योनि या जननांग में खुजली एक सामान्य समस्या है और हर महिला को अपने जीवन में कभी न कभी इसका सामना करना पड़ता है। इसकी वजह ये है कि योनि में खुजली कई तरह की समस्याओं का संकेत है। जैसे- मासिक धर्म के दौरान होने वाले हार्मोनल अंसुतलन, गर्भावस्था, मेनोपॉज से लेकर यीस्ट संक्रमण तक। बहुत से मामलों में खुजली की यह समस्या, यौन संचारित रोग STD जैसे- ट्राइकोमोनिऐसिस का शुरुआती संकेत भी हो सकती है।

आमतौर पर योनि में खुजली की दिक्कत बिना किसी इलाज के अपने आप ठीक भी हो जाती है। लेकिन अगर किसी तरह का हल्का-फुल्का बैक्टीरियल या फंगल इंफेक्शन हो तो ओटीसी दवा जैसे- हाइड्रोकोर्टिसोन ऑइंटमेंट लगाने से खुजली में राहत मिलती है। कुछ मामलों में एलोवेरा जेल जैसे घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल करने से भी खुजली की समस्या दूर हो जाती है। 

लेकिन कई बार योनि में खुजली के साथ-साथ कई और लक्षण भी दिखते हैं जैसे- योनि में दर्द, जननांग में फुंसी, छाले या गांठ या पेशाब करने के दौरान योनि में जलन महसूस होना आदि। ये सारी चीजें किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकती हैं जिसके लिए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना आवश्यक हो जाता है। योनि में खुजली का इलाज उसके कारण पर निर्भर करता है। लिहाजा खुजली का मुख्य कारण क्या है इस बारे में जानने के लिए डॉक्टर से बात करें। हो सकता है डॉक्टर इसके लिए आपके पेल्विक की जांच करें या फिर कुछ और टेस्ट की सलाह दें ताकि STD या कोई और समस्या तो नहीं है इसकी जानकारी मिल पाए।

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योनि में खुजली का कारण, उपचार, उपाय के डॉक्टर

योनि मुख और उसके आसपास की त्वचा में लगातार जलन और उत्तेजना महसूस हो रही हो और साथ में खुजली भी हो तो ये सभी लक्षण किसी बीमारी का संकेत हो सकते हैं। आखिर इन सबका कारण क्या है, इस बात पर निर्भर करता है कि महिला जननांग में खुजली के और क्या लक्षण हो सकते हैं:

  • सूजन और लालिमा
  • योनि से होना वाला स्त्राव जो सफेद या हरे रंग का हो सकता है
  • पेशाब करने के दौरान जलन या दर्द महसूस होना
  • योनि में दर्द
  • योनि में सूखापन
  • योनि में जलन का अनुभव होना
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वैसे तो जननांग में खुजली बेहद साधारण समस्या है और अगर आप खुजली का कारण पता लगा लें तो यह समस्या कुछ दिनों में खुद-ब-खुद ठीक हो जाती है। लेकिन जननांग में खुजली के लिए कई और अंतर्निहित कारण भी जिम्मेदार हो सकते हैं:

