व्यस्त दिनचर्या, तनाव और कई मेडिकल कंडीशन थकान और कमजोरी का कारण बन सकती है. डायबिटीज, लिवर रोग, हृदय रोग व ब्लड प्रेशर आदि को थकान का मुख्य कारण माना जाता है. वहीं, कई लोगों के मन में अक्सर सवाल रहता है कि क्या अर्थराइटिस के कारण भी थकान हो सकती है? तो इसका जवाब है, हां. अर्थराइटिस वाले लोगों को गंभीर थकान हो सकती है. खासकर रूमेटाइड अर्थराइटिस वाले लोगों में. रूमेटाइड अर्थराइटिस जोड़ों में दर्द और सूजन जैसे लक्षण पैदा कर सकता है. इसके साथ ही यह क्रोनिक थकान का कारण भी बन सकता है. थकान भी रूमेटाइड अर्थराइटिस का एक आम और गंभीर लक्षण माना जाता है. अध्ययन के अनुसार, रूमेटाइड अर्थराइटिस से ग्रस्त आधे से अधिक मरीज थकान महसूस करते हैं.

आज इस लेख में आप अर्थराइटिस और थकान के बीच संबंध के बारे में विस्तार से जानेंगे -

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  1. रूमेटाइड अर्थराइटिस क्या है?
  2. रूमेटाइड अर्थराइटिस में थकान क्यों होती है?
  3. थकान का अर्थराइटिस रोगियों पर प्रभाव
  4. अर्थराइटिस में थकान का इलाज
  5. सारांश
क्या अर्थराइटिस से थकान होती है व इलाज के डॉक्टर

रूमेटाइड अर्थराइटिस एक ऑटोइम्यून स्थिति है, जिसमें शरीर में सूजन और तेज दर्द होने लगता है. इस स्थिति में प्रतिरक्षा प्रणाली स्वस्थ ऊतकों पर हमला करने लगती है. इससे जोड़ों में सूजन, जकड़न और दर्द हो सकता है. रूमेटाइड अर्थराइटिस में थकान भी हो सकती है. यह थकान गंभीर हो सकती है, यहां तक कि इससे संपूर्ण दिनचर्या तक प्रभावित हो सकती है. ऐसे में व्यक्ति आराम के बावजूद थकान महसूस कर सकता है.

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रूमेटाइड अर्थराइटिस वाले ज्यादातर लोग लगातार थकान का अनुभव करते हैं. 2007 में हुए एक अध्ययन के अनुसार रूमेटाइड अर्थराइटिस वाले लगभग 50 प्रतिशत लोगों को गंभीर थकान रहती है. थकान की वजह से वे अपना रोजमर्रा तक का काम भी नहीं कर पाते हैं. रूमेटाइड अर्थराइटिस की वजह से होने वाली थकान क्रोनिक हो सकती है. रूमेटाइड अर्थराइटिस में थकान के कारण इस प्रकार हैं -

सूजन

रूमेटाइड अर्थराइटिस वाले लोगों को जोड़ों में गंभीर दर्द और सूजन का सामना करना पड़ता है. आरए वाले लोगों में होने वाली सूजन थकान का कारण बन सकती है. 2016 में हुए अध्ययन के अनुसार जोड़ों की सूजन की वजह से लोग थकान महसूस करने लगते हैं. ऐसे में अगर सूजन कम होने लगेगी, तो थकान भी कम हो सकती है.

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एनीमिया

रूमेटाइड अर्थराइटिस वाले 30-70 प्रतिशत लोगों को एनीमिया का सामना भी करना पड़ता है. एनीमिया वह स्थिति होती है, जिसमें शरीर में पर्याप्त रेड ब्लड सेल्स का उत्पादन नहीं हो पाता है और शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर कम होने लगता है. इस स्थिति में व्यक्ति को कमजोरी, सांस लेने में तकलीफ और सिरदर्द जैसे लक्षण भी महसूस होने लगते हैं. जब कोई व्यक्ति आरए और एनीमिया दोनों का सामना कर रहा होता है, तो उसे क्रोनिक थकान हो सकती है.

