अधिकतर लोगों को मीठा खाना पसंद होता है। मीठी चीज थोड़ी सी खाने के बाद मन में इसको खाने की इच्छा और बढ़ जाती है। मीठा खाने से आपके शरीर को कुछ फायदे और कुछ नुकसान होते हैं। मीठे से शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव आपके शरीर की प्रकृति के आधार पर तय होते हैं, लेकिन सामान्यतः लोगों को मीठा कम खाने की ही सलाह दी जाती है। दरअसल आज के दौर में शारीरिक व्यायाम कम करने के चलते कई तरह के रोग होने की संभावना अधिक होती है। ऐसे में मीठे का ज्यादा सेवन करना आपको रोग ग्रस्त करने का मुख्य कारण बन सकता है।
इस लेख में आपको मीठा खाने के नुकसान और फायदों के बारे में बताया गया है। साथ ही इसमें आपको मीठा खाने से शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव व ज्यादा मीठा खाने के नुकसान के बारे में भी विस्तार से बताने का प्रयास किया गया है।
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- मीठा खाने के फायदे - Meetha Khane ke fayde
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मीठा खाने के नुकसान - Meetha khane ke nuksan
- मीठा खाने से मोटापा बढ़ता है - Meetha khane se motapa badhta hai
- मीठा खाने से दांत में दर्द - Meetha khane se dant me dard
- मीठा खाने से कोलेस्ट्रोल कम होता है - Meetha khane se HDL kam hota hai
- मीठा खाने से डायबिटीज का खतरा होता है - Meetha khane se hota hai diabetes ka khatra
- मीठा खाने से इम्यून सिस्टम कमजोर होता है - Meetha khane se immunity kamjoor hoti hai
- मीठा खाने से हड्डियां कमजोर होती है - Jyada meetha khane se haddiya kamjoor hoti hai
- ज्यादा मीठा खाने से मुंहासों के परेशानी होती है - Meetha Khane se muhase hote hain
- एक दिन में कितना मीठा खाना चाहिए? - Ek din me kitni matra me meetha khana chahiye
- सारांश
मीठा खाने के फायदे - Meetha Khane ke fayde
मीठा खाने से स्ट्रोक का खतरा कम होता है - Meetha Khane se stroke ka khatra kam hota hai
डार्क चॉकलेट जैसी कुछ मीठी चीजों को खाने से फायदा भी होता है। एक अध्ययन में 45 से 79 वर्ष के उन पुरूषों को शामिल किया गया जो रोजाना करीब 10 ग्राम डार्क चॉकलेट का सेवन करते थे। इन पुरुषों में अन्य पुरुषों (जो चॉकलेट पूरी तरह से नहीं खाते थे) की अपेक्षा स्ट्रोक होने की संभावना करीब 17 प्रतिशत कम पाई गई।
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मीठा खाने से हाई बीपी में होता है फायदा - Meetha Khane se high BP me hota hai fayda
मीठे में मौजूद फ्लैविनॉइड से बीपी लो होता है। 20 तरह के अध्ययनों की समीक्षा करने पर पाया गया कि जो लोग रोजाना 3 से 100 ग्राम डार्क चॉकलेट या कोकोआ पाउडर का सेवन करते हैं, उनका बीपी अन्य की अपेक्षा थोड़ा कम हो जाती है।
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मीठा खाने से बॉडी एक्टिव रहती है - Meetha Khane se active hote hai
विशेषज्ञ बताते हैं कि जो लोग मीठी चीजें खाते हैं वह इसके नुकसान से बचने के लिए अधिक शारीरिक गतिविधियां करते हैं। मीठी चीजे खाने से लोगों को एक्टिव रहने के लिए प्रोत्साहन मिलता है। इसके साथ ही मीठी चीजे खाने के बाद कुछ लोग अपनी खानपान की अन्य खराब आदतों पर भी काबू कर पाते हैं।
