पीलिया लिवर से जुड़ी एक बीमारी है. यह समस्या व्यक्ति को तब अपनी चपेट में लेती है, जब शरीर में बिलीरुबिन (bilirubin) का स्तर काफी ज्यादा बढ़ जाता है. बिलीरुबिन हमारे शरीर में भूरे-पीले रंग का एक द्रव्य होता है, जो लाल रक्त कोशिकाओं के टूटने पर बनता है. शरीर में बिलीरुबिन की अधिक मात्रा होने से लिवर पर बुरा असर पड़ने लगता है, जिसके कारण लिवर के कार्य करने की क्षमता पर असर पड़ने लगता है. धीरे-धीरे जब पूरे शरीर में बिलीरुबिन फैल जाता है, तो व्यक्ति पीलिया रोग की चपेट में आ जाता है.
पीलिया से ग्रसित व्यक्ति के नाखून और आंखों का सफेद हिस्सा पीला होने लगता है, पेट दर्द, भूख न लगना, अपच होना, मितली आना, वजन घटना जैसे लक्षण दिखते हैं. इस तरह के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
आज हम इस लेख में आपको पीलिया रोग के लिए जड़ी-बूटियों के बारे में बताएंगे.
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- पीलिया के लिए जड़ी बूटियां - Herbs for jaundice in Hindi
- पीलिया रोगियों के लिए अन्य जड़ी बूटियां - Other herbs for Jaundice in Hindi
- सारांश - Takeaway
पीलिया के लिए जड़ी बूटियां - Herbs for jaundice in Hindi
ऐसी कई जड़ी बूटियां हैं जो पीलिया के मरीजों के लिए बहुत लाभकारी हो सकती हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में।
बेलपत्र
पीलिया रोग से ग्रसित होने पर आप बेल की पत्तियों का सेवन कर सकते हैं. इसके लिए बेल की कुछ पत्तियों को सूखा लें. इसके बाद इसे सूखाकर पाउडर के रूप में तैयार कर लें. अब 1 गिलास पानी में 1 चम्मच बेलपत्र के पाउडर को मिक्स करके पिएं. बेलपत्र का यह ड्रिंक आप तब तक पी सकते हैं, जब तक पीलिया से पूरी तरह ठीक न हो जाएं.
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कैमोमाइल टी
पीलिया रोग से ग्रसित होने पर रोजाना 1 कप कैमोमाइल टी का सेवन करें. इससे आपको काफी हद तक आराम मिल सकता है. यह टी आप ठीक होने के बाद भी पी सकते हैं. इससे आपकी सेहत को काफी फायदा होगा.
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आंवला
आयुर्वेद में आंवला का इस्तेमाल काफी ज्यादा किया जाता है. यह विटामिन सी का एक बेहतरीन स्त्रोत माना जाता है. अगर आपको पीलिया के लक्षण दिख रहे हैं, तो नियमित रूप से 1 आंवला या फिर 1 चम्मच आंवले के जूस का सेवन जरूर करें. इससे आपको काफी आराम महसूस होगा.
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गुंजा
पीलिया की परेशानी को दूर करने के लिए आप गुंजा का इस्तेमाल कर सकते हैं. यह एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है. पीलिया की समस्या होने पर गुंजा की पत्तियों, जड़ों और बीजों का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके इस्तेमाल से आपको काफी आराम मिलेगा.
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एलोवेरा
पीलिया से राहत पाने के लिए आप एलोवेरा का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए ताजे एलोवेरा की पत्तियों से पल्प निकाल लें. अब इसमें थोड़ा सा काला नमक और अदरक मिलाकर पिएं. लगातार 10 दिनों तक इसका सेवन करने से पीलिया में काफी आराम मिलेगा.
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बबूल
पीलिया की परेशानी होने पर आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से आप काफी हद तक छुटकारा पा सकते हैं. इस समस्या से राहत पाने के लिए आप बबूल का इस्तेमाल कर सकते हैं. पीलिया रोगी इसके फूलों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
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ब्लैक नाइटशेड
पीलिया रोगी ब्लैक नाइट शेड की पत्तियों और फलों का रस भी पी सकते हैं. दिन में 1 चम्मच लगातार 15 दिनों तक ब्लैक नाइड शेड का रस पीने से आपको काफी आराम मिल सकता है.
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अरहर की पत्तियां
पीलिया की समस्या होने पर अरहर की पत्तियों का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके लिए अरहर की पत्तियों से रस निकालकर इसका सेवन करें. रोजाना 60 मिलीलीटर इस रस का सेवन करने से आपको पीलिया से काफी आराम मिल सकता है. इसके अलावा अरहर भी आपके लिए फायदेमंद हो सकती है.
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तुलसी की पत्तियां
आयुर्वेद में तुलसी का खास महत्व है. इसका इस्तेमाल कई तरह की परेशानियों को दूर करने के लिए किया जा सकता है. अगर आप पीलिया से ग्रसित हैं, तो 10 से 15 तुलसी की पत्तियां लें. अब इसे पीसकर पेस्ट तैयार कर लें. इसके बाद इसे आधा गिलास मूली के जूस के साथ मिलाकर पी जाएं. अगर आप पीलिया से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो इस ड्रिंक का सेवन 2 से 3 सप्ताह तक लगातार करें.
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पीलिया रोगियों के लिए अन्य जड़ी बूटियां - Other herbs for Jaundice in Hindi
आयुर्वेद में कई अन्य जड़ी-बूटियां हैं, जिसके माध्यम से आप पीलिया की परेशानियों से राहत पा सकते हैं, जैसे -
- पत्थरचट्टा
- जंगली कैस्टर
- पपीता का चूर्ण या पत्तियां
- पीली कटेरी
- सहदेवी
- अपराजिता के बीज
- कुनरु की पत्तियां
- काली मूसली
- भृंगराज
- आंवला
- पीपल
- अनंतमूल
- मेहंदी
- महुआ
- जालबंती
- पुदीना
- करेला
- अनार की पत्तियां
- मूली का रस
- कॉटनएस्टर न्यूमुलरियस
- पुर्नानवा
- गिलोय
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सारांश - Takeaway
शरीर में पीलिया के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. शुरुआत में इसका इलाज करना काफी आसान होता है. लेकिन आपकी लापरवाही की वजह से अगर पीलिया गंभीर रूप धारण कर ले, तो इसे ठीक होने में काफी वक्त लग सकता है. इसलिए हल्के-फुल्के लक्षण दिखने पर फौरन डॉक्टर से पास जाएं और अपना इलाज करवाएं. साथ ही अपने डाइट और लाइफस्टाइल पर ध्यान दें और डॉक्टर द्वारा दिए निशा-निर्देशों का पालन करें.
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