  • यीस्ट संक्रमण : दुनियाभर में महिलाओं को जननांग में होने वाली खुजली का सबसे मुख्य कारण है योनि में यीस्ट संक्रमण। योनि में कई तरह के बैक्टीरिया और फफूंद होते हैं। आमतौर पर यह स्वस्थ संतुलन को बनाए रखते हुए योनि में रहते हैं। हालांकि कुछ मामलों में जैसे- अगर आप एंटीबायोटिक्स का सेवन करें, या फिर अगर आप गर्भवती हैं या आप हार्मोन थेरेपी ले रही हैं तो आपके शरीर में एस्ट्रोजेन की मात्रा बढ़ जाती है और तब फफूंदी और बैड बैक्टीरिया की मात्रा, गुड बैक्टीरिया से ज्यादा हो जाती है। इस कारण यीस्ट संक्रमण होता है। इस दौरान जननांग में खुजली के अलावा पेशाब करने के दौरान जलन महसूस होना, योनिमुख में सूजन होना और योनि से सफेद रंग के चिपचिपे पदार्थ का स्त्राव भी होने लगता है।
  • कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस : अगर आपको योनि या क्रॉच के हिस्से में लाल रंग का खुजली वाला चकत्ता दिखे तो आपको कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस की समस्या हो सकती है। त्वचा को उत्तेजित करने वाली कोई चीज या फिर आपको किसी चीज से अगर एलर्जी हो तो उसकी वजह से कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस हो सकता है। आपको जिस चीज से एलर्जी हो या जिस कारण स्किन में उत्तेजना महसूस हो रही है जब आप उसे हटा देती हैं तो यह समस्या खुद-ब-खुद ठीक हो जाती है। योनि में कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस की वजह से होने वाली खुजली इन कारणों से भी हो सकती है- लेटेक्स कंडोम या वजाइनल लुब्रिकेंट से किसी तरह का एलर्जिक रिऐक्शन, नए साबुन, सैनिटरी नैपकिन या कपड़े धोने वाले साबुन से स्किन में जलन और उत्तेजना होना, बहुत ज्यादा टाइट अंडरवेयर पहनना, लंबी दूरी तक साइकिल चलाने जैसी गतिविधि की वजह से भी पेड़ू और जांघ के पूरे हिस्से में इरिटेशन होने लगती है। 
  • बैक्टीरियल वेजिनोसिस : योनि को किसी तरह का नुकसान पहुंचाए बिना वहां पर अलग-अलग प्रजाति के जीवित बैक्टीरिया रहते हैं। बैक्टीरियल वेजिनोसिस एक ऐसा इंफेक्शन है जो तब होता है जब गुड और बैड बैक्टीरिया का यह संतुलन बिगड़ने लगता है। ऐसे में जननांग में खुजली के अलावा वहां से सफेद रंग का बदबूदार स्त्राव भी होने लगता है और पेशाब करने के दौरान जलन भी महसूस होती है। असुरक्षित सेक्स करना, नए पार्टनर के साथ सेक्स करना, योनि में डूशिंग (douching) या स्टीमिंग करने की वजह से भी बैक्टीरियल वेजिनोसिस होने का खतरा रहता है।
  • वल्वोवाजिनिटिस : अगर महिला प्रजनन अंग के किसी भी बाहरी अंग (एक्सटर्नल) में उत्तजेना या जलन महसूस हो तो इस स्थिति को वल्वोवाजिनिटिस कहते हैं। इसका कारण है किसी भी तरह का इंफेक्शन फिर चाहे वह बैक्टीरिया से हो, फंगस से या फिर यौन संचारित। ऐसे में जब आप इंफेक्शन का इलाज करती हैं तो सूजन और खुजली की समस्या भी ठीक हो जाती है।
  • यौन संचारित रोग : क्लैमाइडिया, गोनोरिया, जननांग में मस्सा या गांठ और जननांग में दाद ये कुछ ऐसे यौन संचारित रोग हैं जिनकी वजह से कई दूसरे लक्षणों के साथ ही जननांग में खुजली भी होने लगती है। अगर आप सेक्शुअली सक्रिय हैं तो आपको इन बीमारियों के लिए नियमित रूप से अपना टेस्ट करवाना चाहिए।
  • हार्मोनल बदलाव : शरीर में अगर सेक्स हार्मोन के लेवल में बदलाव हो तो इस कारण भी जननांग में खुजली हो सकती है। उदाहरण के लिए- मेनोपॉज के दौरान जब शरीर में एस्ट्रोजेन का लेवल कम हो जाता है तो इस कारण भी योनि में क्षीणता (वजाइनल अट्रोफी) की समस्या होने लगती है और साथ में योनि में सूखापन और खुजली भी। बहुत सी महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान भी जननांग में खुजली महसूस होती है। इसके लिए कई कारण जिम्मेदार हैं जैसे- हार्मोन्स के लेवल में बदलाव, योनि के पीएच संतुलन में बदलाव और कुछ समय तक खून और टीशू के संपर्क में रहना।
  • त्वचा की समस्याएं : लाइकेन स्क्लेरोसस, स्किन की एक ऐसी स्थिति है जिसमें त्वचा पतली और चिड़चिड़ी हो जाती है, एक्जिमा (एटोपिक डर्मेटाइटिस) और सोरायसिस की वजह से भी जननांग के क्षेत्र पर असर हो सकता है और योनि में खुजली हो सकती है। सोरायसिस, ऑटोइम्यून बीमारी है जिसमें त्वचा की कोशिकाएं असामान्य तरीके से तेजी से बढ़ने लगती हैं। 
  • प्यूबिक एरिया में होने वाली जूं : ऐसी कई जूं होती है जो शरीर के उन हिस्सों में रहती हैं जहां पर घने बाल होते हैं और उसमें जननांग का हिस्सा भी शामिल है।
  • प्यूबिक के बाल हटाना : योनि मुख (वल्वा) बेहद संवेदनशील होता है। ऐसे में प्यूबिक एरिया में शेविंग या वैक्सिंग करने की वजह से भी लालिमा हो सकती है, संवेदनशीलता महसूस हो सकती है या खुजली हो सकती है। अगर आप पहली बार प्यूबिक एरिया में वैक्सिंग कर रही हों तो पहले ये जान लें कि कहीं आपको वैक्स से एलर्जी तो नहीं है। आप चाहें तो वहां पर एलोवेरा जेल लगा सकती हैं, इससे भी खुजली में राहत मिलती है। अगर समस्या फिर भी ठीक न हो तो डॉक्टर से संपर्क करें।
  • इसके अलावा कई बीमारियां जैसे- डायबिटीज की वजह से भी कई महिलाओं को जननांग में खुजली होने लगती है। इसका कारण ये है कि ब्लड शुगर की मात्रा बढ़ने की वजह से यूरिन में ग्लूकोज बढ़ जाता है। इस कारण जननांग में रोगाणुओं का विकास होने लगता है और फंगल इंफेक्शन वजाइनल थ्रश का खतरा बढ़ जाता है। 

