देश के 18 करोड़ से अधिक लोगों को गठिया की समस्या है। वास्तव में भारत में एड्स, कैंसर और यहां तक कि डायबिटीज जैसी बीमारियों की तुलना में गठिया अधिक लोगों को प्रभावित करता है।

गठिया एक ऐसा टर्म है, जिसका उपयोग जोड़ों के अपक्षयी रोगों का वर्णन करने के लिए किया जाता है। यह एक प्रकार की जोड़ों की सूजन होती है। भारत में गठिया के सबसे आम रूपों में रुमेटाइड आर्थराइटिस, जुवेनाइल, ऑस्टियोआर्थराइटिस और गाउट शामिल हैं। गठिया से ग्रस्त व्यक्ति को जोड़ों में अकड़न, सूजन और कमजोरी के साथ-साथ शरीर के प्रभावित हिस्से में लालिमा के लक्षण दिखाई दे सकते हैं।

वर्तमान में गठिया का कोई इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को दवा के जरिए कुछ हद तक प्रबंधित किया जा सकता है। गठिया से पीड़ित व्यक्तियों के लिए स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम उन्हें राहत दे सकता है।

अक्सर लोग गठिया की वजह से शारीरिक गतिविधियां सीमित कर देते हैं। वे उठना, बैठना और यहां तक कि बाहर निकलना भी कम कर देते हैं। हालांकि, सच यह है कि यदि वे सक्रिय बने रहें तो इस समस्या के लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है। डॉक्टर ऐसे लोगों को स्वस्थ वजन बनाए रखने के लिए नियमित व्यायाम करने की सलाह देते हैं।

कई बार इस रोग से ग्रसित व्यक्ति दर्द की आशंका के कारण शारीरिक गतिविधियां करना छोड़ देते हैं जिससे हृदय रोग, ऑस्टियोपोरोसिस और यहां तक कि टाइप 2 डायबिटीज सहित अन्य जटिलताओं का खतरा हो सकता है। नियमित रूप व्यायाम करने से यह रोगी के स्वास्थ्य को न सिर्फ बदतर होने से रोकता है, बल्कि यह लक्षणों में सुधार लाता है। हालांकि, यह बात और है कि गठिया में कुछ खास प्रकार के व्यायाम के बारे में जानना महत्वपूर्ण है। यदि इन्हें किसी फिजियोथेरेपिस्ट की मदद से किया जाए, तो यह रोगी को सर्वोत्तम परिणाम दे सकते हैं।

(और पढ़ें - जोड़ों में दर्द का आयुर्वेदिक इलाज)

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  1. अर्थराइटिस में व्यायाम के फायदे - Benefits of arthritis exercises in hindi
  2. जोड़ों के दर्द के व्यायाम - Types of exercises for arthritis in hindi
  3. घुटनों में गठिया के लिए व्यायाम - Exercises for arthritis in the knees in hindi
  4. हाथों में गठिया के लिए व्यायाम - Exercises for arthritis in the hands
  5. गठिया में व्यायाम करने के टिप्स - Tips for exercising with arthritis
  6. आर्थराइटिस के लिए उपाय - Takeaways for exercising with arthritis
गठिया के लिए एक्सरसाइज के डॉक्टर

व्यायाम केवल उन व्यक्तियों के लिए नहीं है जो वर्तमान में फिट हैं, बल्कि यह किसी पुरानी बीमारी से लड़ने में भी मदद करता है। जिन लोगों को किसी तरह की स्वास्थ्य संबंधी परेशानी है उन्हें आमतौर पर कुछ खास तरह की एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है। एक अध्ययन से पता चला है कि गठिया वाले लोगों के लिए नियमित व्यायाम करना बहुत फायदेमंद हो सकता है।

रुमेटाइड आर्थराइटिस एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जो किसी भी उम्र में हो सकती है। इसमें जोड़ों में होने वाला दर्द काफी दर्दनाक हो सकता है। निम्न से लेकर मध्यम तीव्रता वाले व्यायाम जिनमें वेट ट्रेनिंग शामिल है, यह रोगियों के जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों की गतिविधि और वजन के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। (यहां एक महत्वपूर्ण बात याद रखने वाली है कि धूम्रपान करने से गठिया का खतरा बढ़ता है। यदि कोई व्यक्ति धूम्रपान करता है या उसके परिवार में किसी को गठिया की समस्या है तो वह धूम्रपान की इस बुरी आदत को छोड़ने के लिए हमारी वेबसाइट पर 'सिगरेट पीने के 10 नुकसान' लेख को पढ़ें)