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नींद की कमी

रूमेटाइड अर्थराइटिस वाले अधिकतर लोग जोड़ों में तेज दर्द होने की वजह से रातभर पर्याप्त नींद नहीं ले पाते हैं. नींद की कमी तनाव पैदा कर सकती है. जब आरए वाले लोगों में तनाव, दर्द और नींद की कमी होती है, तो थकान भी बढ़ने लगती है. आरए के बढ़ते लक्षण ही थकान पैदा कर सकते हैं.

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कमजोरी और वजन कम होना

रूमेटाइड अर्थराइटस के लोगों को जोड़ों में सूजन, दर्द और जकड़न का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा, अक्सर उन्हें हाथों और कलाई के जोड़ों में भी दर्द महसूस हो सकता है. आरए वाले लोगों को वजन में कमी, बुखार व कमजोरी आदि के लक्षणों का सामना भी करना पड़ सकता है. जब आरए वाले लोगों में ये लक्षण लंबे समय तक रहते हैं, तो उन्हें थकान हो सकती है. जब कमजोरी होती है, तो थकान होना स्वाभाविक होता है.

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रूमेटाइड अथराइटिस वाले लोगों को थकान बुरी तरह से प्रभावित कर सकती है. थकान की वजह से आरए वाले अधिकतर लोग अपने रोजाना के कार्य तक नहीं कर पाते हैं. थकान इन लोगों की दिनचर्या को प्रभावित कर देती है. आरए वाले लोगों में थकान किसी चुनौती से कम नहीं होती है -

  • थकान होने पर आरए वाले लोगों को अधिक नींद आ सकती है. इसकी वजह से वे किसी भी सामाजिक गतिविधियों और पारिवारिक जीवन में भाग लेने से बच सकते हैं.
  • थकान की वजह से रोजाना के कार्यों को करना मुश्किल हो सकता है. इन लोगों को किसी भी काम को करने में ध्यान केंद्रित करना भी मुश्किल हो सकता है.
  • आरए वाले लोग अधिक समय तक काम नहीं कर सकते हैं. उन्हें समय-समय पर ब्रेक की जरूरत पड़ती है.
  • 2002 के एक अध्ययन में पाया गया कि आरए वाले लोगों को थकान इतना प्रभावित कर देती है कि उन्हें अपनी जॉब तक छोड़नी पड़ जाती है.

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रूमेटाइड अर्थराइटिस के चलते होने वाली थकान का इलाज निम्न प्रकार से किया जा सकता है -

  • एनीमिया की दवा - अगर कोई मरीज एनीमिया की समस्या से ग्रस्त है, तो डॉक्टर उसे आयरन युक्त सप्लीमेंट लेने की सलाह दे सकते हैं.
  • स्लीपिंग एड्स - अगर मरीज को सोने में कठिनाई हो रही है, तो डॉक्टर उन्हें सोने में मदद करने के लिए दवा लिख ​​​​सकते हैं. कुछ स्लीपिंग एड्स में लोराजेपम, जेलप्लॉन या जोलपिडेम शामिल हैं.
  • एंटीडिप्रेसेंट दवा - यदि कोई व्यक्ति मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है, तो डॉक्टर उन्हें एंटीडिप्रेसेंट दवा लेने की सलाह दे सकते हैं.

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थकान रूमेटाइड अर्थराइटिस (आरए) का एक गंभीर लक्षण हो सकता है. थकान उन लोगों के पूरे जीवन को प्रभावित कर सकती है. आरए में होने वाला जोड़ों का दर्द, सूजन, एनीमिया व नींद की कमी आदि थकान का कारण बन सकती है. ऐसे में सही जीवनशैली और अर्थराइटिस का इलाज करवाकर थकान को कम करने में मदद मिल सकती है. रूमेटाइड अर्थराइटिस का समय पर इलाज करवाना जरूरी होता है.

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