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हम आपको कई ऐहतियाती कदमों के बारे में बता रहे हैं जिसका पालन हर महिला को करना चाहिए:

  • योनि में डूशिंग या स्टीमिंग न करें : योनि से आने वाली गंध को कम करने और उसे साफ रखने के लिए कुछ साल पहले योनि में भाप लेना (स्टीमिंग) और डूशिंग की प्रक्रिया काफी पॉप्युलर हुई थी। ये दोनों ही तरीके अब तक टेस्टेड नहीं है और डॉक्टर भी इसका सुझाव नहीं देते हैं। योनि से आने वाली गंध उन गुड बैक्टीरिया की वजह से आती है जो योनि में रहते हैं। हर महिला के लिए यह गंध अलग-अलग तरह की हो सकती है। लिहाजा इसे स्वीकार करें और खुश रहें। अगर आपको लगता है कि योनि से आने वाली गंध में किसी तरह की कोई दिक्कत हो सकती है तो डॉक्टर से संपर्क करें कि कहीं कोई इंफेक्शन तो नहीं है।
  • सुगंध वाले हाइजीन उत्पाद इस्तेमाल न करें : इन दिनों मार्केट में सुगंध वाले सैनिटरी नैपकिन और टैम्पोन मिल रहे हैं जो मासिक धर्म के दौरान आने वाली गंध को दूर करने का दावा करते हैं। लेकिन यहां आपको 2 बातें याद रखने की जरूरत है- पहला- अगर आप अपने पैड या टैम्पोन को नियमित रूप से बदलेंगी तो मासिक धर्म की वजह से आने वाली गंध दूसरों तक पहुंचेगी ही नहीं। दूसरा- सुगंधित उत्पादों का इस्तेमाल करने से त्वचा में उत्तेजना हो सकती है जिस कारण डर्मेटाइटिस हो सकता है और मासिक धर्म और भी ज्यादा तकलीफदेह।
  • सही साइज के अंडरवेयर चुनें : अपने लिए सही साइज का अंडरवेयर चुनें जो आपकी सही तरीके से फिट आता हो।
  • सुरक्षित सेक्स करें : सेक्स के दौरान सुरक्षा का ध्यान रखें और इसके लिए लेटेक्स कंडोम का इस्तेमाल करें। अगर आपको लेटेक्स से एलर्जी हो तो आप पोलियूरेथेन या पोलिआइसोप्रेन कंडोम का महिलाओं और पुरुष दोनों के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। साथ ही बहुत ज्यादा सेक्शुअल पार्टनर भी न रखें।
  • मास्टरबेशन के पहले और बाद में सफाई का ध्यान रखें : मास्टरबेशन से पहले और बाद में अपने हाथों को और साथ में सेक्स टॉय को भी अच्छी तरह से धोने से इंफेक्शन से बचा जा सकता है जिसकी वजह से जननांग में खुजली हो सकती है।
  • गीले कपड़ों को तुरंत बदल लें : अगर आप लंबे समय तक गीले कपड़े पहनकर रखें तो इससे भी योनि की त्वचा में इरिटेशन हो सकती है। ऐसे में अगर आप बारिश या पसीने की वजह से गीली हो जाएं तो जितनी जल्दी हो गीले कपड़े बदल लें। साथ ही जिम के कपड़े और स्विमसूट पर भी यह नियम लागू होता है।
  • खुद से दवा का सेवन न करें : डॉक्टर से पूछे बिना और प्रिस्क्रिप्शन के बिना अपने मन से किसी भी एंटीबायोटिक का सेवन न करें।
  • समस्या के कारणों से बचें : अगर आपको एक्जिमा या सोरायसिस की समस्या है तो उन चीजों से दूर ही रहें जिनकी वजह से आपकी समस्या और बढ़ सकती है।
  • धूम्रपान न करें : रिसर्च में यह बात साबित हुई है कि धूम्रपान करने की वजह से योनि में गुड बैक्टीरिया की संख्या कम होने लगती है। इस कारण इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है और जननांग में खुजली होने लगती है।
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वैसे तो जननांग में खुजली एक कॉमन समस्या है और अगर आप इंफेक्शन या ड्राइनेस की समस्या को दूर कर लें तो खुजली भी ठीक हो जाती है लेकिन अगर आपको निम्नलिखित दिक्कतें हों तो आपको डॉक्टर के पास जरूर जाना चाहिए:

  • कुछ दिन बाद भी खुजली की समस्या बरकरार रहे
  • ओटीसी दवा का इस्तेमाल करने के कुछ दिन बाद खुजली के लक्षण वापस आ जाएं
  • आपके लिए सेक्स असहज या तकलीफदेह बन जाए
  • जननांग के हिस्से में छाले या गांठ बनने लगे
  • पेशाब करने के दौरान तकलीफ महसूस हो
  • योनि से होने वाला स्त्राव पहले की तुलना में ज्यादा होने लगे और उससे अजीब से बदबूदार गंध आने लगे
  • योनि में दर्द और सूजन महसूस हो
  • योनि से थोड़ा खून आने लगे या स्पॉटिंग नजर आए

खुजली के कारणों को जानने के लिए डॉक्टर आपसे निम्नलिखित सवाल पूछ सकते हैं:

  • आपके लक्षणों से जुड़े कुछ सवाल
  • क्या आपने बीते कुछ दिनों में हाइजीन से जुड़े उत्पाद या कपड़े धोने के डिटर्जेंट में बदलाव किया है
  • अगर आप सेक्शुअली सक्रिय हैं तो डॉक्टर आपसे पूछ सकते हैं कि आप सुरक्षित सेक्स के लिए क्या करती हैं, आपके कितने सेक्शुअल पार्टनर हैं या रहें हैं और आखिरी बार आपने यौन संचारित रोग (एसटीडी) का टेस्ट कब करवाया था।
  • इसके बाद डॉक्टर आपके पेल्विक एरिया की जांच कर सकते हैं
  • इसके बाद डॉक्टर कुछ टेस्ट की भी सलाह दे सकते हैं ताकि एसटीडी की जांच की जा सके या फिर योनि से हो रहे स्त्राव का टेस्ट करने के लिए भी सैंपल ले सकते हैं।

डॉक्टर के पास जाने से कम से कम 24 घंटे पहले सेक्स न करना ही बेहतर होगा।

जननांग में हो रही खुजली का कारण क्या है उसके आधार पर ही इलाज किया जा सकता है:

