मेनोपॉज वह समय होता है, जब महिलाओं को मासिक धर्म आने बंद हो जाते हैं. अगर मेनोपॉज शुरू होने के बाद भी ब्लीडिंग होती है, तो उसे पोस्टमेनोपॉजल ब्लीडिंग (पीएमबी) कहा जाता है. पीएमबी की समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेने की जरूरत होती है. इसका इलाज आसान तरीके से किया जा सकता है, लेकिन कुछ स्थितियों में यह गंभीर बीमारी जैसे- गर्भाशय पॉलीप्स और ग्रीवा कैंसर का संकेत हो सकते हैं.

आज हम इस लेख में मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग के कारण, लक्षण व उपचार के बारे में विस्तार से जानेंगे -

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  1. मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग के लक्षण
  2. मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग के कारण
  3. मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग का उपचार
  4. सारांश
मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग के कारण, लक्षण व उपचार के डॉक्टर

मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग होना ही अपने आप में एक लक्षण है. इस लक्षण के साथ-साथ महिलाओं के शरीर में कई अन्य लक्षण भी दिख सकते हैं, जिनके बारे में नीचे बताया गया है-

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महिलाओं के स्वास्थ के लिए लाभकारी , एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोंस को कंट्रोल करने , यूट्रस के स्वास्थ को को ठीक रखने , शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल कर सूजन को कम करने में लाभकारी माई उपचार आयुर्वेद द्वारा निर्मित अशोकारिष्ठ का सेवन जरूर करें । 

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मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनके बारे में नीचे बताया गया है -

गर्भाशय पॉलीप्स

गर्भाशय पॉलीप्स एक गैर-कैंसरकारी वृद्धि हैं. हालांकि कुछ मामलों में पॉलीप्स की समस्या कैंसर बन सकती है. पॉलीप्स की समस्या से प्रभावित महिलाओं में अनियमित रूप से ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है. गर्भाशय में पॉलीप्स उन महिलाओं में विशेष रूप से होता है, जो मेनोपॉज से गुजर चुकी हैं. वहीं, कुछ कम उम्र की महिलाओं को भी यह समस्या हो सकती है.

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एंडोमेट्रियल हाइपरप्लासिया

एंडोमेट्रियल हाइपरप्लासिया ऐसी समस्या है, जिसमें एंडोमेट्रियम काफी मोटा हो जाता है. इस समस्या से ग्रसित महिलाओं को मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग हो सकती है. अक्सर यह समस्या तब होती है, जब महिलाओं में प्रोजेस्टेरोन का स्तर कम और एस्ट्रोजन की अधिकता होती है. अक्सर महिलाओं में मेनोपॉज के बाद यह समस्या देखी जाती है.

एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ने से एंडोमेट्रियल हाइपरप्लासिया का खतरा बढ़ सकता है. अगर समय पर इस समस्या का इलाज नहीं कराया गया, तो यह अंततः गर्भाशय के कैंसर का कारण बन सकता है.

एंडोमेट्रियल कैंसर

एंडोमेट्रियल कैंसर की वजह से भी आपको मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है. एंडोमेट्रियम गर्भाशय की एक परत होती है. इस समस्या से ग्रसित महिलाओं को असामान्य रक्तस्राव के साथ-साथ पेल्विक में दर्द का अनुभव हो सकता है.

अक्सर इस स्थिति का पता जल्दी चल जाता है. एंडोमेट्रियल कैंसर असामान्य रक्तस्राव का कारण बनता है, जिसे आसानी से देखा जा सकता है. कई मामलों में कैंसर के इलाज के लिए गर्भाशय को हटाया जा सकता है. मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग होने वाली लगभग 10 प्रतिशत महिलाओं में एंडोमेट्रियल कैंसर की आशंका होती है.

