यह आसन शरीर की अलाइनमेंट को बनाए रखने पर फोकस करता है और संतुलन और स्थिरता में सुधार लाता है।

एक पादासन को वन फुट पोज के नाम से भी जाना जाता है। यह आसन टांगों को मजबूती देता है और पूरे शरीर को स्‍ट्रेच करता है। इस आसन से कैलोरी बर्न करने में मदद मिल सकती है जिससे वजन घटाने में सहायता मिलती है। इस आसन से मानसिक असंतुलन और चिंता भी कम होती है।

  1. एक पादासन करने का तरीका - the correct way to do eka padasana in hindi
  2. एक पादासन करने के लाभ - Benefits of eka padasana ke fayde
  3. एक पादासन से जुड़ी सावधानियां - Precautions to take while doing eka padasana in hindi

एक पादासन करने की निम्‍न विधि है :

  • टांगों को थोड़ा दूर रखकर सीधे खड़े हो जाएं।
  • अग हाथों को सीधा सिर से ऊपर उठाएं और हथेलियों को एकसाथ रखते हुए उंगलियों को एक-दूसरे के अंदर डाल दें।
  • इसके बाद धीरे से नीचे झुकें, आपके शरीर का ऊपरी हिस्‍सा, सिर और हाथ सीधे एक लाइन में रखें। शरीर के ऊपरी हिस्‍से को टांगों से सीधा रखना चाहिए।
  • अब पूरे शरीर का भार दाईं टांग पर लाएं और बाईं टांग को धीरे से पीछे की ओर उठाएं। जितना ऊपर उठा सकते हैं, उतना ऊपर ले जाएं।  इसे धड़ के साथ सीधा रखें।
  • जब बायां पैर, धड़, सिर और हाथ एक सीध में आएंगे, दायां पैर सीधा होगा और पूरे शरीर की सीध में होगा, तब इस आसन की मुद्रा बनेगी।
  • सामान्‍य रूप से सांस लें और जब तक रह सकते हैं, तब तक इस पोजीशन में रहें। अपना ध्‍यान अपने हाथों पर रखें।
  • कुछ सेकंड के बाद बाईं टांग को नीचे जमीन पर जाएं और वापिस सीधी पोजीशन में आ जाएं।
  • अब हाथों को धीरे-धीरे नीचे जाएं और शुरुआती अवस्‍था में आ जाएं। दोबारा इस आसन को करने से पहले एक मिनट के लिए रिलैक्‍स करें।
  • अब दूसरी टांग से इस आसन को करें।
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एक पादासन करने के निम्‍न फायदे हैं :

यह आसन एडियों, टांगों की मांसपेशियों, कूल्‍हों, पीठ, हाथों और कलाईयों को मजबूती और संतुलन देने में मदद करता है।

इस आसन से पूरे शरीर में खून के प्रवाह में सुधार लाने में भी सहायता करता है।

चूंकि, इस आसन में शरीर एक टांग पर सीधा रहकर सांस की गति से तालेमल में रहता है, इसलिए इससे शरीर के तंत्रिका समन्वय में सुधार आता है।

इस आसन को करते समय कुछ चीजों का ध्‍यान रखना चाहिए, जैसे कि :

  • पीठ के निचले हिस्‍से में दर्द, आर्थराइटिस या एड़ी में चोट लगने पर यह आसन नहीं करना चाहिए।
  • हाई बीपी के मरीजों को भी यह आसन नहीं करना चाहिए।
  • हार्ट की प्रॉब्‍लम होने पर इस आसन को न करने की सलाह दी जाती है।
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