गठिया रोगियों के लिए नियमित व्यायाम करने से निम्नलिखित फायदे हो सकते हैं-

  • यह भविष्य में जोड़ों को होने वाले नुकसान से बचाता है
  • यह जोड़ों को सहारा देने वाली मांसपेशियों को लचीला बनाता है
  • यह प्रभावित जोड़ों की मांसपेशियों की गतिविधियों को बेहतर रखता है
  • यह वजन का संतुलन बनाता है, क्योंकि भारी वजन जोड़ों पर अधिक दबाव डाल सकता है
  • य​ह हड्डियों और उपास्थि के ऊतकों के स्वास्थ्य में सुधार लाता है
  • दिल की सेहत और फिटनेस में सुधार होता है

किसी भी प्रकार की शारीरिक गतिविधि की शुरुआत करने से पहले, खासकर अगर कोई व्यक्ति गठिया से ग्रसित है, तो उसे अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए। कुछ ऐसे व्यायाम हैं जो कूल्हों, घुटनों, कोहनी, कंधे और हाथों को स्वस्थ रखने के लिए फायदेमंद होते हैं। यह गठिया और गठिया में होने वाले दर्द से छुटकारा दिला सकते हैं।

  1. लचीला बनाने वाली एक्सरसाइज
  2. जोड़ों को मजबूत बनाने वाली एक्सरसाइज
  3. गठिया के लिए एरोबिक एक्सरसाइज
  4. स्थिरता बनाए रखने वाली एक्सरसाइज
  5. गठिया के लिए हाइड्रोथेरेपी यानी पानी में की जाने वाली जल चिकित्सा पद्धति

जोड़ों को लचीला बनाने वाली एक्सरसाइज - Flexibility exercises for arthritis in hindi

इसे रेंज ऑफ मोशन एक्सरसाइज भी कहा जाता है। यह जोड़ों के लिए प्रभावी है और यह शरीर की गतिविधियों को सुगमता प्रदान करती है, जिससे प्रभावित जोड़ों में लचीलापन बना रहता है। स्ट्रेचिंग और ज्वॉइंट मोबिलिटी एक्सरसाइज भी गठिया में लाभकारी होती है, इससे हर तरह की गतिविधि करने में मदद मिल सकती है।

इन एक्सरसाइसेज को दिन में कम से कम 5 से 10 बार छोटी अवधि के लिए आराम से किया जा सकता है।

जोड़ों को मजबूत बनाने वाली एक्सरसाइज - Strengthening exercises for arthritis in hindi

वेट ट्रेनिंग एक्सरसाइज मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए की जाती हैं, यह प्रभावित जोड़ों को तेजी से मजबूत बनाता है। इन्हें डंबल, केटलबेल और बारबेल जैसे वजनदार जिम उपकरणों की मदद से किया जा सकता है। हालांकि, मांसपेशियों को मजबूत बनाने वाले व्यायामों को फिजियोथेरेपी केंद्र जैसे उचित वातावरण में किया जाना चाहिए। इसके अलावा जोड़ों को खराब करने या दर्द पैदा करने से बचने के लिए उचित मात्रा में वजन का उपयोग करना चाहिए।

युवाओं को प्रत्येक एक्सरसाइज 8-10 राउंड करनी चाहिए, जबकि अधिक उम्र वाले लोगों को युवाओं की अपेक्षा कम वजनदार जिम उपकरणों के साथ इन एक्सरसाइजेज को करना चाहिए। इसके अलावा यदि एक्सरसाइज के दौरान दर्द होने लगे तो ऐसे में तुरंत रुक जाना चाहिए, क्योंकि हो सकता है कि आपका तरीका उचित न हो। विशेषज्ञ यह सुझाव देते हैं कि खुद का अवलोकन करते चलें और उसी अनुसार वर्कआउट का समय (उदाहरण के तौर पर दोपहर या शाम को) निर्धारण करें।

गठिया के लिए एरोबिक एक्सरसाइज - Aerobic exercises for arthritis in hindi

इन कम तीव्रता वाले अभ्यासों को एरोबिक या कार्डियोवस्कुलर एक्टिविटी की तरह लंबे समय तक बार-बार किया जा सकता है। इनमें चलना, थोड़ा जॉगिंग करना, साइकिल चलाना, तैराकी, नौकायन का उपयोग शामिल है।

