महिलाओं में एक आम शिकायत है ब्रेस्ट में दर्द होना। इसे मास्‍टालजिया (mastalgia) भी कहते हैं। स्तन में दर्द विशेष रूप से पीरियड्स (मासिक धर्म) के दौरान होता है। मस्टाल्जिया एक आम ब्रेस्ट समस्या है जो 40-80% महिलाओं में पाई जाती है। कर्नाटक के चार नर्सिंग कॉलेजों में एक शोध किया गया जिसमे 47% महिलायें मस्टाल्जिया से ग्रस्त पायी गयी।

ब्रेस्ट में दर्द के कुछ लक्षण होते हैं दोनों स्तनों में दर्द, भारीपन, पीड़ा, कोमलता और स्तनों में सूजन। इसमें दर्द हल्के से गंभीर हो सकता है, और लगातार या केवल कभी कभी हो सकता है। स्तन दर्द को दो मुख्य चिकित्सक पद्धतियों में वर्गीकृत किया जा सकता है।

  1. चक्रीय - दर्द की तीव्रता मासिक धर्म चक्र के दौरान बदल जाती है।
  2. गैर-चक्रीय - मासिक धर्म चक्र के दौरान दर्द अपरिवर्तित रहता है।

चक्रीय स्तन दर्द मासिक धर्म चक्र के दौरान हार्मोनल परिवर्तनों के कारण होता है। दूसरी ओर, गैर-चक्रीय स्तन दर्द उन समस्याओं से जुड़ा हुआ है जो स्तनों की संरचना को प्रभावित करते हैं जैसे कि अल्सर, पूर्व सर्जरी या अन्य कारक।

ब्रेस्ट दर्द के अन्य कारण जैसे स्तनों के कोशिकाओं के भीतर फैटी एसिड का असंतुलित होना, कुछ दवाओं के उपयोग से, बड़े स्तन, स्तनपान कराने और खराब तरीके की ब्रा पहनने से ब्रेस्ट में दर्द हो सकता है। ब्रेस्ट दर्द जो मासिक धर्म चक्र से पहले या बाद में होता है उसे कुछ घरेलू उपचार से सही किया जा सकता है। घरेलू उपाए से आपके ब्रेस्ट का दर्द और असहजता कम होगी। अस्पष्ट दर्द जो आपके स्तन के एक विशिष्ट क्षेत्र में कई दिनों से चल रहा है उसके लिए आप अपने डॉक्टर को ज़रूर दिखाएँ। 

(और पढ़ें - ब्रेस्ट में दर्द)

ब्रेस्ट में दर्द से निजात पाने के लिए आज हम आपको ऐसे 10 घरेलू उपाए के बारें में बताएंगे जिनकी मदद से आप अपने दर्द को कम कर पाएंगे।

  1. ब्रेस्ट दर्द में करें बर्फ का इस्तेमाल - Ice cubes for breast pain in Hindi
  2. स्तन में दर्द के लिए मसाज है फायदेमंद - Massage for breast pain in Hindi
  3. ब्रेस्ट के दर्द को कम करने का इलाज है प्रिम्रोस तेल - Evening primrose oil for breast pain in Hindi
  4. स्तनों के दर्द को कम करने का उपाए है चेस्टबेरी - Chasteberry for breast pain in Hindi
  5. ब्रेस्ट के दर्द में अरंडी का तेल है लाभकारी - Castor oil for breast pain in Hindi
  6. स्तनों में दर्द को कम करने के लिए अपनाएं सिंहपर्णी - Dandelion for breast pain in Hindi
  7. ब्रेस्ट के दर्द को कम करने के लिए सौंफ का करें प्रयोग - Fennel seeds benefits for breast pain in Hindi
  8. ब्रेस्ट दर्द में अच्छा है सेब का सिरका - Apple cider vinegar for breast pain in Hindi
  9. विटामिन ई है स्तन के दर्द में उपयोगी - Vitamin E for breast pain in Hindi
  10. मैग्नीशियम ब्रेस्ट के दर्द को करे दूर - Magnesium for breast pain in Hindi
  11. ब्रेस्ट के दर्द से जुड़े कुछ टिप्स - Additional tips for breast pain in Hindi

स्तन दर्द से राहत पाने के लिए आप आइस पैक का उपयोग कर सकते हैं। आइस पैक लगाने से आपके ब्रेस्ट का दर्द कम होगा साथ ही सूजन की परेशानी भी दूर होगी।

