एसिडिटी एक सामान्य समस्या है. यह समस्या किसी को भी हो सकती है. एसिडिटी पाचन संबंधी आम समस्या है. तेल-मसालेदार खाने का अधिक सेवन करने वालों को एसिडिटी की परेशानी हो सकती है.

एसिडिटी के कारण पेट में जलन, खट्टी डकारें और कभी-कभी पेट में दर्द भी हो सकता है. वैसे तो एसिडिटी की परेशानी होना सामान्य है. लेकिन अगर बार-बार एसिडिटी की परेशानी हो जाए, तो इससे आपको अन्य बीमारियां होने का खतरा हो सकता है. जिससे सेहत को कई नुकसान हो सकते हैं.

बार-बार एसिडिटी होने पर यह गैस्ट्रो इसोफेगल डिजीज (GERD) में बदल सकती है. आज हम इस लेख में आपको एसिडिटी से होने वाली बीमारी और नुकसान के बारे में बताएंगे.

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  1. एसिडिटी से होने वाली बीमारियां और नुकसान - What problems can chronic acidity lead to in Hindi
  2. एसिडिटी से कैसे करें बचाव - How to prevent acidity in Hindi
  3. सारांश - Takeaway
एसिडिटी से होने वाले नुकसान और रोग के डॉक्टर

एसिडिटी की परेशानी बार-बार होने पर व्यक्ति को कई तरह की परेशानियों से जूझना पड़ सकता है. एसिडिटी होने पर आपको कुछ बीमारियां और नुकसान हो सकते हैं. आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से -

ग्रासनलीशोथ (ऐसोफैजाइटिस)

बार-बार एसिडिटी होने पर यह ग्रासनली ट्रिगर होती है. जिसकी वजह से ग्रासनली में सूजन हो सकती है. इस स्थिति को ऐसोफैजाइटिस कहा जाता है. ऐसोफैजाइटिस की परेशानी होने पर आपको निगलने में काफी परेशानी होती है. साथ ही इसके कुछ अन्य लक्षण भी दिख सकते हैं. जैसे- गले में खराश, कर्कश आवाज, पेट में जलन इत्यादि. अगर आप इस समस्या का समय पर इलाज नहीं करवाते हैं, तो ग्रासनली में अल्सर और अन्य परेशानी उत्पन्न हो सकती है. कुछ-कुछ मामलों में एसोफैगल कैंसर होने का भी खतरा रहता है.

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भोजननली में अल्सर

एसिडिटी की परेशानी बार-बार होने पर आपको एसोफैगल अल्सर की भी शिकायत हो सकती है. दरअसल, पेट में मौजूद एसिड ग्रासनली के लाइनिंग को नुकसान पहुंचा सकता है. जिसके कारण यह गंभीर स्थिति उत्पन्न हो सकती है. एसोफैगल अल्सर को पेप्टिक अल्सर भी कहा जाता है. भोजन नली में अल्सर की शिकायत होने पर आपको खट्टी डकारें, जी मिचलाना, पेट में जलन होना, मल से खून आना जैसे लक्षण दिख सकते हैं. हालांकि, हर व्यक्ति में एक समान लक्षण नहीं होते हैं. अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखे, तो तुरंत अपना इलाज कराएं.

 

एस्पिरेशन निमोनिया

एसिडिटी की परेशानी होने पर जब एसिड आपके गले और मुंह तक पहुंचती है, तो इस दौरान एसिड फेफड़ों में भी प्रवेश कर सकता है. इस स्थिति में एस्पिरेशन निमोनिया होने का खतरा रहता है. फेफड़ों में संक्रमण पहुंचने की वजह से आपको बुखार, लंबी सांस, छाती में दर्द, सांस लेने में परेशानी और घरघराहट, थकान और स्किन नीली पड़ना जैसे लक्षण दिख सकते हैं. कुछ मामलों में एस्पिरेशन निमोनिया गंभीर और घातक भी हो सकते हैं. इसलिए अगर आपको एसिडिटी की परेशानी लगातार हो रही है, तो अपना नियमित रूप से चेकअप कराएं.

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एसोफाजाल कैंसर

एसिडिटी की वजह से खाने की नली में कैंसर होने का भी खतरा रहता है. अगर आप समय पर एसिडिटी का इलाज नहीं करवाते हैं, तो एसोफेजेल कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है. इस कैंसर की वजह से आपके ग्रासनली का निचला हिस्सा प्रभावित हो सकता है. जिसकी वजह से आपको निगलने में कठिनाई, वजन घटना, छाती में दर्द, खांसना, गंभीर अपच, उदासी जैसे लक्षण दिख सकते हैं.

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बैरेट एसोफेगस

बैरेट एसोफेगस ऐसी स्थिति है, जिससे काफी कम लोग प्रभावित होते हैं. लंबे समय तक एसिडिटी या फिर जीईआरडी होने से यह परेशानी हो सकती है. अगर लगातार कई वर्षों से आपको एसिडिटी की शिकायत हो रही है, तो इसकी वजह से ग्रासनली के लाइनिंग की कोशिकाओं में बदलाव आ जाता है. बैरेट की वजह से ग्रासनली में कैंसर का भी खतरा बढ़ सकता है. इसलिए एसिडिटी की परेशानी को कभी भी नजरअंदाज न करें.

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एसिडिटी से बचने के लिए आप इन उपायों को अपना सकते हैं -

  • चिकना, वसायुक्त, अम्लीय और मसालेदार भोजन को खाने से बचें. इस तरह के खाद्य पदार्थों से एसिडिटी होने की संभावना बढ़ती है. वहीं, कुछ अन्य खाद्य पदार्थ, जैसे कि पेपरमिंट, टोमैटो सॉस, लहसुन, प्याज, साइट्रस और डार्क चॉकलेट भी एसिडिटी को ट्रिगर कर सकता है.
  • सोने से या फिर बेड पर जाने से कम से कम 2 से 3 घंटे पहले खाने की कोशिश करें.
  • पूरे दिन के आहार को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटें.
  • खाने को अच्छे से चबाकर खाएं.
  • वजन को कंट्रोल रखने की कोशिश करें. अतिरिक्त फैट से एसिडिटी की संभावना बढ़ती है.
  • शराब और कैफीन युक्त चीजों का सेवन न करें.
  • धूम्रपान से दूर रहें.

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ध्यान रखें कि एसिडिटी एक आम समस्या है. लेकिन अगर यह समस्या बार-बार हो, तो गंभीर रूप धारण कर सकती है. ऐसे में एसिडिटी को नजरअंदाज न करें. अगर आपको एसिडिटी हो रही है, तो डॉक्टर से सलाह लें. डॉक्टर द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों को अच्छे से फॉलो करें और हेल्दी लाइफस्टाइल चुनें.

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