यदि आप गर्भवती होने की कोशिश कर रही हैं, तो आप "ओपीके" नामक संक्षिप्त शब्द से परिचित होंगी। आज के समय कई जोड़े यह पता करने के लिए कि उनकी महिला साथी कब प्रजनन के लिए सबसे अधिक फर्टाइल या उपजाऊ होगी, ओवुलेशन प्रेडिक्टर किट यानी ओपीके पर भरोसा करते हैं।

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ओवुलेशन किट महिला के शरीर में ल्यूटिनिज़िंग हार्मोन (एलएच) के उत्पादन में वृद्धि का पता लगा सकती है, जो ओवुलेशन से लगभग 36 घंटे पहले होता है। एलएच के स्तर में वृद्धि के कुछ ही समय बाद सेक्स करने से, आप शुक्राणु और अंडे को एक साथ मिलने की संभावनाओं को बढ़ा सकते हैं क्योंकि इस समय गर्भधारण होने की संभावना अधिक होती है।

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यह कितना आसान लगता है, है ना? सही तरह से उपयोग करने पर, यह किट ओवुलेशन का पता लगाती है और ओवुलेशन गर्भावस्था का कारण बन जाता है।हालाँकि, वास्तविकता अधिक जटिल है। इससे पहले कि आप ऐसे प्रयासों से गुजरें, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आप इसे सही तरीके से उपयोग कर रहे हैं।

इस लेख में, हम विस्तार से चर्चा करने जा रहे हैं कि ओवुलेशन टेस्ट किट क्या है, ओवुलेशन प्रेडिक्टर किट का प्रयोग कैसे करें और यह किट कैसे काम करती है तथा ओवुलेशन किट की कीमत या प्राइस क्या है। हम यहाँ पर यह भी देखेंगे कि ओवुलेशन टेस्ट किट की क्या कमियां हैं और कैसे प्रजनन जागरूकता बढ़ाने से इन समस्याओं को दूर करने में मदद मिल सकती है।

  1. ओवुलेशन किट क्या है? - Ovulation kit kya hai in hindi
  2. ओवुलेशन किट कैसे यूज़ करे? - Ovulation predictor kit kaise use kare in hindi
  3. ओवुलेशन किट के रिजल्ट कैसे जानें? - Ovulation predictor kit accuracy in hindi
  4. भारत में ओवुलेशन प्रेडिक्टर किट की कीमत - Ovulation predictor kit price in india in hindi
  5. सारांश
ओवुलेशन टेस्ट किट के बारे में जानिए के डॉक्टर

एक ओवुलेशन प्रिडिक्टर किट या ओपीके घर पर आपके ओवुलेशन का पता लगाने की सुविधा देती है, जिसका उपयोग करके आप अपने शरीर में ल्यूटिनिज़िंग हार्मोन के उत्पादन में वृद्धि की मात्रा को मापने के लिए कर सकते हैं। क्योंकि ओवुलेशन के समय इस हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है।

जब आप एक ओवुलेशन टेस्ट किट खरीदते हैं, तो यह कई टेस्ट स्ट्रिप्स (पतले कागजात की पट्टियां) के साथ आता है या ये स्ट्रिप्स गर्भावस्था टेस्ट करने वाली स्टिक्स की तरह दिख सकती हैं।

यदि टेस्ट किट गर्भावस्था टेस्ट की स्टिक्स जैसी दिखने वाली है तो आप इस पर पेशाब डालती है या आप एक कप में पेशाप का नमूना लेती है और फिर ध्यान से अपने पेशाब में टेस्ट स्ट्रिप को डुबाती है।इसके परिणाम आपको बता सकते हैं कि क्या आप जल्द ही ओवुलेशन करने वाली हैं।

ओवुलेशन स्ट्रिप्स का उपयोग करने से आपको गर्भावस्था के लिए सेक्स करने का समय निर्धारित करने में मदद मिल जाती हैं। जब आपको टेस्ट का सकारात्मक परिणाम प्राप्त होता है, तो आपको अगले दो या तीन दिनों तक हर रोज सेक्स करना चाहिए, ताकि आपके गर्भधारण की संभावना को बढ़ाया जा सके।

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कई प्रकार की ओवुलेशन टेस्ट किट बाजार में उपलब्ध हैं। तकनिकी आधार पर ओवुलेशन टेस्ट किट के 3 प्रकार होते हैं -

