यदि आपके घर में कुत्ता है तो समय-समय पर उसका वैक्सीनेशन (टीकाकरण का मतलब बीमारियों से बचने के लिए चिकित्सकीय सहायता लेना है) कराना या उसे खाना-पानी देना ही पर्याप्त नहीं है। आपको उसके व्यवहार व शरीर की भी जांच करने की जरूरत है। यदि पालतू जानवर को कोई शारीरिक समस्या है तो अक्सर वह प्रभावित जगह को चाटते या झटकते हुए दिखाई देंगे। इन्हीं समस्याओं में से एक है हेमाटोमा यानी कान में खून जमा होना।
अगर आपके पालतू जानवर के कान में सूजन दिखाई देती है, तो यह कान में हेमाटोमा या कान में किसी बीमारी का संकेत हो सकता है। इसे ओरल हेमाटोमा के नाम से भी जाना जाता है।
कान में हेमाटोमा क्या है?
कान की त्वचा और कार्टिलेज (उपास्थि) के बीच खून जमा होने की स्थिति को कान में हेमाटोमा कहते हैं। अक्सर यह समस्या कान में चोट या ज्यादा खरोंच की वजह से कान में रक्त वाहिकाएं फटने के कारण होती है। ज्यादातर यह स्थिति उन कुत्तों में होती है, जिनके कान लंबे और लटके हुए होते हैं। यह स्थिति कुत्ते के लिए बहुत ही दर्दनाक हो सकती है। यदि इसका इलाज नहीं किया गया है, तो कान के आकार और रंग में बदलाव आ सकता है।
आमतौर पर, कुत्तों में बाहरी कान के संक्रमण (ओटिटिस एक्सटर्ना) जैसी चिकित्सा स्थिति कुत्ते में हेमाटोमा का कारण बन सकती है। कभी-कभार प्रतिरक्षा प्रणाली संबंधी विकार, थक्के संबंधी विकार और कुत्तों में हार्मोनल परेशानियां भी हेमाटोमा का कारण बन सकती हैं। इसलिए, कोशिश करें कि कुत्ते के कान में दिक्कत या सूजन होने पर जल्द से जल्द पशु चिकित्सक के पास जाकर चेकअप करवाएं। डॉक्टर हेमाटोमा ट्रीटमेंट के लिए सबसे पहले इसके अंतर्निहित कारणों को पता लगाएंगे, जिसके लिए वे कुछ टेस्ट करवाने की सलाह दे सकते हैं।
कुत्ते में हेमाटोमा के लिए उपचार सूजन की गंभीरता के आधार पर भिन्न हो सकता है। कई बार सूजन वाले हिस्से में चीरा लगाने की जरूरत होती है, ताकि वहां मौजूद मवाद या अन्य किसी प्रकार के तरल को बाहर निकाला जा सके। हालांकि, यह पर्मानेंट इलाज नहीं है क्योंकि अक्सर ऐसी स्थितियों में दोबारा से द्रव जमा होने की जोखिम बना रहता है। ऐसे में कई बार कुत्ते को पशु चिकित्सक के पास ले जाने की जरूरत होती है।
अन्य उपचार के तौर पर कुत्ते को एनेस्थीसिया (दर्द से बचने के लिए शरीर के किसी भाग को सुन्न करने की प्रक्रिया) दिया जा सकता है। इसके बाद सर्जिकल कट लगाया जाता है और अंदर भरे मवाद या तरल पदार्थ को सर्जन द्वारा बाहर निकाल लिया जाता है। इसके अलावा दोबारा से तरल पदार्थ को जमा होने से रोकने के लिए प्रभावित हिस्से में टांके लगाए जा सकते हैं। करीब 3-14 दिनों के बाद सर्जन टांके को हटा सकते हैं। कुत्ते आमतौर पर उपचार के लिए अच्छी तरह से प्रतिक्रिया करते हैं, लेकिन रोग का निदान अंतर्निहित स्थिति पर निर्भर करता है। अच्छी बात यह है कि आमतौर पर कुत्ते उपचार के प्रति अच्छी प्रतिक्रिया करते हैं।
कुत्ते को एनेस्थीसिया देना इसके उपचार का एक अन्य विकल्प है। कुत्ते को एनेस्थीसिया देने के बाद डॉक्टर सूजन वाले हिस्से पर एक चीरा लगाते हैं और द्रव्य को अवशोषित करने के लिए कान में सर्जिकल ड्रेन का इस्तेमाल करते हैं। (सर्जिकल ड्रेन एक पतली छोटी ट्यूब है, जिसका उपयोग घाव से मवाद, खून या अन्य तरल पदार्थ निकालने के लिए किया जाता है) जब द्रव्य सूख जाता है तो कुछ हफ्तों बाद इस ड्रेन को सर्जन द्वारा हटा दिया जाता है। द्रव्य को फिर से संग्रहित होने से रोकने के लिए प्रभावित हिस्से पर टांके लगा दिए जाते हैं और सर्जन इन टांकों को 3 से 15 दिनों के बाद हटा सकता है। कुत्ते अक्सर उपचार के प्रति अच्छे से प्रतिक्रिया करते हैं, लेकिन रोग का निदान अंतर्निहित स्थितियों पर निर्भर करता है।