पीरियड महिलाओं को होने वाली एक प्राकृतिक प्रक्रिया है. अगर मासिक धर्म चक्र सही और तय समय पर आ रहा है, तो इसका मतलब यह है कि महिला स्वस्थ है. वहीं, अगर इसमें किसी तरह की गड़बड़ी होती है, तो इसका मतलब यह है कि महिला किसी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या का सामना कर रही है. न सिर्फ पीरियड का कम आना या देर से आना चिंताजनक है, बल्कि पीरियड का तय समय से ज्यादा देर तक रहना भी सही नहीं है. ऐसा वजन के बढ़ने, कैंसर होने या थायराइड की समस्या होने पर हो सकता है.

आप यहां दिए लिंक पर क्लिक करके जान सकते हैं कि अनियमित मासिक धर्म का आयुर्वेदिक इलाज क्या है.

आज इस लेख में हम इसी विषय पर बात करेंगे और पीरियड के ज्यादा दिन तक रहने के कारणों के बारे में जानेंगे -

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  1. किन कारणों से पीरियड ज्यादा दिन तक रहते हैं?
  2. कितने दिन के पीरियड को ज्यादा माना जाता है?
  3. पीरियड के ज्यादा दिन तक रहने का निदान
  4. पीरियड के ज्यादा दिन तक रहने का इलाज
  5. सारांश
पीरियड ज्यादा दिन तक आने के कारण व इलाज के डॉक्टर

पीरियड के तय समय से ज्यादा दिन तक रहने के पीछे कुछ खास कारण होते हैं, जैसे कि कुछ खास प्रकार की दवाइयों का सेवन या फिर पेल्विक एरिया में आई सूजन आदि. आइए, इन कारणों के बारे में यहां विस्तार से जानते हैं -

दवाइयां

किसी खास तरह की दवाइयां जैसे - एंटी-इंफ्लेमेटरी, खून को पतला करने वाली दवा, गर्भ निरोधक दवा के कारण पीरियड्स लंबे वक्त तक रह सकते हैं. इसके अलावा, कई बार या पीरियड्स रोकने वाली दवा के कारण भी ऐसा हो सकता है. दरअसल, कई महिलाएं किन्हीं कारणों से पीरियड्स रोकने वाली दवाइयों का सेवन करते हैं और फिर जब वे उन दवाइयों का सेवन रोकती हैं, तो दवाइयों के बंद होने के बाद हो सकता है पीरियड लंबे वक्त तक रहें.

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थायराइड

हाइपोथायरायडिज्म के कारण भी पीरियड लंबे वक्त तक रह सकते हैं. हाइपोथायरायडिज्म वह स्थिति है, जब शरीर पर्याप्त थायराइड हार्मोन नहीं बना पाता है. बता दें कि थायराइड एक प्रकार की ग्रंथि होती है, जो थायराइड हार्मोन रिलीज करती है.

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कैंसर

यूट्रस या गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर होने के कारण भी पीरियड लंबे वक्त तक हो सकता है. ये कैंसर के शुरुआती लक्षणों में से एक है. इसलिए, अगर पीरियड सामान्य अवधि से अधिक हो रहा है, तो इस बारे में डॉक्टर से बात करें. 

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बढ़ता वजन

अधिक वजन लंबे समय तक पीरियड रहने का कारण हो सकता है. ऐसा इसलिए है, क्योंकि वसायुक्त टिश्यू शरीर में अधिक एस्ट्रोजन का उत्पादन करने का कारण बन सकते हैं. यह अतिरिक्त एस्ट्रोजन पीरियड की अवधि में बदलाव ला सकता है.

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पेल्विक में सूजन

पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (पीआईडी) तब होती है, जब बैक्टीरिया महिला के प्रजनन अंगों को संक्रमित कर देते हैं. इससे मासिक धर्म चक्र में बदलाव के अलावा, पीआईडी ​​अन्य लक्षणों के बीच असामान्य योनि स्राव भी पैदा कर सकता है.

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हार्मोनल बदलाव

हार्मोन स्तर या ओवुलेशन में बदलाव के कारण भी पीरियड लंबे समय तक रह सकते हैं. जब हार्मोन सामान्य स्तर पर नहीं होते हैं या फिर शरीर मासिक धर्म के दौरान सही समय पर ओव्यूलेट नहीं करता है, तो गर्भाशय की परत मोटी हो सकती है. ऐसे में पीरियड लंबे समय तक रह सकते हैं.

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सामान्यतः पीरियड 5 दिन के होते हैं. कुछ मामलों में ये 3-8 दिन तक भी रह सकते हैं. ऐसे में अगर पीरियड 1 हफ्ते से ज्यादा समय तक रहते हैं, तो डॉक्टर ऐसी अवस्था को मेनोरेजिया कहते हैं. वैज्ञानिक शोध के अनुसार, करीब 5 प्रतिशत महिलाएं मेनोरेजिया का शिकार होती हैं. पीरियड के लंबे समय तक रहना निम्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं की ओर इशारा कर सकता है -

  • हार्मोन की अनियमितता
  • गर्भाशय संबंधी असामान्यताएं
  • कैंसर

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अगर किसी महिला के पीरियड ज्यादा दिन तक रहते हैं, तो उसकी जांच के लिए डॉक्टर महिला से निम्न प्रकार के प्रश्न पूछ सकते हैं -

  • पीरियड्स कब से शुरू हुए.
  • महिला ने पिछले दिन कितने सेनेटरी पैड और टैम्पोन का उपयोग किया.
  • महिला की सेक्युअल एक्टिविटी कैसी है.
  • कोई अन्य लक्षण जो वे अनुभव कर रही हों.

डॉक्टर समस्या की पहचान करने के लिए निम्न प्रकार के टेस्ट भी करवा सकते हैं -

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निदान के बाद डॉक्टर उसी के अनुसार इलाज भी बता सकते हैं, जो इस प्रकार हैं -

  • डॉक्टर दवाइयों से इलाज कर सकते हैं, जिसमें नॉन स्टेरायडल एंटी इंफ्लेमेटरी दवाइयां शामिल है.
  • कुछ मामलों में इंजेक्शन देने की आवश्यकता हो सकती है.
  • इंट्रायूटेरिन डिवाइस का भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
  • डॉक्टर वजाइनल रिंग को इस्तेमाल करने का भी सुझाव दे सकते हैं.
  • कुछ मामलों में डॉक्टर सर्जरी की सिफारिश कर सकते हैं. इसके लिए डी एंड सी यानी डाइलेशन और क्यूरेटेज प्रक्रिया का प्रयोग किया जा सकता है.  इसमें गर्भाशय की परत को पतला किया जा सकता है, ताकि मासिक धर्म के दौरान होने वाले रक्तस्राव को कम किया जा सके.
  • अगर कोई महिला अब संतान नहीं चाहती है, तो एंडोमेट्रियल एब्लेशन, रिसेक्शन या हिस्टेरेक्टॉमी का सहारा लिया जा सकता है. ये प्रक्रियाएं लंबे समय तक राहत दे सकती हैं, लेकिन गर्भवती होने की संभावना को बेहद कम कर देती हैं.

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ये थी ज्यादा दिन तक पीरियड के रहने से संबंधित जरूरी जानकारियां. अगर कोई महिला बार-बार लंबे समय तक पीरियड के रहने की समस्या से जूझ रही है, तो इसे बिल्कुल भी अनदेखा नहीं करना चाहिए. पीरियड से जुड़े किसी भी असाधारण बदलाव को कभी हल्के में न लें. बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और उचित उपचार करवाना चाहिए.

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