आयुर्वेद में जड़ी-बूटियों का सेवन करने के अलावा कई तरह की बाह्य चिकित्सा विधि भी बताई गई हैं. ये कई बीमारियों को दूर करने में लाभकारी होती हैं. इन्हीं में से थालापोथिचिल भी एक आयुर्वेदिक विधि है, जो प्रमुख रूप से सिर की समस्याओं को दूर करने में प्रभावी होती है.
थालापोथिचिल विधि में औषधि युक्त लेप सिर पर लगाया जाता है. इससे सिर के बालों, नसों व स्किन को शीतलता व आराम मिलता है. यह थेरेपी सिर से जुड़े विकारों को दूर करने में असरदार है. सिर के साथ-साथ गले से जुड़ी परेशानियों को दूर करने में थालापोथिचिल थेरेपी असरदार हो सकती है. इस विधि को शिरोलेपा भी कहा जाता है.
आज इस लेख में हम थालापोथिचिल का अर्थ, प्रक्रिया, फायदे, नुकसान व सावधानियों के बारे में विस्तार से जानेंगे -
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