  • योनि में यीस्ट इंफेक्शन का इलाज : इस तरह के संक्रमण के दौरान डॉक्टर आपको एंटीफंगल क्रीम जिसमें माइकोनेजोल या टर्कोनाजोल हो प्रभावित हिस्से में लगाने की सलाह दे सकते हैं। कुछ मामलों में डॉक्टर खाने की दवा भी दे सकते हैं जिसमें फ्लूकोनाजोल हो। गंभीर मामलों में डॉक्टर लंबे समय तक खाने और लगाने की दवाइयां देते हैं। कुछ चुनिंदा मामलों में डॉक्टर वजाइनल बोरिक एसिड का भी इस्तेमाल कर सकते हैं ताकि फंगल स्ट्रेन को दूर किया जा सके। एंटीफंगल क्रीम को तो आप ओटीसी के तौर पर खरीद सकती हैं लेकिन खाने वाली दवा या इंट्रावजाइनल दवा का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह के बाद ही करें। साफ-सफाई का ध्यान रखना और हेल्दी डाइट का सेवन करना भी जरूरी है। इसके अलावा गर्मी के मौसम में गर्म पानी से नहाने से बचें।
  • कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस का इलाज : इस समस्या में सबसे जरूरी है कि आप उस कारण को दूर करें जिसकी वजह से आपकी स्किन में इरिटेशन हो रही है। फिर चाहे वह एलर्जी पैदा करने वाला कोई तत्व हो या फिर बेहद टाइट अंडरवेयर। इसके अलावा आप चाहें तो कुछ घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल कर सकती हैं जैसे- गुनगुने पानी में बेकिंग सोडा डालकर उसमें कुछ देर के लिए बैठना। खुजली को दूर करने के लिए आप चाहें तो प्रभावित हिस्से में हाइड्रोकोर्टिसोन क्रीम या एलोवेरा जेल भी लगा सकती हैं। प्रभावित हिस्से को रगड़े नहीं वरना समस्या और बढ़ सकती है।
  • त्वचा की समस्या और एसटीडी का इलाज : सोरायसिस, एक्जिमा, लाइकेन स्क्लेरोसस और एसटीडी जैसी समस्याओं में डॉक्टर आपको जरूरी दवाइयां देंगे। प्यूबिक एरिया में जूं की समस्या होने पर 1 प्रतिशत पर्मेथिरिन लोशन की सलाह दी जा सकती है। अगर आपको प्यूबिक एरिया में जूं की समस्या हो तो अपने कपड़ों और बिस्तर की चादर को भी नियमित रूप से गर्म पानी से धोएं।
  • मेनोपॉज का इलाज : मेनोपॉज से जुड़ी जननांग खुजली की समस्या और दूसरे लक्षणों को कम करने के लिए आप हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी का इस्तेमाल कर सकती हैं।

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जननांग में खुजली बेहद तकलीफदेह हो सकती है। प्रभावित हिस्से में हाथ से खुजली करने पर भले ही आपको कुछ देर के लिए आराम महसूस हो लेकिन बाद में समस्या और गंभीर हो सकती है। लिहाजा हम आपको कुछ ऐसे नुस्खों के बारे में बता रहे हैं जिनसे आपको जननांग में खुजली की समस्या में राहत मिलेगी:

  • बेकिंग सोडा : अगर खुजली एक्जिमा या सोरायसिस की वजह से हो रही है तो बेकिंग सोडा का इस्तेमाल करने से खुजली में राहत मिल सकती है। बेकिंग सोडा में एंटीफंगल तत्व होते हैं जो यीस्ट संक्रमण के मामले में राहत पहुंचा सकते हैं। आप चाहें तो अपने नहाने के पानी में एक चौथाई कप बेकिंग सोडा डाल सकती हैं। इसके अलावा आप चाहें तो बेकिंग सोडा और पानी का पेस्ट बनाकर भी प्रभावित हिस्से में लगा सकती हैं। कुछ देर रुकें और जब पेस्ट सूख जाए तो उसे सादे पानी से धो लें।
  • एलोवेरा जेल : एलोवेरा जेल में भी एंटीबैक्टीरियल, एंटीइन्फ्लेमेटरी और घाव भरने वाले तत्व पाए जाते हैं जिससे खुजली में राहत मिलती है। एलोवेरा जेल लगाते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि आप इसे सिर्फ योनिमुख पर लगाएं और अंदर की तरफ नहीं।
  • सूती अंडरवेयर पहनें : सूती कपड़े से बनें अंडरवेयर ही पहनें जो आपको अच्छी तरह से फिट हो जाएं। सूती कपड़े, स्किन को सांस लेने में मदद करते हैं और पसीने को भी दूर करते हैं।
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संदर्भ

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