ऐसा कहा जाता है कि पीरियड में शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए. वहीं, शोध कहते हैं कि पीरियड में शारीरिक संबंध बनाने के कई फायदे हैं. शोध का कहना है कि पीरियड में शारीरिक संबंध बनाने से संतुष्टि का ज्यादा अनुभव होता है और ऑर्गेज्म पाने में भी आसानी रहती है.

यह याद रखना भी जरूरी है कि पीरियड के दौरान शारीरिक संबंध बनाने से प्रेग्नेंट होने के चांसेज भी रहते हैं. साथ ही सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन होने का खतरा भी रहता है.

आज इस लेख में जानेंगे कि पीरियड में शारीरिक संबंध बनाने से क्या होता है -

अगर पीरियड्स में हो रही है हैवी ब्लीडिंग, तो आज ही लें आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर अशोकारिष्ठ.

  1. पीरियड में सेक्स करने का असर
  2. पीरियड में सेक्स करते समय काम की बात
  3. सारांश
पीरियड में सेक्स करने से क्या होता है? के डॉक्टर

पीरियड में शारीरिक संबंध बनाने से न सिर्फ मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द से राहत मिलती है, बल्कि मेंस्ट्रूअल फ्लो सेक्स के लिए प्राकृतिक ल्यूब्रिकेंट का भी काम करता है. इससे सेक्स करना सुविधाजनक हो सकता है. वहीं, पीरियड के दौरान शारीरिक संबंध बनाने से महिला के गर्भवती होने के चांसेज भी रहते हैं. आइए, विस्तार से जानते हैं कि पीरियड में शारीरिक संबंध बनाने से क्या होता है -

मेंस्ट्रूअल दर्द से राहत

ऑर्गेज्म की वजह से मेंस्ट्रूअल दर्द से राहत मिल सकती है. मेंस्ट्रूअल दर्द यूट्रेस के अपनी लाइनिंग को छोड़ने का एक रिजल्ट है. ऑर्गेज्म के समय यूट्रस की मांसपेशियों में कसावट आती है. रिलीज होने की इस प्रक्रिया से पीरियड में होने वाले दर्द से आराम महसूस होता है.

सेक्स एंडोर्फिन नामक हार्मोन के रिलीज को भी ट्रिगर करता है, जिससे महिला को अच्छा महसूस होता है. इसके अलावा, सेक्सुअल एक्टिविटी में व्यस्त रहने से महिला का ध्यान हटता है, जिससे मेंस्ट्रूअल असुविधा से छुटकारा पाने में मदद मिलती है.

(और पढ़ें - पीरियड के कितने दिन बाद संबंध बनाएं?)

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कम समय का पीरियड

सेक्स करने से मासिक धर्म की समय अवधि भी कम हो जाती है. ऑर्गेज्म के दौरान मसल कॉन्ट्रैक्शंस से यूट्रिन के कॉन्टेन्ट तेजी से बाहर निकलते हैं. इससे मासिक धर्म की समयावधि लंबा न होकर छोटा हो जाती है.

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सेक्स ड्राइव में बढ़ोतरी

मासिक धर्म के समय महिला की कामेच्छा बदलती रहती है. ऐसा हार्मोन में होने वाले बदलाव की वजह से होता है. कई महिलाओं का मानना है कि ओवुलेशन के दौरान उनकी सेक्स ड्राइव बढ़ जाती है, जो पीरियड के 2 हफ्ते पहले होती है. वहीं, कुछ का कहना है कि पीरियड के दौरान वे ज्यादा सेक्सुअली एक्टिव महसूस करती हैं.

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प्राकृतिक ल्यूब्रिकेशन का काम

इस समय सेक्स के लिए ल्यूब्रिकेशन को इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं पड़ती है. पीरियड का खून ही प्राकृतिक ल्यूब्रिकेंट की तरह काम करता है.

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सिरदर्द से आराम

कई महिलाओं को पीरियड के दौरान सिरदर्द होने की शिकायत रहती है. शोध कहते हैं कि इस स्थिति में सेक्स करने से उनका सिरदर्द कुछ हद तक या पूरी तरह ठीक हो जाता है.

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सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन का खतरा

पीरियड में शारीरिक संबंध बनाने का एक बड़ा खतरा सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन (एसटीआई) जैसे एचआईवी या हेपेटाइटिस है. ये वायरस खून में ही रहते हैं और इंफेक्टेड मेंस्ट्रूअल ब्लड के संपर्क में आते ही फैल जाते हैं. इनसे बचने के लिए शारीरिक संबंध बनाते समय कंडोम का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है.

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टैम्पोन से खतरा

यदि किसी महिला ने पीरियड में टैम्पोन का इस्तेमाल किया है और शारीरिक संबंध बनाने के दौरान टैम्पोन को नहीं हटाया जाता है, तो इससे अलग तरह का खतरा हो सकता है. सेक्स के दौरान टैम्पोन वजाइना के अंदर इतनी दूर चला जाता है कि इसे निकलवाने के लिए डॉक्टर की मदद लेने की जरूरत पड़ सकती है.

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प्रेग्नेंसी का खतरा

पीरियड के दौरान प्रेग्नेंसी का खतरा बहुत कम रहता है, लेकिन प्रेग्नेंट होने के चांसेज से इनकार नहीं किया जा सकता है. यह समझना जरूरी है कि हर महिला का साइकल अलग होता है और यदि किसी का मेंस्ट्रूअल साइकल छोटा है, तो पीरियड के दौरान प्रेग्नेंट होने का जोखिम रहता है.

यह ध्यान रखना जरूरी है कि यदि किसी का मेंस्ट्रूअल साइकल 22 दिन का है, तो वह महिला पीरियड के तुरंत बाद ऑव्यूलेट कर सकती है. रिप्रोडक्टिव ट्रैक्ट में स्पर्म के रहते हुए एग रिलीज होने के चांस रहते हैं.

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अगर कोई महिला मासिक धर्म के समय शारीरिक संबंध बना रही है, तो निम्न बातों को जरूर ध्यान में रखे -

  • पीरियड के समय महिला सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन से बचने के लिए प्रोटेक्शन का इस्तेमाल कर सकती है. इससे न सिर्फ महिला एसटीआई से सुरक्षित रहेगी, बल्कि वह अपने पार्टनर को भी एचआईवी जैसे वायरस ट्रांसमिट नहीं कर पाएगी.
  • पीरियड में शरीरिक संबंध बनाते समय पार्टनर को कंडोम का इस्तेमाल करने के लिए बोलना चाहिए, ताकि अनचाही प्रेग्नेंसी और एसटीआई दोनों से बचा जा सके.

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पीरियड में शारीरिक संबंध बनाने से किसी तरह की दिक्कत नहीं होती है. पीरियड की वजह से सेक्स लाइफ पर रोक लगाने की जरूरत नहीं है, बल्कि पीरियड में शारीरिक संबंध बनाने से मेंस्ट्रूअल दर्द से राहत मिलने के साथ ही पीरियड का खून प्राकृतिक ल्यूब्रिकेशन का काम करता है. हालांकि, इससे टैम्पोन का वजाइन के अंदर घुस जाने और प्रेग्नेंट होने जैसे का खतरा जरूर रहता है. इसलिए, पीरियड में शारीरिक संबंध बनाते समय कंडोम का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है.

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