ब्रेस्ट दर्द में बर्फ का कैसे करें इस्तेमाल -

  1. एक प्लास्टिक बैग में कुछ बर्फ की क्यूब्स रखें और एक साफ़ कपडे के साथ उसे लपेट लें।
  2. इस आइस पैक को अपने स्तन पर लगभग 10 मिनट तक लगाकर रखें।
  3. जब तक आप कुछ अच्छा महसूस नहीं करते तब तक पूरे दिन में इस प्रक्रिया को दोहराते रहें।
  4. सूजन और कोमलता को कम करने के लिए आप गर्म सेक का भी इस्तेमाल कर सकते हैं या गर्म और ठंडे सेक को बदलकर भी लगा सकते हैं।

नोट - सीधे अपने स्तनों पर बर्फ न लगाए। बर्फ को सूजन या जहां दर्द है वहां हल्का हल्का लगाएं।

(और पढ़ें - स्तनपान के दौरान हो रहे दर्द और सूजन का एक अनोखा उपाय)

Women Health Supplements
₹719  ₹799  10% छूट
खरीदें

खुद से ब्रेस्ट पर मालिश करने से सूजन कम होती है साथ ही रक्त परिसंचरण में भी सुधार होता है। इससे आपके स्तन के ऊतकों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद मिलती है जिसकी वजह से ज़्यादा से ज़्यादा पोषक तत्व आपके ब्रेस्ट तक पहुंच पाते हैं।

ब्रेस्ट दर्द में मसाज कैसे करें -

  1. जब आप नहाते है तो साबुन से अपने ब्रेस्ट पर धीरे धीरे कुछ मिनट के लिए मसाज करें। ब्रेस्ट के बीच और साइड में साबुन से मसाज करें। स्तनपान के दौरान साबुन को निप्पल्स पर न लगाएं।
  2. वैकल्पिक रूप से, कपूर के तेल की कुछ बूँदें और गर्म जैतून के तेल की 2 बड़ी चम्मच को एक साथ मिलाएं। अब इस मिश्रण को पूरे दिन में एक या दो बार ब्रेस्ट पर ज़रूर लगाएं।
  3. इसके अलावा बराबर मात्रा में खुबानी तेल (apricot oil) और गेहूं के बीज का तेल मिलाएं और अपने ब्रेस्ट पर इस मिश्रण से मसाज करें।

अपने स्तनों पर रोज़ाना इसका इस्तेमाल करते रहें। इससे आपके स्तन स्वस्थ और दर्द मुक्त रहेंगे।

स्तन दर्द के लिए सबसे अच्छे उपचारों में से एक प्रिम्रोस तेल है। इस तेल में गमोलेनिक एसिड (gamolenic acid) होता है जो एक प्रकार का फैटी एसिड होता है जिससे शरीर में हार्मोनल परिवर्तन की प्रक्रिया अच्छे से होती है। यह असहजता और दर्द की परेशानी को दूर कर देता है।

ब्रेस्ट दर्द में प्रिम्रोस तेल का कैसे करें इस्तेमाल -

  1. अपने स्तनों पर प्रिम्रोस तेल से कुछ मिनट तक धीरे धीर मसाज करें।
  2. इसके अलावा आप इस तेल का इस्तेमाल 3 महीने के लिए प्रतिदिन 240 से 500 मिलीग्राम तक कर सकते हैं लेकिन उससे पहले इस बारे में डॉक्टर से सलाह ले लें।

नोट - अगर आप गर्भवती होने वाली हैं या आपको दौरे पड़ते हैं तो प्रिम्रोस तेल का इस्तेमाल न करें।

चेस्टबेरी को चक्रीय मस्टाल्जिया और मासिक धर्म के अन्य लक्षणों में उपयोग किया जाता है। पिट्यूटरी ग्लैंड से प्रोलैक्टिन हॉर्मोन का स्रावण होता है जो मासिक धर्म के पूर्व लक्षणों के लिए उत्तरदायी है जैसे स्तनों में असहजता और दर्द आदि। चेस्टबेरी प्रोलैक्टिन हॉर्मोन के प्रभाव को कम करने में मदद करता है।

