पीरियड्स के दौरान आमतौर पर लाल रंग का स्राव आता है लेकिन रंग में बदलाव हो और यह काले रंग का आए तो अक्सर महिलाएं घबरा जाती हैं.

हालांकि पीरियड्स के दौरान काले रंग का रक्त आना कोई चिंता का विषय नहीं है. ऐसा तब होता है जब ब्लड गर्भाशय से सही समय पर बाहर नहीं आ पाता तो उस दौरान ब्लड ऑक्सिडाइज़ हो जाता है और लाल रंग का स्राव गहरे, भूरे या काले रंग में बदल जाता है.

(और पढ़ें - पीरियड्स में खून के थक्के क्यों आते हैं)

ध्यान दें कि पीरियड्स के दौरान काले रंग के रक्त स्राव आने के कुछ गंभीर कारण भी हो सकते हैं इसीलिए महिलाओं को समय पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

इस लेख में आज हम बताएंगे कि माहवारी में काला खून क्यों आता है -

पीरियड्स में काला खून आने के कारण

गर्भावस्था की शुरुआत

गर्भावस्था की शुरुआत में कुछ महिलाओं को काले रंग के खून का सामना करना पड़ता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि भ्रूण खुद को गर्भाशय की दीवार से जोड़ता है. हालांकि, गर्भावस्था के दौरान अगर महिलाओं को चक्कर आने की समस्या, थकान होना, कंधे में दर्द होना आदि लक्षण नजर आएं तो यह गर्भपात का संकेत हो सकता है. ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. (और पढ़ें - गर्भावस्था के शुरुआती लक्षण)

हार्मोनल परिवर्तन

कुछ महिलाओं को हार्मोनल बदलावों का सामना करना पड़ता है. हालांकि जब महिलाएं थायराइड या मीनोपॉज जैसी समस्याओं का सामना करती हैं तो लाल रंग के ब्लड की बजाय महिलाओं को काला रंग का ब्लड आ सकता है. हालांकि ब्लड बहुत ही कम मात्रा में होता है. (और पढ़ें - हार्मोनल असंतुलन के लक्षण)

इमोशनल बदलावों

महिलाओं में इमोशनल बदलाव होना स्वाभाविक है. जब महिलाएं ज्यादा तनाव या डिप्रेशन जैसी भावनात्मक स्थितियों से ग्रस्त होती हैं तो इस परिस्थिति में गर्भाशय की दीवारों की परत की मोटाई कम हो सकती है और ये भावनात्मक स्थितियां गर्भाश्य की संरचना को प्रभावित कर सकती हैं. इस कारण कोशिकाएं देर से अपना काम शुरू करती है और पीरियड्स के दौरान काला रंग का खून आ सकता है.

एंडोमेट्रियोसिस

एंडोमेट्रियोसिस समस्या गर्भाशय से संबंधित बीमारी है, जिसमें एंडोमेट्रियल ऊतक असामान्य रूप से बढ़ने लगते हैं और वह गर्भाशय के बाहर तक फैल जाते हैं. इस समस्या के होने पर एडिनोमायोसिस (रसौली) यानि पेल्विक क्षेत्र में दर्द, बुखार आदि की समस्या हो सकती है. इस दौरान भी मासिक धर्म में काला ब्लड आ सकता है. यह समस्या 6 से 7 दिन तक रह सकती है. ऐसे में डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी होता है. वे एंटीबायोटिक दवाइयों के सेवन से या सर्जरी के माध्यम से इस समस्या का इलाज करते हैं. (और पढ़ें - एंडोमेट्रियोसिस का इलाज)

यौन संचारित रोग

गोनोरिया और क्लैमाइडिया ऐसे रोग हैं जो बैक्टीरिया के कारण होते हैं. यह रोग यौन संचारित रोग (एसटीडी) कहलाते हैं. यह रोग पीरियड्स के दौरान रक्त को काला कर सकता है. साथ ही महिलाएं काले रक्त के स्राव के साथ बुखार, पेल्विक दर्द या दुर्गंध आदि समस्याओं का सामना भी कर सकती हैं.

सर्वाइकल कैंसर

कुछ मामले बेहद दुर्लभ होते हैं जिनमें काला रक्त स्राव सर्विक्स कैंसर का संकेत हो सकता है. हालांकि, बहुत सी महिलाओं में पीरियड्स के दौरान या सेक्स के बाद अनियमित रक्तस्राव कैंसर का सबसे आम संकेत है जिसमें महिलाओं को काले रक्त स्राव के साथ वजन कम होना, थकान, पेल्विक दर्द, आपके पैरों में सूजन, पेशाब करने या शौच करने में परेशानी आदि लक्षण दिखाई दे सकते हैं. (और पढ़ें - सर्वाइकल कैंसर का इलाज)

सारांश

काले रंग का रक्त स्राव होने पर आपको घबराना नहीं चाहिए बल्कि उसके साथ अन्य लक्षणों पर नजर रखते हुए बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

(और पढ़ें - डॉक्टर से ऑनलाइन सलाह लें)

माहवारी में काला खून क्यों आता है? के डॉक्टर
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