इन एक्सरसाइजेज को लंबी अवधि के लिए करने से शरीर की बड़ी मांसपेशियों और हड्डियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा यह हृदय स्वास्थ्य और सहनशक्ति में भी सुधार करता है।

यह जानने के लिए कि क्या आप सही तीव्रता से एक्सरसाइज कर रहे हैं, व्यायाम के दौरान बात करने की कोशिश करें : यदि कोई व्यक्ति सांस को बाहर किए बिना व्यायाम करते हुए बात कर सकता है, तो इसका मतलब कि व्यायाम को ठीक तरह से किया जा रहा है।

स्थिरता बनाए रखने वाली एक्सरसाइज - Arthritis exercises for stability in hindi

इन एक्सरसाइजेज को 'बॉडी अवेयरनेस एक्सरसाइज' के रूप में भी जाना जाता है। इनमें धीमी गतिविधियां की जाती हैं जो सही पॉश्चर यानी अवस्था, समन्वय के साथ-साथ संतुलन में भी सुधार करता है। इन गतिविधियों में योग, पिलेट्स और ताई ची शामिल हैं। ये व्यायाम शरीर को लचीला और पतला बनाने में मदद करते हैं।

गठिया के लिए हाइड्रोथेरेपी - Hydrotherapy for arthritis in hindi

रुमेटाइड आर्थराइटिस और ऑस्टियोआर्थराइटिस की समस्या में हाइड्रोथेरेपी बहुत ही असरदार होती है। हाइड्रोथेरेपी को जल चिकित्सा भी कहते हैं, यानी इस एक्सरसाइज को पानी में किया जाता है।

पानी दो तरीकों से काम करता है - पहला, पानी में व्यायाम करना प्राकृतिक रूप से मांसपेशियों को मजबूती देता है, क्योंकि यह शरीर के गतिविधियों का प्रतिरोध करता है। दूसरा, जब कोई व्यक्ति पानी में होता है तो जोड़ों से दबाव कम हो जाता है। एक समय में एक पैर या एक हाथ को पानी में उठाने की कोशिश करें, यदि आवश्यक हो तो पूल की दीवार या सीढ़ी से सहारा लें।

शरीर में गठिया के लक्षणों को कम करने और दर्द से राहत दिलाने में उपरोक्त एक्सरसाइज मदद कर सकती हैं, लेकिन हमेशा ध्यान रहे कि किसी भी व्यायाम की शुरुआत करने से पहले वार्म-अप जरूर करें।

घुटनों में गठिया की समस्या होने से प्रभावित हिस्सा कमजोर हो जाता है। हालांकि, नियमित व्यायाम करने से घुटने में दर्द और गठिया के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है, क्योंकि यह जोड़ों के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत करता है। इसके अलावा यह वजन को नियंत्रित करने और गतिविधियों में भी सुधार करता है।

व्यायाम के जरिये नि​म्नलिखित फायदे हो सकते हैं

  • घुटने पर खिंचाव : पैर की सभी बड़ी मांसपेशियां घुटनों से जुड़ी होती हैं। इसलिए व्यायाम करने से क्वाड्रिसेप्स (जांघों के सामने), हैमस्ट्रिंग (जांघों के पीछे), काल्वेस  (निचले पैरों के पीछे का हिस्सा) की स्ट्रेचिंग होती है।

व्यायाम की शुरूआत ऐसे करें :

  • पैरों को फैलाकर पीठ के बल लेट जाएं
  • अब दाहिने घुटने को मोड़ें और दोनों हाथों से इस पैर की पिंडली को पकड़ें
  • दाहिने घुटने को सीने की ओर करीब 30 सेकंड तक खींचें
  • अब प्रारंभिक स्थिति में लौटें और इस प्रक्रिया को बाएं पैर पर दोहराएं।
  • घुटने को मजबूत बनाने वाले व्यायाम : घुटने में गठिया की समस्या होने पर स्क्वाट एक्सरसाइज करने में परेशानी हो सकती है। ऐसे में रेंज ऑफ मोशन एक्सरसाइज करने या स्क्वाट करने के लिए किसी दीवार का सपोर्ट लेना चाहिए। इससे घुटने की मांसपेशियां और जोड़ तेजी से मजबूत होते हैं।