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मीठा खाने के नुकसान - Meetha khane ke nuksan
जब कोई आपसे बहुत ज्यादा मीठी बात करने लगता है तो आप सावधान हो जाते हैं, ठीक वैसे ही आपको एक और आदत डाल ही लेनी चाहिए कि जब बहुत ज्यादा मीठा आपके सामने हो तो सावधान हो जाएं और तत्काल खुद पर नियंत्रण करें। यह बात जिन्हें डायबिटीज नहीं है उनके लिए भी लागू है और जिन्हें डायबिटीज है उनके लिए तो किसी गुरुमंत्र की ही तरह है। सामान्य लोगों की बात की जाए तो दिन के आपके भोजन में शुगर वाले खाने की हिस्सेदारी अधिकतम 10 प्रतिशत होनी चाहिए। जानकारों की राय में शक्कर का जरूरत से ज्यादा सेवन ही मोटापे के अलावा कई किस्म की लंबी चलने वाली बीमारियों की जड़ है।
इन्हीं में से एक है टाइप-2 डायबिटीज। जिन्हें मीठा पसंद है निश्चित तौर पर ज्यादा मीठा न खाने की सलाह को नजरअंदाज करना चाहेंगे, लेकिन जब वह अपने आसपास के पहले से ही डायबिटीज की चपेट में आने वाले लोगों की ओर देखेंगे तो उन्हें शायद अपनी गलती का अहसास हो जाएगा। इस अहसास में कहीं देरी न हो जाए। शुगर शरीर के लिए उचित मात्रा में सही है, लेकिन इसकी अधिक मात्रा आपकी जिंदगी को तबाह कर सकती है। आर्थिक, शारीरिक और पारिवारिक तौर पर भी। डॉक्टरों के मुताबिक डायबिटीज में एक्सरसाइज के साथ आहार की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। वजन पर नियंत्रण में आहार का एक्सरसाइज जितना ही महत्व होता है।
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मीठा खाने से मोटापा बढ़ता है - Meetha khane se motapa badhta hai
मीठी चीजों में कैलोरी की मात्रा अधिक होती है, थोड़ा सा मीठा खाने से ही आपको अधिक एनर्जी मिलती है। ज्यादा मीठा खाने की वजह से आप एक दिन में आवश्यक कैलोरी से अधिक का सेवन कर लेते हैं। शारीरिक काम कम करने की वजह से कैलोरी बर्न कम होती है और शरीर में इकट्ठा होने लगती है। इसकी वजह से आपके शरीर का वजन तेजी से बढ़ने लगता है और आप मोटे होने लगते हैं।
एक नामी विश्वविद्यालय द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार अधिकतर मीठी चीजों जैसे जूस, मीठी चाय में फ्रक्टोस कॉर्न सिरप की मात्रा ज्यादा होती है, जो ग्लुकोज की तुलना में भूख को कुछ ज्यादा ही बढ़ाता रहता है। यह मेटाबोलिक प्रक्रिया के बदलाव से संबंधित होता है। यही बदलाव आगे चलकर मोटापा बढ़ने की वजह बनता है।
- सोडा, जूस का अधिक सेवन करने वाले लोग मोटे होते हैं, क्योंकि सोडे पर आधारित पेय के 473 मिली. के कैन में 52 ग्राम शकर होती है, जो कि दैनिक कैलोरी सेवन (औसतन 2000 कैलोरी) का 10 प्रतिशत होती है।
- शुगर से भरे ड्रिंक्स पेट की चर्बी के रास्ते डायबिटीज और दिल की बीमारी का रास्ता खोल देते हैं।
- फ्रक्टोज की ज्यादा मात्रा लेप्टिन हार्मोन का काम बिगाड़ती है। यह हार्मोन भूख तय करता है और आपके शरीर को बताता है कि कब नहीं खाना है, यानी कि पेट भरने का अहसास कराता है
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मीठा खाने से दांत में दर्द - Meetha khane se dant me dard