ब्रेस्ट दर्द में चेस्टबेरी का कैसे करें इस्तेमाल -

  1. आप 20 मिलीग्राम ड्राई चेस्टबेरी को निचोड़ लें और उसका पूरे दिन में 1 से 3 बार सेवन ज़रूर करें।
  2. आप चेस्टबेरी को एक तरल पदार्थ में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। एक गिलास पानी में 40 बूंदें चेस्टबेरी की मिलाएं और सुबह में एक बार इसे ज़रूर पियें।

कम से कम 3 महीने के लिए इनमें से किसी भी उपचार का पालन ज़रूर करें लेकिन सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से इस बारे में जानकरी ले लें।

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Prajnas Fertility Booster बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख पुरुष और महिला बांझपन की समस्या में सुझाया है, जिससे उनको अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं।
Fertility Booster
₹892  ₹999  10% छूट
खरीदें

अरंडी के तेल में रिसिनोलिक एसिड होता है जो ब्रेस्ट के दर्द को दूर करता है। यह परिसंचरण को भी बढ़ाता है ताकि पोषक तत्व कोशिकाओं तक पहुंच सकें और बेकार पदार्थ और अन्य करक शरीर से निकल सकें।

ब्रेस्ट दर्द में अरंडी का तेल कैसे करें इस्तेमाल -

  1. एक चम्मच अरंडी का तेल और 2 चम्मच जैतून का तेल मिलाएं।
  2. अब इस मिश्रण से अपने ब्रेस्ट पर मसाज करें।
  3. इस उपाय को रोज़ाना अपनाएँ। खासकर मासिक धर्म के दौरान। 

(और पढ़ें - अरंडी के तेल के फायदे)

प्राकृतिक चिकित्सा के अनुसार, सिंहपर्णी स्तनों में असहजता और दर्द को कम करने में मदद करता है। यह एक प्राकृतिक मूत्रवर्धक है और इसमें अधिक मात्रा में पोटेशियम पाया जाता है जो शरीर में मौजूद अतिरिक्त तरल पदार्थ को बाहर निकालने में मदद करता है। सिंहपर्णी पानी के प्रतिधारण को रोकता है जिससे स्तन का दर्द कम होता है।

ब्रेस्ट दर्द में सिंहपर्णी का कैसे करें इस्तेमाल -

  1. 15 मिनट के लिए एक कप पानी में 1 चम्मच सूखे सिंहपर्णी को उबाल लें। अब इस मिश्रण को छान लें और इसमें बराबर मात्रा में शहद मिलाएं। इस मिश्रण को तीन कप ज़रूर पियें।
  2. आप इस जड़ी बूटी को सप्लीमेंट के रूप में भी ले सकते हैं लेकिन सबसे पहले अपने डॉक्टर से इस बारे में सलाह ले लें। 

स्तन दर्द को रोकने के लिए मासिक धर्म चक्र से कुछ दिन पहले इन उपचारों में से किसी का भी पालन ज़रूर करें।

(और पढ़ें - सिंहपर्णी के फायदे)

मासिक धर्म के दौरान या उससे पहले होने वाले ब्रेस्ट दर्द के लिए सौंफ का इस्तेमाल बहुत लाभकारी है। सौंफ हॉर्मोन को संतुलित रखने में मदद करती है साथ ही पानी के प्रतिधारण को भी रोकती है। यह शरीर में विषाक्त पदार्थों के निर्माण को भी रोकने में मदद करती है।

ब्रेस्ट दर्द में सौंफ का कैसे करें इस्तेमाल -

  1. गरम पानी में एक चम्मच सौंफ की मिलाएं।
  2. अब उसे ढक दें और दस मिनट के लिए उबलने दें। फिर इस मिश्रण को छान लें और इसे पूरे दिन में कई बार पीने की कोशिश करें।
  3. पीएमएस के दौरान होने वाले ब्रेस्ट दर्द के लिए आप रोज़ कुछ भुनी हुई सौंफ भी खा सकती हैं। 

(और पढ़ें - सौंफ के फायदे)

Ashokarishta
₹359  ₹400  10% छूट
खरीदें

सेब का सिरका ब्रेस्ट के दर्द को कम करने में बेहद फायदेमंद है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करता है साथ ही पानी के प्रतिधारण और हार्मोन को नियंत्रित रखता है। इसके सेवन से ब्रेस्ट में दर्द और किसी प्रकार की असहजता महसूस नहीं होती।

