महिलाओं को हमेशा से ही इस बात को जानने की उत्सुकता रहती है कि उनके लिए शारीरिक संबंध बनाने के लिए मासिक धर्म के बाद कौन सा समय प्रेग्नेंट न होने के लिए सुरक्षित होता है। यहां पर हमारा सेफ पीरियड से मतलब है जिस समय महिला के प्रेग्नेंट होने की संभावनाएं कम होती है। महिलाओं के शरीर में हर माह कई बदलाव होते हैं। इन बदलावों का कारण मासिक धर्म होता है। सेफ पीरियड आपको गर्भवस्था से बचाता नहीं हैं, इस दौरान भी आप संभोग करने से प्रेग्नेंसी की प्रक्रिया को शुरू कर सकती हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि पुरुष का स्पर्म महिला के अंदर सात दिनों तक रह सकता है।

आज इस लेख में आप विस्तार से समझ पाएंगी कि पीरियड के बाद कौन-सा समय सबसे सेफ माना गया है -

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  1. मासिक धर्म के बाद का समय सुरक्षित (गर्भ न ठहरने का) होता है क्या है?
  2. पीरियड्स के बाद सुरक्षित समय से जुड़ी गलत धारणा
  3. सारांश

मासिक धर्म चक्र को दो चरण से जाना जाता है।

  • प्रजनन चरण (Proliferating phase) : यह अवधि मासिक धर्म के पहले दिन से शुरू होता है।
  • स्रावी चरण (Secretory phase) : यह 14 दिन की एक निरंतर अवधि होती है, जो मासिक धर्म होने से 14 दिन पहले से गिनी जाती है।

आपको पता होना चाहिए कि मासिक धर्म के तुरंत बाद के समय में भी गर्भधारण हो सकता है। हालांकि, ऐसा होने की सम्भावना कम होती है। अगर आप किसी भी गर्भवती न होने के तरीके का इस्तेमाल नहीं कर रहीं है तो आप अपने मासिक चक्र के दौरान कभी भी गर्भवती हो सकती हैं - यहाँ तक कि मासिक चक्र के दौरान, या उसके तुरंत बाद।

ध्यान रहे कि अगर आपको कभी पहले पीरियड नहीं हुआ है, या आपका पहला पीरियड चल रहा हो, या आपने पहली बार सेक्स किया है, तब भी आप गर्भवती हो सकती हैं। वैज्ञानिक रूप से कोई भी "सुरक्षित अवघि" या "सेफ पीरियड" नहीं है। इसका मतलब यह है कि आप चाहे कभी भी असुरक्षित संभोग करें, प्रेग्नेंट होने की सम्भावना होती ही है। इसलिए, अगर आप अनचाहे गर्भ से बचना चाहते हैं, तो सुरक्षित संभोग ही करें।

ऐसा जरूर है कि आपके मासिक चक्र के दौरान ऐसी अवधि होती है, जब आपकी प्रजनन क्षमता ज्यादा होती है। इस दौरान प्रेग्नेंट होने की संभावना अधिक होती है। यह समय होता है ओवुलेशन का। ओवुलेशन के समय संभोग करने से महिला के गर्भवती होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए, ओवुलेशन के समय को 'गर्भधारण न करने' के दृष्टिकोण से संभोग करने के लिए असुरक्षित माना जाता है।

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अपनी ओवुलेशन की अवधि का हिसाब आप कुछ इस तरह से लगा सकती हैं (यदि आपको इस बारे में समझ न आए, तो आपको अपने डॉक्टर से इस बारे में पूरी जानकारी ले लेनी चाहिए) -

  • यदि किसी महिला का मासिक धर्म चक्र 30 दिन का है, तो ओवुलेशन का समय बीच के 10 दिन होते हैं। 
  • इस अवधि की दौरान असुरक्षित यौन संबंध बनाने से प्रेग्नेंट होने की संभावना अधिक हो जाती है।
  • मासिक धर्म शुरू होने से अगले 10 दिन और अगले मासिक धर्म आने से 10 दिन पहले की अवधि को सामान्य रूप से "सुरक्षित समय" माना जाता है, लेकिन जैसा कि ऊपर बताया गया है, इस समय असुरक्षित संभोग करने से प्रेग्नेंसी की संभावनाएं कुछ कम होती है, बिलकुल ख़त्म नहीं होती हैं। इस समय में गर्भधारण का नामुमकिन होना (यानी इसका सुरक्षित अवधि होना) एक गलत धारणा है। जैसे कि ऊपर समझाया गया था, ऐसा इसलिए है कि अगर आप इस अवधि में असुरक्षित सेक्स करती हैं, तो चूंकि पुरुष का स्पर्म महिला के अंदर सात दिन तक रह सकता है, ओवुलेशन शुरू होते ही यह स्पर्म महिला के अंडो से निषेचित हो सकता है।

चेतावनी: ऊपर बताया मासिक चक्र और ओवुलेशन का हिसाब उन महिलाओं पर ही लागू होता है, जिनका मासिक धर्म चक्र नियमित है। अगर आपको मासिक चक्र की अनियमितता की आशंका है या पुष्टि है, तो एक डॉक्टर से मिलकर अपने ओवुलेशन के सही समय को समझें।

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पीरियड से पहले या पीरियड के बाद का ऐसा कोई समय नहीं होता, जिसे पूरी तरह से सुरक्षित माना जाए। किसी भी समय असुरक्षित यौन संबंध बनाने से गर्भवती होने की संभावना बनी ही रहती है। इसलिए, अगर कोई महिला गर्भधारण नहीं करना चाहती, तो उसे हमेशा सेफ सेक्स ही करना चाहिए। वहीं, अगर कोई महिला गर्भवती होना चाहती है, तो उसे अपने ओवुलेशन का सही समय समझने के लिए डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

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