अधिकांश महिलाएं स्पॉटिंग (मासिक धर्म के इतर योनी से निकलने वाला खून) समझती हैं। शुरुआत में यह महिलाओं को चौंका सकता है कि कहीं उन्हें दोबारा पीरियड्स तो नहीं हुए हैं। और उसके बाद किसी को जब अहसास होता है कि यह कभी-कभार होने वाली घटना है तो महिलाएं अक्सर राहत की सांस लेकर उसे भूल भी जाती हैं। लेकिन क्या इस बात की हर बार अनदेखी की जानी चाहिए?
पीरियड्स के बगैर योनी से खून का हल्का स्राव इंटरमेंस्ट्रुअल ब्लीडिंग या स्पॉटिंग कहलाता है। युवतियां या महिलाएं इस दौरान अपने अंतर्वस्त्रों पर खून के एक या दो धब्बे देख सकती हैं। इसके लिए सेनेटरी नैपकिन की जरूरत महसूस नहीं होगी, सिर्फ पेंटी लाइनर से काम हो जाएगा। हालांकि, यह अनुभव परेशानी वाला हो सकता है।
स्पॉटिंग एक बहुत ही सामान्य प्रक्रिया है जो गर्भावस्था, मासिक धर्म के दौरान और कभी कभी सेक्स के बाद होती है। 30% गर्भवती महिलाओं में यह शुरुआत के तीन महीनों में होती है। तो आइये जानते हैं इस लेख में कि स्पॉटिंग किन कारणों से होती है और यह मासिक धर्म से किस प्रकार भिन्न है।
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