बालों का झड़ना आज एक आम समस्या बन गई है। जब हम बालों को धोते हैं या कंघी करते हैं या फिर उन्हें स्टाइल करते हैं, उस दौरान कई बार बाल टूटते हैं जो की सामान्य होता है। औसतन लोगों के प्रतिदिन 50 से 100 बाल झड़ जाते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पुराने बाल झड़ने के बाद नए बालों का विकास होता है। लेकिन जब पुरुषों या महिलाओं के बाल बहुत अधिक झड़ने लगते हैं तो यह बहुत बड़ी समस्या बन जाती है।

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यह सच है कि आनुवंशिकी (genetics), तनाव, केमिकल आधारित बाल उत्पादों का उपयोग, बालों को स्टाइल देने के लिए ताप उपकरण, गलत आहार का सेवन, भीषण जलवायु और बालों की अनुचित देखभाल बाल झड़ने के प्रमुख कारण हैं।

लेकिन कभी कभी स्वास्थ्य समस्याओं के कारण भी बाल झड़ने लगते हैं। इस परिस्थिति में स्वास्थ्य ठीक होने के बाद बाल झड़ने की समस्या अपने आप ही कम हो जाती है।

चलिए जानते हैं किन किन स्वास्थ्य और चिकित्सा कारणों से हमारे बाल झड़ते हैं -

  1. बालों के झड़ने का कारण है एलोपेशीया एरेटा - Alopecia areata causes hair thinning in hindi
  2. बाल गिरने का कारण है पीसीओएस - Hair loss a symptom of polycystic ovarian syndrome in hindi
  3. गंजेपन का कारण है शरीर में आयरन की कमी - Hair loss due to iron deficiency anemia in hindi
  4. गंजेपन की समस्या होती है हाइपोथायरायडिज्म से - Hypothyroidism can lead to hair loss in hindi
  5. बाल झड़ने के कारण है ल्यूपस रोग - Lupus causes hair fall in hindi
  6. बाल झड़ने की समस्या होती है टेलोजेन एफ्लुवियम से - Telogen effluvium affects hairline in hindi
  7. बाल गिरने की समस्या है कारण है खोपड़ी संक्रमण - Scalp infection that causes hair loss in hindi
  8. बाल टूटने का कारण है जिंक कमी - Hair loss due to zinc deficiency in hindi
  9. बालों के झड़ने की समस्या होती है प्रोटीन की कमी से - Protein deficiency causes hair loss in hindi
  10. बालों के टूटने का कारण है भरी हुई धमनियां - Clogged arteries can cause hair loss in hindi
  11. सारांश

बालों के झड़ने का एक मुख्य कारण एलोपेशीया एरेटा विकार है जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली बालों की जड़ों पर हमला करती है और बाल झड़ने लगते हैं। यह विकार महिला और पुरुष दोनों को प्रभावित करता है। यह विकार 20 साल से कम उम्र के लोगों में सबसे आम है लेकिन यह किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है।

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इस विकार में बाल गोल गोल पैच में सर से पूरी तरह गिर जाते हैं। इस विकार में सिर के सारे बाल नहीं गिरते हैं पर कभी कभी इस विकार के कारण शरीर के अन्य हिस्सों के बाल भी झड़ जाते हैं। इस रोग के सही कारण का अभी तक पता नहीं चला है लेकिन यह तनाव या वंशानुगत बीमारियों जैसे टाइप 1 डायबिटीज या रुमेटी गठिया के कारण भी हो सकता है। 

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इस रोग का कोई इलाज नहीं है लेकिन कई उपचार विकल्प हैं जो आपके बालों को तेजी से बढ़ने में मदद कर सकते हैं और भविष्य में बालों को झड़ने से रोक सकते हैं। उपचार की जानकारी लेने के लिए अपने चिकित्सक से परामर्श करें। 

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बालों का पतला होना और तेजी से झड़ना पीसीओएस के कारण होता है जिससे शरीर में हार्मोनल असंतुलन होता है। जब पीसीओएस शरीर में टेस्टोस्टेरोन या एण्ड्रोजन हार्मोन को बढ़ा देता है तब ये बालों के रोम में पाए वाले एंजाइम को प्रभावित करते हैं और उसे डीहायड्रोटेस्टोस्टेरोन (Dihydrotestosterone) यौगिक में परिवर्तित करते हैं। यह डीएचटी बालों के रोम को बांधता है जिसके कारण वे सिकुड़ जाते हैं और बाल पतले हो जाते हैं। 

