गुदा हमारे शरीर का संवेदनशील और अहम अंग है. यह हमारे पाचक नाल के अंतिम छोर का छिद्र द्वार है. इसका मुख्य कार्य मल निष्कासन को नियंत्रित करना और पाचक नली से मल निकलने की प्रक्रिया में सहायता करना है. पाइल्स, फिस्टुला, फिशर व गुदा कैंसर जैसी गुदा नली से जुड़ी समस्याओं के कारण हमारे शरीर की क्रिया प्रणाली बुरी तरह प्रभावित हो सकती है.
इन बीमारियों का उपचार दवाइयों के जरिए किया जा सकता है. हालांकि, यदि किसी को गंभीर समस्या है, तो उसके लिए सर्जरी करवाना काफी पीड़ादायक और असुविधाजनक हो सकता है. इसलिए, गुदा जैसे शरीर के कई ऐसे अंग हैं, जिनके लिए सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट्स इस्तेमाल न करने की बात कही गई है.
वहीं, आयुर्वेद में गुदा से जुड़ी समस्याओं के लिए क्षार सूत्र चिकित्सा को सबसे असरदार बताया गया है. इससे मरीज के शरीर में जख्म भी नहीं बनता और खून भी नहीं निकलता है.
इस लेख में आप क्षार सूत्र चिकित्सा का अर्थ, प्रक्रिया, फायदे, नुकसान, सावधानियां व कीमत के बारे में जानेंगे -
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