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एंडोमेट्रियल एट्रोफी

इस समस्या से प्रभावित महिलाओं का एंडोमेट्रियल लाइनिंग पतला हो जाता है. एंडोमेट्रियल एट्रोफी से ग्रसित महिलाओं को मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है.

ग्रीवा कैंसर

मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग की समस्या सर्वाइकल कैंसर का एक दुर्लभ संकेत भी हो सकता है. सर्वाइकल कैंसर धीरे-धीरे बढ़ता है. डॉक्टर कभी-कभी नियमित परीक्षा के दौरान इनकी बढ़ती कोशिकाओं की पहचान कर सकते हैं.

स्त्री रोग विशेषज्ञ के सलाह से नियमित चेकअप कराने से सर्वाइकल कैंसर का जल्द पता लग सकता है. साथ ही इस बीमारी से रोकथाम में भी मदद मिल सकती है.

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मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग यानी पोस्टमेनोपॉजल रक्तस्राव का उपचार इसके कारणों पर निर्भर करता है. कई मामलों में मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग की समस्या का उपचार दवा और सर्जरी के माध्यम से होता है. आइए जानते हैं इसके बारे में -

ब्लीडिंग रोकने के लिए मेडिसिन

मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग की समस्या होने पर आपको कुछ एंटीबायोटिक्स दी जा सकती हैं. एंटीबायोटिक्स गर्भाशय के अधिकांश संक्रमणों का इलाज कर सकते हैं. डॉक्टर आपको एंटीबायोटिक्स टैबलेट के रूप में दे सकता है.

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एस्ट्रोजन क्रीम

कुछ स्थितियों में आपका डॉक्टर आपको एस्ट्रोजन क्रीम लगाने की भी सलाह दे सकते हैं. खासतौर से योनि के ऊतकों के पतले होने के कारण आपको मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग की समस्या हो रही है, तो डॉक्टर आपको क्रीम लगाने की सलाह दे सकते हैं.

प्रोजेस्टिन

यह एक हार्मोनल रिप्लेसमेंट थेरेपी है. अगर आप एंडोमेट्रियल टिश्यूज काफी ज्यादा ग्रोथ कर रहा है, तो डॉक्टर इस स्थिति में आपको प्रोजेस्टिन थेरेपी लेने की सलाह दे सकते हैं. प्रोजेस्टिन, एंडोमेट्रियल टिश्यूज की ओवरग्रोथ को रोककर ब्लीडिंग की परेशानी को दूर करने में प्रभावी हो सकता है.

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पॉलीप्स सर्जरी

मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग की समस्या को कम करने के लिए डॉक्टर सर्जरी का भी सहारा ले सकते हैं. हालांकि, यह उपचार गंभीर परिस्थिति से रोकने के लिए किया जाता है. पॉलीप्स की असामान्य वृद्धि को रोकने के लिए सर्जरी की जाती है.

हिस्टेरेक्टॉमी

यह गर्भाशय और गर्भाशय ग्रीवा को हटाने के लिए एक सर्जरी है. यदि किसी को गर्भाशय का कैंसर है, तो ऐसे में हिस्टेरेक्टॉमी की आवश्यकता हो सकती है. कुछ प्रक्रियाएं न्यूनतम इनवेसिव होती हैं, इसलिए वे बहुत छोटे कट का उपयोग करते हैं.

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मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग की समस्या काफी आम है, लेकिन यह समस्या आपको लंबे समय से हो रही है, तो यह गंभीर रूप धारण कर सकती है. कुछ गंभीर मामलों, जैसे- ग्रीवा कैंसर, पॉलीप्स का असामान्य रूप से बढ़ना जैसी स्थिति में मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग हो सकती है. इस तरह की समस्या से ग्रसित होने पर आपको न सिर्फ ब्लीडिंग हो सकती है, बल्कि शरीर में कई तरह के लक्षण दिख सकते हैं. ऐसे में मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग की परेशानी होने पर आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेने की आवश्यकता होती है, ताकि समय पर आपका इलाज किया जा सके.

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