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शरीर में आयरन की कमी के कारण एनीमिया होता है। ऐनीमिया से पीड़ित लोगों के बाल नाजुक और पतले होते हैं। शरीर में आयरन की कमी के कारण बालों के झड़ने की समस्या होती है। शरीर में आयरन की कमी के कारण लाल रक्त कोशिकाओं की कमी होती है। ये लाल रक्त कोशिकाएं बालों के रोम सहित पूरे शरीर में ऑक्सीजन को पहुंचाने का काम करती हैं। पर्याप्त ऑक्सीजन के बिना बालों के विकास और मजबूती के लिए जरूरी आवश्यक पोषक तत्व नहीं मिल पते हैं जिसके कारण बाल झड़ने की समस्या पैदा हो जाती है। द जर्नल ऑफ़ द अमेरिकन अकादमी ऑफ़ डर्मेटोलॉजी में प्रकाशित 2006 के एक अध्ययन में कहा गया है कि आयरन की कमी बालों के झड़ने का मुख्य कारण होता है। इसके कारण एलोपेशीया एरेटा, पुरूषों में गंजापन और डिफ्यूज हेयर लॉस संबंधित समस्यां भी हो सकती हैं। यदि आप में आयरन की कमी है तो आप आयरन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें या अपने डॉक्टर से परामर्श के बाद आयरन के पूरक लें।

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हाइपोथायरायडिज्म या अंडरएक्टिव थायराइड बालों के झड़ने का कारण है। थायराइड ग्रंथि थाइरोइड हार्मोन के स्राव में मदद करती है जो बालों सहित शरीर के समुचित विकास और वृद्धि के लिए जरूरी होता है। अंडरएक्टिव थायराइड यानि असामान्य रूप से निष्क्रिय थायराइड पर्याप्त थायराइड हार्मोन का उत्पादन नहीं करता और बालों के विकास को प्रभावित कर सकता है। यह सिर के साथ-साथ भौहों और शरीर के अन्य बालों की बनावट को भी प्रभावित कर सकता है। द जर्नल ऑफ क्लीनिकल एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म में प्रकाशित 2008 के एक अध्ययन ने बताया है कि थायराइड हार्मोन बालों के विकास के चक्र के साथ साथ बालों की रचना के कई पहलुओं को प्रभावित करता है। एक दुसरे अध्ययन में यह भी बताया गया है कि थायराइड की समस्या के कारण एलोपेशीया एरेटा जैसी समस्या भी होती है। 

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ल्यूपस एक प्रकार की ऑटोइम्‍यून बीमारी है जिसके कारण भी बाल झड़ने की समस्या होती है। इस बीमारी में हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली स्वस्थ ऊतकों पर हमला करती है और सूजन की समस्या पैदा करती है। इस रोग में त्वचा और खोपड़ी पर सूजन हो जाती है जिसके परिणामस्वरूप बाल झड़ने लगते हैं। ल्यूपस के मरीजों के बाल शैम्पू और ब्रश करने पर अधिक झड़ने लगते हैं। इसके अलावा उनके बाल शुष्क और खुरदरे हो जाते हैं। इसके अलावा ल्यूपस के कारण ऑटोइम्म्यून थायराइड रोग भी हो सकता है जो बालों के झड़ने का एक और सामान्य कारण है। द नार्थ अमेरिकन जर्नल ऑफ़ मेडिकल साइंसेज में प्रकाशित 2009 के एक अध्ययन में बताया गया है कि सिस्टमिक लुपस एरीदीमॅटोसस (lupus erythematosus) के कारण बाल झड़ने की समस्या होती है।

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टेलोजेन एफ्लुवियम बालों के झड़ने की एक आम समस्या है। यह समस्या किसी बड़ी घटना के बाद कुछ महीनों तक बालों के लगातार झड़ने की होती है। यह घटना हो सकती है गर्भावस्था, बड़ी शल्य चिकित्सा, बहुत अधिक वजन घटाना, अत्यधिक तनाव इस समस्या में अक्सर शैम्पू, स्टाइलिंग या ब्रशिंग के दौरान बाल झड़ते हैं। गर्भावस्था और प्रसव के बाद घटते बढ़ते हार्मोन के कारण बाल के झड़ने की समस्या होती है। लेकिन जैसे ही हार्मोन सामान्य हो जाते हैं बालों के झड़ने की समस्या भी ठीक हो जाती है। गर्भावस्था की तरह महिलाओं में रजोनिवृत्ति के कारण भी हार्मोनल परिवर्तन होता है। इस दौरान एस्ट्रोजेन हार्मोन का स्तर कम होता है जिससे बाल सूखने लगते हैं जिसके कारण बालों के झड़ने की समस्या पैदा होती है। द जर्नल ऑफ़ डर्मेटोलॉजी एंड डर्मटॉलजिस्ट सर्जरी में प्रकाशित 2015 का अध्ययन बताता है कि बड़ी उम्र की महिलाओं में टेलोजेन एफ्लुवियम आमतौर पर एनीमिया और हाइपोथायरायडिज्म से जुड़ा है। 