ब्रेस्ट दर्द में सेब के सिरका का कैसे करें इस्तेमाल -

  1. 1 से 2 चम्मच कच्चे, अनफ़िल्टर्ड सेब के सिरके को गर्म पानी के गिलास में मिलाएं।
  2. अब बराबर मात्रा में शहद को डालकर पूरे मिश्रण को अच्छे से मिला लें।
  3. इस मिश्रण को पूरे दिन में दो बार ज़रूर पियें। 

(और पढ़ें - सेब के सिरके के फायदे)

विटामिन ई भी स्तन दर्द के उपचार में सहायक है इससे शरीर में हार्मोनल परिवर्तन को विनियमित करने में मदद मिलती है। जिससे ब्रेस्ट में दर्द और मासिक धर्म के अन्य लक्षणों को कम किया जा सकता है। 

ब्रेस्ट दर्द में विटामिन ई का कैसे करें इस्तेमाल -

  1. रोज़ाना 200 से 400 विटामिन ई के इंटरनेशनल यूनिट्स (IUs) का सेवन करने से मासिक धर्म के दौरान होने वाले स्तन का दर्द और असहजता कम होती है। लेकिन सेवन करने से पहले आप अपने डॉक्टर से इस बारे में जानकारी ले लें।
  2. विटामिन ई से समृद्ध पदार्थ लें, जैसे कि सूरजमुखी के बीज, बादाम, जैतून का तेल, पालक, शलजम और सरसों का साग
  3. इसके अलावा आप अपने स्तनों पर पूरे दिन में दो या तीन बार विटामिन ई के तेल से मसाज कर सकते हैं। 

(और पढ़ें - विटामिन ई के स्रोत, फायदे)

मैग्नीशियम एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो मासिक धर्म के दौरान ब्रेस्ट में दर्द और असहजता को कम करने में मदद करता है। मैग्नीशियम द्रव प्रतिधारण को कम करने में मदद करता है जिससे स्तनों में दर्द और सूजन कम हो जाती है।

ब्रेस्ट दर्द में मैग्नीशियम का कैसे करें इस्तेमाल -

  1. मैग्नीशियम से समृद्ध पदार्थ खाएं जैसे कि पत्तेदार साग, सूखे मेवे, सोयाबीन, केले और डार्क चॉकलेट।
  2. आप स्तन दर्द को रोकने के साथ-साथ अन्य मासिक धर्म के लक्षणों को रोकने के लिए मासिक धर्म चक्र से 2 सप्ताह पहले भी मैग्नीशियम का सेवन कर सकते हैं।
  3. सेवन करने से पहले आप अपने डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।

ब्रेस्ट के दर्द से जुड़े कुछ टिप्स कुछ इस प्रकार हैं -

  1. सपोर्ट के लिए फिटेड ब्रा पहने। अंडरवायर ब्रा और पुशअप ब्रा को आप नज़रअंदाज़ करें।
  2. व्यायाम करते समय स्पोर्ट्स ब्रा पहनें खासकर तब जब आपके स्तन अधिक संवेदनशील हो।
  3. तनाव को दूर करने के लिए योग और व्यायाम करें जिससे कि आपके ब्रेस्ट का दर्द कम हो।
  4. कैफीन का सेवन सीमित रखें क्यूंकि इससे स्तनों में दर्द और असहजता बढ़ सकती है।
  5. शरीर से अतिरिक्त एस्ट्रोजन निकालने के लिए फाइबर खाएं। फाइबर आपको फूल गोभी, ब्रोकोली, स्प्राउट्स, फलियां और साबुत अनाज से प्राप्त होगा।
  6. बंद पैकेट और स्नैक उत्पादों का सेवन न करें।
  7. अपने आहार में वसा को कम करें और अधिक सब्जियों और फलों को खाने की कोशिश करें।
  8. 20 प्रतिशत या इससे कम वसा का सेवन करें। 
  9. ज़्यादा से ज़्यादा पानी पीने की कोशिश करें जिससे कि आपके शरीर से विषाक्त पदार्थ निकल सकें।
  10. कम से कम प्रत्येक 2 से 3 महीनों में अपने स्तनों की जांच कराने की आदत डालें अगर आप अपने स्तनों के आकार या लक्षणों में कोई अंतर नहीं पाते हैं तो इस बारें में डॉक्टर से बात करें।
ऐप पर पढ़ें