बिहार, झारखंड, यूपी, बंगाल जैसे राज्यों के लोगों के बीच सत्तू काफी फेमस है। कभी 'गरीब आदमी का प्रोटीन' कहा जाने वाला सत्तू अब देशभर ही नहीं बल्कि दुनियाभर में अपनी अलग पहचान बना रहा है। यही वजह है कि सत्तू को सुपरफूड्स की कैटिगरी में भी शामिल किया गया है। फेमस रेसिपी लिट्टी-चोखे में लिट्टी के अंदर सत्तू ही भरा जाता है। लेकिन सत्तू की खासियत यहीं खत्म नहीं होती। इसे पानी में मिलाकर नमकीन या मीठा शरबत बनाया जा सकता है या फिर बाटी या परांठे के अंदर भरकर मजेदार रेसिपी भी तैयार की जा सकती है।
मशहूर न्यूट्रिशनिस्ट, हेल्थ एक्सपर्ट और लाइफस्टाइल कोच luke coutinho भी यही मानते हैं कि सत्तू जैसा कोई भारतीय सुपरफूड नहीं है। सत्तू में प्रोटीन की मात्रा सबसे अधिक होती है। इसके अलावा सत्तू में कैल्शियम, आयरन, मैग्नीज, मैग्निशियम जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर के टीशूज को रिपेयर करने का काम करते हैं। सत्तू में कार्बोहाइड्रेट भी होता है जो शरीर को तुरंत एनर्जी देने का काम करता है। लिहाजा सत्तू को एनर्जी का पावरहाउस भी कहते हैं।
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सत्तू का सेवन आमतौर पर गर्मी के दिनों में किया जाता है क्योंकि यह पेट को ठंडा रखने में मदद करता है। तो आखिर सत्तू कैसे बनता है और इसे खाने या पीने के क्या-क्या फायदे हैं। इसके अलावा क्या सत्तू के सेवन से कुछ नुकसान भी हो सकता है क्या? इन सबके बारे में इस आर्टिकल में विस्तार से हम आपको बता रहे हैं।
- सत्तू क्या होता है? - Sattu kya hota hai
- सत्तू खाने के फायदे - Sattu ke benefits
- खाली पेट सत्तू पीने के फायदे - Khali pet sattu pine ke fayde
- सत्तू कैसे बनता है? - Sattu banane ka tarika
- सत्तू खाने के नुकसान - Sattu ke side effects
- सत्तू खाने या पीने का सही समय - Sattu khane ka time
- सत्तू की तासीर - Sattu ki taseer
- सारांश
सत्तू क्या होता है? - Sattu kya hota hai
तो आखिर सत्तू क्या है? सत्तू, दरअसल चने का आटा है जिसे सफेद वाले काबुली चना या फिर लाल चने को भूनकर बनाया जाता है। बिहार, झारखंड और बंगाल जैसे प्रदेशों में लोहे की कढ़ाही में बालू डालकर उसमें चने को भूना जाता है और उसके बाद उसे छान लिया जाता है ताकि बालू अलग हो जाए और फिर इस भूने हुए चने को पीस लिया जाता है और बस हो गया आपका सत्तू तैयार।
सत्तू खाने के फायदे - Sattu ke benefits
डायबिटीज के लिए सत्तू खाने के फायदे
चने के सत्तू में आटा और मैदा की तुलना में कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा आधी होती है इसलिए वह व्यक्ति के ब्लड शुगर लेवल को अलग तरह से प्रभावित करता है। सफेद आटे का जीआई जहां 70 होता है वहीं, सत्तू का ग्लाइसेमिक इंडेक्स यानी जीआई सिर्फ 28 से 35 के बीच होता है। इसलिए सत्तू डायबिटीज के मरीजों के लिए अच्छा माना जाता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो रोजाना सत्तू का सेवन करने से शरीर में ग्लूकोज का अवशोषण कम होता है जिससे ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। हालांकि डायबिटीज के मरीजों को सत्तू में चीनी मिलाकर नहीं खाना चाहिए।
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वजन घटाने के लिए सत्तू खाने के फायदे
सत्तू में उसके वजन के हिसाब से 20 प्रतिशत प्रोटीन पाया जाता है और प्रोटीन के साथ ही साथ इसमें फाइबर होता है इसलिए यह वजन घटाने में भी मददगार है। सत्तू को खाने के बाद आपको देर तक भूख नहीं लगती और पेट भरा हुआ महसूस होता है। इस कारण भी वेट मैनेज करना आसान होता है। सत्तू में पोटैशियम और मैग्नीशियम भी पाया जाता है जो पेट फूलने की समस्या को दूर करता है, मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और कैलोरीज बर्न करने में मदद करता है।
अच्छे पाचन के लिए सत्तू खाने के फायदे
1 कप सत्तू में करीब 10 ग्राम फाइबर पाया जाता है जो सफेद आटे की तुलना में करीब तीन गुना है। फाइबर की अधिकता के कारण ही सत्तू पाचन में भी मदद करता है। सत्तू में पाए जाने वाले फाइबर और आयरन की वजह से पेट साफ रहता है, पाचन तंत्र बेहतर तरीके से काम करता है और कब्ज, ऐसिडिटी या दूसरी कोई पाचन से जुड़ी समस्या नहीं होती है।
कोलेस्ट्रॉल घटाने के लिए सत्तू खाने के फायदे