दांतों के स्वास्थ्य से जुड़ी संस्थाएं मीठी चीजों को कम खाने की सलाह देती है, क्योंकि इनसे बेहद कम समय में ही दांतों पर काफी दुष्प्रभाव पड़ने लगते हैं। भोजन में मौजूद प्लाक, टॉफी में मौजूद चीनी, बेक किया हुआ भोजन और मीठे पेय पदार्थ जैसे ही मुंह में जाते है वैसे ही एसिडिक रिएक्शन शुरू हो जाता है। इस एसिडिक रिएक्शन की वजह से दांतों में सड़न होने लगती है और कुछ समय के बाद दांतों में कैविटी (गुहा) की समस्या भी शुरू हो जाती है।
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मीठा खाने से कोलेस्ट्रोल कम होता है - Meetha khane se HDL kam hota hai
सबसे पहले आपको बता दें कि शरीर में दो तरह के कोलेस्ट्रोल होते हैं, जिसमें पहले को लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एलडीएल) या खराब कोलेस्ट्रोल कहा जाता है, जबकि दूसरे को हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एलडीएल) या अच्छा कोलेस्ट्रोल कहा जाता है। दिनचर्या में एक्सरसाइज करने से कोलेस्ट्रोल का स्तर प्रभावित होता है। साथ ही इसमें आपकी डाइट एक अहम भूमिका निभाती है।
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एक अध्ययन से पता चला है कि मीठी चीजों को ज्यादा खाने से हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन का स्तर कम हो जाता है, जो आपके हृदय के लिए हानिकारक हो सकता है। हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन स्वास्थ्य के लिए सहायक होता है, क्योंकि इससे ही रक्त में मौजूद अतिरिक्त कोलेस्ट्रोल बाहर होता है। हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन का स्तर कम होने से कोलेस्ट्रोल रक्त वाहिकाओं में आसानी से इकट्ठा होने लगता है, जिससे रक्त संचार में बाधा आती है और वह रूक सकता है। इस स्थिति को कोरोनरी आर्टरी डिजीज (धमनी की बीमारी) कहते हैं।
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मीठा खाने से डायबिटीज का खतरा होता है - Meetha khane se hota hai diabetes ka khatra
पिछले 30 साल में पूरी दुनिया में डायबिटीज के मामलों में दोगुना इजाफा हुआ है। 175 देशों में किए गए एक अध्ययन के मुताबिक हर 150 कैलोरी अतिरिक्त शुगर (लगभग एक कैन सोडा) का सेवन डायबिटीज के खतरे को 1.1 प्रतिशत बढ़ा देता है। ज्यादा शुगर से मोटापा होना डायबिटीज के खतरे को सबसे ज्यादा बढ़ाता है।
ज्यादा मीठा खाने का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि इससे ब्लड शुगर का स्तर तेजी से बढ़ता है। मीठी चीजें खाने के बाद आपका पेनक्रिया अधिक मात्रा में इंसुलिन जारी करता है, जो कोशिकाओं में मौजूद रक्त से शुगर को साफ करता है। जैस जैसे ब्लड शुगर का स्तर नीचे आता है, वैसे वैसे इंसुलिन का स्तर भी सामान्य हो जाता है।
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लेकिन बार बार मीठा खाने से आपके शरीर को एक ही काम करने के लिए ज्यादा मात्रा में इंसुलिन की आवश्यकता होने लगती है और कुछ समय के बाद आपका पेनक्रिया इंसुलिन बनाने में अक्षम हो जाता है। इंसुलिन का उत्पादन न होने की वजह से आपको डायबिटीज की संभावना बढ़ जाती है।
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मीठा खाने से इम्यून सिस्टम कमजोर होता है - Meetha khane se immunity kamjoor hoti hai