  • ओवुलेशन प्रिडिक्टर किट
    ओवुलेशन प्रिडिक्टर किट आपके पेशाब में एलएच हार्मोन के स्तर को मापने का काम करती है। आपके शरीर में हमेशा कुछ मात्रा में एलएच हार्मोन मौजूद होता है, लेकिन ओवुलेशन से पहले एक या दो दिन, एलएच की मात्रा में काफी वृद्धि हो जाती है और ये किट उस वृद्धि को डिटेक्ट कर सकती है।
  • डेली फर्टिलिटी मॉनीटर
    ओवुलेशन का पता करने की यह एक अन्य विधि है, इसमें आपके पूरे मासिक धर्म चक्र में रोज टेस्ट की आवश्यकता होती है। इन टेस्ट को आम तौर पर "फर्टिलिटी मॉनीटर" या प्रजनन निगरानी के उपकरण कहा जाता है। ये उपकरण दो प्रमुख प्रजनन हार्मोन, एस्ट्रोजेन और ल्यूटिनिज़िंग हार्मोन के स्तर को ट्रैक करते हैं ताकि आपको पता चल सके कि आपको कब ओवुलेशन होने की संभावना है। (और पढ़े - हार्मोन्स का महत्व महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए)
  • सलाइवा ओवुलेशन प्रेडिक्शन टेस्ट
    आप पेशाब के बजाए अपनी लार यानी सलाइवा का टेस्ट करके भी यह जान सकती है कि आप को कब ओवुलेशन हो सकता है। यह टेस्ट आपके शरीर में एस्ट्रोजेन के स्तर को ट्रैक करता है। आम तौर पर, एस्ट्रोजन का स्तर आपके शरीर में ओवुलेशन से पहले और एलएच में भी वृद्धि से पहले बढ़ता है। इस टेस्ट किट के साथ आने वाली स्लाइड पर आप थोड़ी मात्रा में अपना थूक डालकर जाँच करती है। ध्यान रखे कि लार का उपयोग आप कुछ खाने-पीने या ब्रश करने से भी पहले करें।

आप ऊपर लिखे टेस्ट विकल्पों में से जो भी विकल्प चुनते हैं, वह आपके आराम और टेस्ट स्ट्रिप्स पढ़ने में आपको आसानी हो इस पर आधारित होने चाहिए। आमतौर पर इन टेस्ट स्ट्रिप्स की व्याख्या करना हमेशा आसान नहीं होता है।

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पेशाब के टेस्ट पर आधारित ओवुलेशन टेस्ट किट से जाँच करने के लिए आप या तो एक कप में पेशाब के नमूने को इकट्ठा करती हैं या आप स्टिक को पेशाब करते हुए अपनी योनि के मुँह के पास रखती हैं। टेस्ट कार्ड या स्टिक के ऊपर रंगीन लाइने दिखाई देती हैं वे यह इंगित करती हैं कि एलएच के स्तर में वृद्धि हो रही है या नहीं।

डिजिटल ओवुलेशन टेस्ट उपकरण आपको एक स्माइली वाले चेहरे जैसे प्रतीकों का उपयोग करके यह संकेत देते हैं कि आप अपने सबसे उपजाऊ दिनों में हैं।

आप जिस भी ओवुलेशन टेस्ट किट का उपयोग करते हैं, सर्वोत्तम परिणामों के लिए निर्देशों को हमेशा सावधानी से पढ़ा करें। क्योंकि वे कैसे काम करते हैं इसमें मामूली अंतर हो सकते हैं। एक ओवुलेशन प्रेडिक्टर किट में कुछ टेस्ट स्ट्रिप्स या स्टिक्स का एक सेट आता है। कुछ टेस्ट किट पांच के सेट में आते हैं, तो कुछ 10 के सेट में।

आप के द्वारा उपयोग की जाने वाली किट के अनुसार निर्देश थोड़े भिन्न हो सकते हैं, लेकिन आम तौर पर आपको अपने पेशाब को 10 से 8 बजे के बीच इकट्ठा करने का प्रयास करना चाहिए। सबसे बढ़िया समय 2 बजे से 2.30 बजे के बीच होना चाहिए।

अपने पेशाब को हर दिन एक ही निश्चित समय पर इकट्ठा करने का प्रयास करें, हालांकि यह एकदम जरूरी हो ऐसा नहीं है, लेकिन ऐसा करने से बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। जैसे ही आप सुबह जागती हैं, अपने पेशाब का परीक्षण न करें, क्योंकि आप एलएच में होने वाली उस दिन की वृद्धि को ट्रेक नहीं कर पाएंगी।