व्यायाम करने का तरीका

  • दीवार के सहारे पीठ को लगाकर खड़े हो जाएं। पैरों को दीवार से आधा कदम दूर रखें।
  • पैरों को कूल्हे की चौड़ाई से ज्यादा खोल लें अब हाथों को अपनी कमर पर रखें या अपनी बाहों को कंधे के स्तर पर सामने की ओर रख लें।
  • यह प्रारंभिक स्थिति है। अब धीरे-धीरे अपने घुटनों को मोड़कर नीचे जाएं जैसे कि आप कुर्सी पर बैठने वाले हों।
  • वापस सीधे होने से पहले कुछ सेकंड के लिए इसी अवस्था में रहें।
  • इस प्रक्रिया को 15-20 बार दोहराएं और एक सेट पूरा होने पर कुछ सेकंड के लिए आराम करें।
  • एरोबिक एक्सरसाइज : घुटने में गठिया की समस्या होने पर दौड़ने से परहेज करना चाहिए, क्योंकि इससे जोड़ों पर अधिक दबाव पड़ता है। हालांकि, चलना, साइकिल चलाना और तैरने से घुटने के दर्द को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

(और पढ़ें - स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करने के तरीके)

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ऑस्टियोआर्थराइटिस या रुमेटाइड आर्थराइटिस से पीड़ित लोगों को अक्सर हाथ की मूवमेंट करने में दिक्कत आती है और उनकी हथेलियों व उंगलियों में दर्द व सूजन की समस्या हो जाती है। कुछ व्यायामों के तहत मुट्ठी बनाना, हाथों की हर उंगली को एक-एक करके चलाना, उंगलियों को आगे की ओर झुकाना, हाथ को एक मेज पर रखना और एक-एक करके उंगुलियों को उठाना और कलाई को ऊपर व नीचे की तरफ करना शामिल है। इसके अलावा स्ट्रेस बॉल का भी प्रयोग किया जा सकता है। प्रत्येक मूवमेंट को 10 बार दोहराने की जरूरत है। इस दौरान धीरे-धीरे सांस लेते रहें।

गठिया विभिन्न लोगों को अलग-अलग तरीकों से प्रभावित कर सकता है। इसलिए व्यायाम कार्यक्रमों को प्रत्येक व्यक्ति की शारीरिक स्थिति और बीमारी की गंभीरता के अनुसार होना चाहिए।

  • धीमी शुरुआत करें : यदि आप अपने पुराने रूटीन में वापस आना चाहते हैं तो कोशिश करें कि व्यायाम की शुरुआत धीमें करें। प्रारंभ में 10-15 मिनट का व्यायाम करना उचित रहेगा, इसके बाद व्यायाम के समय को बढ़ा सकते हैं।
     
  • वर्कआउट को बदलें : विभिन्न मांसपेशियों को सक्रिय करने में व्यायाम कार्यक्रम में विविधता जोड़ना फायदेमंद होता है और यह जोड़ों को और भी अधिक मजबूत बनाने में मदद करता है। इसलिए व्यायाम शुरू करने के कुछ समय बाद वर्कआउट को बदलने की कोशिश करें, इससे अन्य अंगों को भी फायदा पहुंचता है।
     
  • अभ्यासों की तीव्रता में संतुलन बनाएं : अधिकांश व्यायामों में कई भिन्नताएं होती हैं और इन्हें विभिन्न तीव्रता के साथ किया जा सकता है। निम्न और मध्यम-तीव्रता वाले व्यायामों को आजमाना चाहिए और उनके बीच स्विच करना चाहिए।
     
  • हीट पैक का करें उपयोग : यदि आप मांसपेशियों या जोड़ों में अकड़न महसूस कर रहे हैं, तो उन्हें ढीला करने के लिए व्यायाम से पहले हीट पैक लगाने का प्रयास करें।
     
  • कूल डाउन और स्ट्रेच : एक्सरसाइज रूटीन के बाद हमेशा स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करें और वर्कआउट की वजह से होने वाली सूजन को कम करने के लिए आइस पैक लगाएं।

गठिया एक व्यक्ति के जीवन को अलग-अलग तरीकों से प्रभावित कर सकता है। यह उन साधारण कार्यों को करने में कठिनाई पैदा कर सकता है, जिनमें शरीर के विभिन्न जोड़ों की गतिविधियां शामिल हैं और ऐसा करने में दर्द व असुविधा हो सकती है। लेकिन दवा, आहार और व्यायाम की संतुलित दिनचर्या के माध्यम से इस बीमारी के लक्षणों को कम किया जा सकता है। ध्यान रखें कि शरीर की सीमाओं को समझना जरूरी है साथ ही यह भी जानना होगा कि व्यायाम के दौरान कब और कितना आराम लेना चाहिए।

Dr. Pritish Singh

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संदर्भ

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