कैंडी, बेक की हुई मिठाई, सोडा व अन्य मीठे पेय पदार्थ प्रतिरक्षा तंत्र की कार्यप्रणाली में बाधा उत्पन्न करते हैं। इसके कारण आपको सर्दी जुकाम, फ्लू और अन्य वायरल संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। एक अध्ययन से पता चला है कि मीठा खाने के करीब पांच घंटे बाद तक सफेद रक्त कोशिकाओं के कार्य पर दबाव पड़ता है और वह हानिकारक बैक्टीरिया को तेजी से नष्ट नहीं कर पाती हैं।
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मीठा खाने से हड्डियां कमजोर होती है - Jyada meetha khane se haddiya kamjoor hoti hai
लगातार मीठा खाने से हड्डियों पर दुष्प्रभाव पड़ता है। एक शोध से इस बात का पता चला है कि डाइट में अधिक मीठी चीजें शामिल करने से हड्डियां कमजोर हो जाती है। इसकी वजह से आपको फ्रैक्चर हो सकता है तथा आपकी काम करने की क्षमता कम हो जाती है।
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ज्यादा मीठा खाने से मुंहासों के परेशानी होती है - Meetha Khane se muhase hote hain
रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स, शर्करायुक्त आहार व पेय त्वचा के लिए नुकसानदेह मुंहासों की वजह बनते हैं। ज्यादा ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले आहार, जैसे प्रोसेस्ड मिठाई, तुलनात्मक रूप से ब्लड शुगर के स्तर में ज्यादा तेजी से इजाफा करते हैं। मीठे खाद्य पदार्थ ब्लड शुगर और इन्सुलिन के स्तर में इजाफा करते हैं जिससे हार्मोन्स का असंतुलन, तैलीय त्वचा, सूजन जैसी दिक्कतें होती हैं। यह सभी दिक्कतें मुंहासों के लिए जिम्मेदार होते हैं। कई लोगों पर किए गए अध्ययन में पाया गया है कि ग्रामीण इलाकों में जहां परंपरागत नॉनप्रोसेस्ड खाद्य सामग्री इस्तेमाल की जाती है, मुंहासों के मामले बहुत कम पाए जाते हैं।
एक दिन में कितना मीठा खाना चाहिए? - Ek din me kitni matra me meetha khana chahiye
एक दिन में कितनी मात्रा में मीठा खाना चाहिए एक मुश्किल प्रश्न हैं। कुछ लोगों को अधिक मात्रा में मीठा खाने के बाद किसी तरह की परेशानी नहीं होती है, जबकि कुछ लोगों को डॉक्टर कम मीठा खाने की सलाह देते हैं।
एक दिन में कितनी मात्रा में शुगर खानी चाहिए इस विषय में हृदय स्वास्थ्य से जुड़ी संस्थाएं निम्नलिखित सुझाव देती हैं।
- पुरुषों को एक दिन में 150 कैलोरी (37.5 ग्राम या करीब 9 छोटी चम्मच) लेने की आवश्यकता होती है।
- महिलाओं को एक दिन में 100 कैलोरी (25 ग्राम या करीब 6 छोटी चम्मच) लेने की जरूरत होती है।
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सारांश
मीठा खाना कभी-कभी शरीर को ऊर्जा देने का अच्छा स्रोत हो सकता है, क्योंकि यह त्वरित ग्लूकोज प्रदान करता है, जिससे तात्कालिक ऊर्जा मिलती है। कुछ मीठे खाद्य पदार्थ, जैसे फल, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकते हैं। हालांकि, अधिक मात्रा में मीठा खाने से मोटापा, डायबिटीज, और हृदय रोग जैसी समस्याएं हो सकती हैं। अतिरिक्त चीनी दांतों की सड़न, त्वचा की समस्याएं, और इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकती है। इसलिए, मीठे का सेवन सीमित मात्रा में और संतुलित आहार के साथ करना महत्वपूर्ण है।