परीक्षण करने से लगभग चार घंटे पहले से आप जो तरल पदार्थ पीती हैं उसकी मात्रा कम करने का प्रयास करें। बहुत अधिक तरल से आपके पेशाब में हार्मोन के स्तर की वृद्धि का पता लगाना मुश्किल हो सकता है।

जब आप ओवुलेशन होने की अपेक्षा कर रही हैं उस से दो दिन पहले इन टेस्ट का उपयोग शुरू करना चाहिए। यदि आप सुनिश्चित नहीं हैं कि आप कब ओवुलेशन करती है तो आप एक ओवुलेशन कैलकुलेटर या चार्ट का उपयोग कर सकती है। कुछ प्रजनन ऐप्स भी आते हैं जिनसे अनुमान लगाया जा सकता है कि आपको ओवुलेशन होने की संभावना कब है।

यदि आपको अनियमित मासिक धर्म चक्र है, तो आपको उन सबसे पहली और नवीनतम तिथियों के अनुसार परीक्षण करना चाहिए जिन पर आपको ओवुलेशन की संभावना लगती है। यदि यह आपकी स्थिति है तो आपको अधिक टेस्ट स्ट्रिप्स वाली किट खरीदनी चाहिए।

ओवुलेशन प्रेडिक्टर किट में दो लाइन होती हैं। एक लाइन को कण्ट्रोल लाइन या नियंत्रण रेखा कहते हैं। ये लाइन आपको बस यह बताती है कि किट ठीक से इस्तेमाल की गयी है और सही काम कर रही है।

दूसरी लाइन, टेस्ट लाइन या जाँच रेखा है। जब टेस्ट लाइन, कण्ट्रोल लाइन की तरह डार्क या गहरे रंग की होती है या उससे भी अधिक गहरे रंग की होती है, तो इसका मतलब है कि एलएच का स्तर बढ़ रहा है। यह वह समय है जब आपको बच्चे के लिए सेक्स शुरू करना चाहिए।

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यदि आप पांच दिनों तक टेस्ट करती हैं, तो आपके पास ओवुलेशन की भविष्यवाणी करने की 80 प्रतिशत संभावना है। यदि आप दस दिनों के लिए परीक्षण करते हैं, तो आपके पास ओवुलेशन की भविष्यवाणी करने की 95 प्रतिशत संभावना है।

पेशाब आधारित टेस्ट किट का उपयोग करने के लिए निम्नलिखित निर्देश का पालन करें -

  • एक साफ, सूखे कप या कंटेनर में पेशाब करें।
  • पाउच से टेस्ट स्ट्रिप बाहर निकालें।
  • नीचे की ओर एक लंबवत स्थिति में टेस्ट स्ट्रिप को पकड़े और लगभग 1/4 इंच पेशाब के कप में डुबो दें और इसे कम से कम 5 सेकंड तक ऐसे ही पकड़े रखें। लंबे समय तक डुबाने से कोई गलत नतीजे नहीं मिलते। स्टॉप लाइन से अधिक न डुबाएं।
  • अब टेस्ट पट्टी या स्ट्रिप को हटा दें और इसे नीचे सीधी रखें। परिणाम के लिए 5-10 मिनट प्रतीक्षा करें।
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परिणामों को पढ़ने के लिए आपको 5-10 मिनट का इंतजार करना होगा। लेकिन ध्यान रखें कि 30 मिनट के बाद परिणाम न पढ़ें, क्योंकि लंबे समय बाद पड़ने से उनकी प्रमाणिकता कम हो जाती है।

अपने परिणामों को निर्धारित करने के लिए, टेस्ट लाइन के रंग की गहराई की तुलना निम्नानुसार कण्ट्रोल लाइन से करें -

  • सकारात्मक = एलएच में वृद्धि
    यदि 2 रेखाएं दिखाई दे रही हैं और टेस्ट लाइन, कण्ट्रोल लाइन के समान गहरी या अधिक गहरी है, तो आपके एलएच में वृद्धि हुई है और आप अगले 12 से 36 घंटों में शायद ओवुलेशन करेंगे। एक बार जब आप अपने एलएच में वृद्धि का पता लगा लेती हैं, तो टेस्ट जारी रखने की कोई आवश्यकता नहीं है। (और पढ़ें - सेक्स पोजीशन)
  • नकारात्मक = कोई एलएच वृद्धि नहीं
    यदि 2 लाइनें दिखाई दे रही हैं लेकिन टेस्ट लाइन, कण्ट्रोल लाइन से हल्की है, तो आपका एलएच स्तर अधिक नहीं बड़ा है। इसके अलावा, यदि कोई टेस्ट लाइन दिखाई नहीं दे रही है और 1 कण्ट्रोल लाइन दिखाई दे रही है, तो इसका मतलब भी यही है कि एलएच का स्तर अधिक नहीं बड़ा है। आपको रोज टेस्ट जारी रखना चाहिए।
  • अमान्य परिणाम
    यदि कोई कण्ट्रोल रेखा नहीं होती दिखती है, तो इसका मतलब टेस्ट ही गलत है। इसका कारण नमूने की मात्रा अपर्याप्त होना या गलत तरीके से टेस्ट करना हो सकता है। यह कम से कम 5 सेकंड के लिए पेशाब में टेस्ट स्ट्रिप न पकडने से या स्टॉप लाइन से अधिक डुबाने के कारण भी हो सकता है।