47 वयस्कों पर की गई एक स्टडी में यह बात सामने आयी कि करीब 5 हफ्तों तक गेंहू की तुलना में चने का सेवन करने पर टोटल कोलेस्ट्रॉल में 3.9 प्रतिशत और एलडीएल यानी बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में 4.6 प्रतिशत की कमी देखने को मिली। इसका कारण ये है कि चने का आटा यानी सत्तू में फाइबर अधिक होता है जो खून में फैट के लेवल को बेहतर बनाने में मदद करता है।
गर्मी में लू से बचाने के लिए सत्तू खाने के फायदे
कच्चे आम का पन्ना की ही तरह सत्तू भी गर्मी के मौसम के लिए परफेक्ट है। सत्तू की तासीर ठंडी होती है और इसलिए यह गर्मी के मौसम में शरीर को अंदर से ठंडा रखता है और लू लगने से भी बचाता है। गर्मी के मौसम में तेज धूप की वजह से अगर थकान महसूस हो रही हो तो उसमें भी थकान दूर कर एनर्जी देने में आपकी मदद कर सकता है सत्तू।
भूख बढ़ाने के लिए सत्तू खाने के फायदे
अगर सत्तू को सुबह नाश्ते में खाली पेट खाया जाए या फिर पानी में मिलाकर पिया जाए तो यह भूख बढ़ाने में भी मदद करता है। सत्तू में मौजूद पोटैशियम और मैग्नीशियम के अलावा कई और खनिज पदार्थ और पोषक तत्व पाए जाते हैं जिनकी वजह से यह भूख बढ़ाने में मदद करता है।
सभी उम्र के लोगों के लिए सत्तू खाने के फायदे
सत्तू इंसान के शरीर को पोषण देने का काम करता है और इसलिए यह बढ़ते बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों के लिए भी फायदेमंद है। सत्तू को बनाना, खाना और पचाना बेहद आसान होता है इसलिए इसे अपनी डायट में शामिल करने पर शरीर को पोषण की अच्छी मात्रा मिल जाती है।
खाली पेट सत्तू पीने के फायदे - Khali pet sattu pine ke fayde
सत्तू का सेवन अगर सुबह के समय खाली पेट किया जाए तो
- पेट से जुड़ी कई तरह की समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है
- शरीर से टॉक्सिन्स यानी विषाक्त पदार्थों भी बाहर निकल जाते हैं
- आंत हेल्दी बनी रहती है और आंत की गतिविधियां सही रहने से पेट साफ होता है
- भूख न लग रही हो तो भूख बढ़ाने के लिए सुबह नाश्ते में सत्तू का सेवन फायदेमंद हो सकता है
- खाली पेट सत्तू पीने से शरीर को ऊर्जा मिलती है और दिनभर थकान महसूस नहीं होती।
सत्तू कैसे बनता है? - Sattu banane ka tarika
वैसे तो सत्तू मार्केट में बड़ी आसानी से मिल जाता है। लेकिन अगर आप इसे घर पर बनाना चाहते हैं तो आप काबुली चना (छोले) को कढ़ाई में सूखा बिना किसी तेल के भूनकर उसे मिक्सी या ग्राइंडर में पीसकर उसका आटा तैयार कर लें या फिर लाल चने (bengal gram) को भूनकर, पीसकर उसका आटा बना लें। दोनों को ही सत्तू ही कहते हैं। सत्तू को गेंहू के आटे के ग्लूटेन-फ्री विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है और यही वजह है कि सत्तू, दुनियाभर में फेमस भी हो रहा है।
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100 ग्राम सत्तू में
सत्तू खाने के नुकसान - Sattu ke side effects
वैसे तो सत्तू का सेवन कई तरह से फायदेमंद है लेकिन कुछ लोगों को इसके सेवन से कुछ नुकसान भी हो सकता है। कई बार बहुत ज्यादा मात्रा में सत्तू का सेवन करने पर भी शरीर पर इसके दुष्प्रभाव नजर आने लगते हैं:
- अगर बहुत ज्यादा मात्रा में सत्तू का सेवन कर लिया जाए तो पेट में गैस बनने लगती है। लिहाजा वैसे लोग जिन्हें पहले से ही पेट में गैस की समस्या रहती हो उन्हें कम ही मात्रा में सत्तू का सेवन करना चाहिए।
- गर्मियों में होने वाली समस्याओं जैसे- लू लगना या डिहाइड्रेशन में सत्तू बेहद फायदेमंद माना जाता है लेकिन बारिश के मौसम में सत्तू का सेवन कम ही करना चाहिए।
- जिन लोगों को पथरी की समस्या हो उन्हें भी चने के सत्तू का सेवन नहीं करना चाहिए।
- जिन लोगों को चने से एलर्जी हो या चना पचाना जिनके लिए मुश्किल हो उन्हें भी सत्तू नहीं खाना चाहिए।
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सत्तू खाने या पीने का सही समय - Sattu khane ka time
सत्तू खाने में न सिर्फ स्वादिष्ट होता है बल्कि सेहत के लिए भी कई तरह से फायदेमंद है और इसे खाने या पीने से कई तरह की बीमारियां भी दूर रहती हैं। वैसे तो सत्तू एक कंप्लीट डायट है इसलिए इसे सुबह के नाश्ते में, दोपहर के खाने में रात के डिनर में कभी भी खाया जा सकता है। लेकिन सुबह के समय खाली पेट सत्तू खाना ज्यादा फायदेमंद माना जाता है।
सत्तू की तासीर - Sattu ki taseer
सत्तू की तासीर ठंडी होती है। यही वजह है कि गर्मियों में इसका सेवन करने की सलाह दी जाती है। यह पेट को ठंडा रखने में मदद करता है और शरीर का तापमान भी इस कारण नियंत्रित रहता है।
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