोपेडिक से सलाह लें।
इसके लिए लंबे समय तक दवा असरदार साबित नहीं होगी। दवा सिर्फ कम समय के लिए ही फायदेमंद साबित हो सकती है। गठिया रोग को ठीक करने के लिए दवा लेना सही नहीं है। गठिया में जोड़ो में होने वाले दर्द के लिए आप जॉइंट कार्टिलेज सप्लीमेंट लें।
आप किसी आयुर्वेदिक सेंटर में घुटनों की मसाज करवा सकते हैं। अगर दर्द ज्यादा होता है तो फिजियोथेरेपिस्ट के पास जाएं, वो आपको घुटने के दर्द के लिए एक्सरसाइज बताएंगे। गठिया रोग पूरी तरह से ठीक हो सकता है। अगर कोई दिक्कत हो तो डॉक्टर को दिखाएं।
प्रभावित हिस्से पर दिन में 2 बार गर्म सिकाई करें और दर्द निवारक जैल लगाएं। उन्हें ज्यादा से ज्यादा आराम करने दें और हल्की स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करवाएं। उन्हें कैल्शियम सप्लीमेंट दें। कुछ दिनों के लिए आप फिजियोथेरेपिस्ट से उनका इलाज करवा ट्रीटमेंट लें। इस उम्र में नी ट्रांसप्लांट करवाना सही नहीं है।
आप उन्हें क्वाड्रिसेप्स स्ट्रेंथनिंग एक्सरसाइज (घुटने की मांसपेशिओं को आराम दिलाने वाली एक्सरसाइज) करने के लिए कहें।
आप फिजियोथेरेपिस्ट से उनका इलाज शुरू करवा सकते हैं, इसी के साथ गठिया रोग को ठीक करने के लिए उन्हें एक्सरसाइज और दर्द कम करने के लिए दर्द निवारक जैल या बाम का इस्तेमाल करें।