यदि आपको एक अवैध परिणाम मिलता है, तो अतिरिक्त 5 सेकंड के लिए पेशाब में टेस्ट स्ट्रिप को डूबा लें और 5-10 मिनट प्रतीक्षा करें। इसके बाद परिणाम फिर से पढ़ें। यदि अभी भी कोई नियंत्रण रेखा नहीं है, तो यह टेस्ट अमान्य है और इस स्ट्रिप को फेंक दिया जाना चाहिए।

किट पर दिए गए निर्देशों को दुबारा पड़े और फिर उनका पालन करते हुए बिल्कुल एक नई ओवुलेशन टेस्ट स्ट्रिप का उपयोग करके परीक्षण को दोहराएं।

यद्यपि, विज्ञान ने महिलाओं और पुरुषों को प्राकृतिक रूप से गर्भधारण करने में मदद करने के लिए ओवुलेशन टेस्ट किट देकर बहुत प्रभावी कदम उठाए हैं, लेकिन घर पर उपयोग करने योग्य सभी ओवुलेशन प्रेडिक्टर किट सटीक रूप से ओवुलेशन की भविष्यवाणी नहीं करती हैं।

यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि हो सकता है कि बांझपन की समस्या इसलिए न हो कि अंडाशय से अंडे मुक्त नहीं हो रहे हैं, बल्कि इसलिए हो कि अंडे गर्भाशय से प्रभावी ढंग से जुड़ नहीं रहे हैं।

(और पढ़े - प्रजनन क्षमता बढ़ाने के घरेलू उपाय)

याद रहे कि एक ओवुलेशन प्रेडिक्टर किट गर्भावस्था सुनिश्चित नहीं करती है, उससे केवल इतना पता चलता है कि ओवुलेशन होने की संभावना कब है।

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इस तरह की “ओवुलेशन किट" के कई ब्रांड भारत में उपलब्ध हैं। कुछ अच्छे ब्रांड की ओवुलेशन टेस्ट किट की कीमत लगभग 500 रुपये से शुरू होती है और अधिकतम 4000 रुपये तक या इससे भी अधिक हो सकती है। आप इन्हें अपने पास के किसी मेडिकल स्टोर से खरीद सकती हैं या ऑनलाइन भी आर्डर कर सकती है। ओवुलेशन प्रेडिक्टर किट के अलावा, घर पर ओवुलेशन को ट्रैक करने के लिए महिलाओं द्वारा फर्टिलिटी मॉनीटर का भी उपयोग किया जाता है। भारत में भी इस तरह के अच्छे फर्टिलिटी मॉनीटर उपलब्ध हैं।

इन फर्टिलिटी मॉनीटर की अनुमानित कीमत लगभग 2,000 रुपये से शुरू होकर 25,000 रुपये तक हो सकती है।इनको भी आप ऑनलाइन या फिर किसी नजदीकी मेडिकल से खरीद सकती हैं।

ओवुलेशन टेस्ट किट एक ऐसा उपकरण है जो महिलाओं को उनके ओवुलेशन (अंडोत्सर्जन) के समय का पता लगाने में मदद करता है। यह किट ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (LH) के स्तर की जाँच करती है, जो ओवुलेशन के ठीक पहले बढ़ जाता है। ओवुलेशन टेस्ट किट का उपयोग करके महिलाएं अपने मासिक चक्र के दौरान सबसे उपजाऊ दिनों का पता लगा सकती हैं, जिससे गर्भधारण की संभावनाएं बढ़ सकती हैं। यह किट आमतौर पर उपयोग में आसान होती है; बस मूत्र का नमूना लेकर किट में डालना होता है, और कुछ मिनटों में परिणाम प्राप्त होता है। यह विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए उपयोगी है जो गर्भधारण की योजना बना रही हैं या अपने मासिक चक्र को बेहतर ढंग से समझना चाहती हैं।

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