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एक अस्वस्थ स्कैल्प के कारण बालों के रोम में सूजन की समस्या हो सकती है जिससे बालों के बढ़ने में मुश्किल पैदा होती है। सिर का संक्रमण बालों के झड़ने का कारण बनता हैं। सिर के संक्रमण के विभिन्न प्रकार होते हैं। टिनिया कैपिटिस सबसे आम सिर का संक्रमण है। यह एक प्रकार का कवक संक्रमण होता है। ये कवक बाल के मृत ऊतकों पर रह सकते हैं और आसानी से फैल सकते हैं। ये कवक सिर के कुछ हिस्सों या पूरे सिर को प्रभावित कर सकते हैं। संक्रमित क्षेत्रों में अक्सर बाल निकल जाते हैं और छोटे काले डॉट्स रह जाते हैं। यह बीमारी अक्सर बच्चों को प्रभावित करती है और यौवन तक समाप्त होती है। हालांकि यह किसी भी उम्र में हो सकती है। द इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ ट्रिचोलोजी में प्रकाशित 2013 के एक अध्ययन में पाया गया कि 2,800 बच्चों में से 210 में बालों के झड़ने और खोपड़ी संबंधी विकारों की समस्या थी। इन 210 बच्चों में 40.0% टीनिया कैपिटिस की समस्या से ग्रस्त थे, वहीं 26.2% बच्चों में अलोपेसिया अरीटा की समस्या थी और 17.6% बच्चों में टेलोजेन एफ्लुवियम की समस्या थी समय पर निदान और उपचार इस समस्या का इलाज करने में मदद कर सकता है। 

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शरीर में जिंक की कमी बालों के नाजुक होने, कमजोर होने और टूटने का कारण होती है। जिंक की कमी सिर के बालों के साथ साथ आइब्रो और पलकों के बालों को भी प्रभावित करती है। जिंक एक महत्वपूर्ण खनिज है जो सेल प्रजनान, ऊतकों के विकास और उन्हें ठीक करने में मदद करता है। यह बालों के रोम से जुडी तेल-स्रावित ग्रंथियों के रखरखाव में मदद करता है। इसलिए जब शरीर में जस्ता की कमी होती है यह सीधे बालों के विकास को प्रभावित करती है। इसके अलावा जिंक की कमी से शरीर में प्रोटीन की कमी होने लगती है। प्रोटीन बालों को बनाने में मदद करता है। द इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ ट्रिचोलोजी जिंक की कमी हाइपोथायरायडिज्म से जुडी है जो बालों के झड़ने का एक प्रसिद्ध कारण है। जिंक की कमी को पूरा करने के लिए अपने आहार में ब्राजील नट्स, अखरोट, पेकान, काजू और बादाम जैसे नट्स का सेवन करें। 

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हमारे बाल केरेटिन नामक प्रोटीन से बने हुए हैं। प्रोटीन का सेवन हमारे बालों के विकास और गुणवत्ता से जुड़ा होता है। हार्मोन के ऊतक की मरम्मत को नियंत्रित करने के साथ साथ शरीर के भीतर विभिन्न कार्यों के लिए प्रोटीन महत्वपूर्ण होता है। इसकी कमी के कारण समय से पहले बालों के झड़ने या सूखे और बालों की समस्या हो सकती है। ज्यादातर लोग अपर्याप्त प्रोटीन लेते हैं। लेकिन खराब अवशोषण के कारण भी हमारे शरीर में प्रोटीन की कमी हो सकती है। यदि आप पर्याप्त प्रोटीन नहीं लेते हैं तो आपको अपने भोजन में मांस, मुर्गी, मछली, बीन्स, सोया उत्पादों, बादाम, दही और अंडे को शामिल करना चाहिए। 

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अवरोधित धमनियां (Clogged arteries) पुरुषों के बालों के झड़ने का कारण बन सकती हैं। वास्तव में इसके कारण पुरुषों में पैर के बालों के झड़ने की भी समस्या होती है। द आर्काइव्ज ऑफ़ इंटरनल मेडिसिन में प्रकाशित 2000 के अध्ययन में पाया गया की पुरुषों में गंजेपन और कोरोनरी हृदय रोग दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। अपने बहुमूल्य बालों की रक्षा करने के लिए अपने दिल की देखभाल करना भी महत्वपूर्ण है। हृदय रोग के जोखिम के कारणों की जानिए और नियमित रूप से जांच कराइये। साथ ही धूम्रपान और मदिरा के सेवन से बचें। रोजाना व्यायाम करें और अपने दिल की हालत में सुधार करने के लिए अपने शरीर से वसा कम करें। 

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बाल झड़ने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें आनुवंशिकी, हार्मोनल परिवर्तन, खराब पोषण, तनाव, चिकित्सीय स्थितियाँ, दवाइयाँ, उम्र, और सिर की देखभाल शामिल हैं। हार्मोनल असंतुलन, जैसे थायरॉयड समस्याएं, गर्भावस्था, रजोनिवृत्ति और पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) भी बालों के झड़ने का कारण बन सकते हैं। विटामिन और मिनरल्स की कमी, जैसे विटामिन डी, बी, आयरन, और जिंक की कमी, बालों के स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। अत्यधिक शारीरिक या मानसिक तनाव भी बालों के झड़ने के कारण हैं । एलोपेसिया एरियाटा, स्कैल्प इंफेक्शन और ऑटोइम्यून डिसऑर्डर जैसी चिकित्सीय स्थितियाँ भी बालों के झड़ने का कारण बन सकती हैं।  इन कारणों की पहचान करके और सही उपचार व देखभाल द्वारा बालों के झड़ने को रोका या कम किया जा सकता है।

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