महिलाओं के लिए उनकी प्रजनन उम्र बहुत ही महत्वपूर्ण होती है और इसी उम्र में उन्हें कई परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। इन समस्याओं में से एक समस्या है, पीरियड्स के दौरान खून के थक्के निकलना। ये समस्या बहुत ही सामान्य है, हालांकि खून के थक्के दिखने में एक खतरनाक स्थिति लग सकती है। मासिक धर्म में खून की छोटी गांठें एकदम नार्मल होती हैं, बड़े थक्के भी सामान्य हैं, अगर ये नियमित तौर पर नहीं हो रहे हैं।

अगर आपको नियमित रूप से थक्के आने की समस्या अनुभव हो रही है, तो कुछ मामलों में आपको डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता भी हो सकती है। इस लेख में पीरियड्स के दौरान खून के थक्के निकलने के कारण, इलाज और टिप्स के बारे में बताया गया है।

  1. क्या पीरियड्स में खून के थक्के आना नार्मल है? - Are menstrual clots normal in Hindi?
  2. मासिक धर्म में खून के थक्के आने के कारण - Causes of blood clots during periods in Hindi
  3. पीरियड्स में खून के थक्के आने का इलाज - Treatment for blood clots during periods in Hindi
  4. मासिक धर्म में खून के थक्के आने के लिए कुछ टिप्स - Tips for menstrual clots in Hindi
  5. पीरियड्स में खून के थक्कों के लिए डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए - When to see a doctor for blood clots during periods in Hindi

पीरियड्स में खून के थक्के निकलना सामान्य हो सकता है। मासिक धर्म के दौरान रक्तस्राव की मात्रा हर महीने और हर महिला में अलग-अलग होती है।

अगर आपके खून के थक्के छोटे-छोटे हैं और कभी-कभी निकलते हैं, तो इनके बारे में चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। ये थक्के नसों में होने वाले थक्कों की तरह खतरनाक नहीं होते। हालांकि, पीरियड्स में नियमित रूप से बड़े-बड़े थक्के आना किसी समस्या का संकेत हो सकता है, जिसके लिए हो सकता है आपको चिकित्सा की आवश्यकता हो।

सामान्य थक्के मूंगफली के दाने के साइज से बड़े नहीं होते, ये कभी-कभी निकलते हैं और इनका रंग चटक या गाढ़ा लाल होता है। अगर आपको मासिक धर्म में बहुत अधिक रक्तस्राव हो रहा है, जैसे हर घंटे एक सेनेटरी पैड या टैम्पोन बदलने की आवश्यकता होना या फिर बहुत बड़े थक्के निकलना, तो अपने डॉक्टर के पास अवश्य जाएं।

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जब गर्भाशय की लाइनिंग या परत रक्त के खून के रूप में शरीर से बाहर आती है, तो ये खून गर्भाशय के निचले हिस्से में जमा हो जाता है, ताकि गर्भाशय ग्रीवा (सर्विक्स) के होने पर खून योनि के माध्यम से बाहर आ सके। गर्भाशय की इस परत को पतला करने के लिए शरीर में एंटीकॉग्युलेंट बनते हैं, ताकि खून पतला हो जाए और आसानी से बाहर निकल सके। हालांकि, जब खून अधिक होता है और शरीर इतनी जल्दी पर्याप्त एंटीकॉग्युलेंट नहीं बना पाता, तो खून के थक्के बाहर निकलने लगते हैं। खून के ये थक्के आमतौर पर पीरियड्स के ज्यादा रक्तस्राव वाले दिनों में होते हैं।

खून के थक्के निकलने के कुछ अन्य कारण भी हो सकते हैं, जैसे:

  • गर्भाशय में रसौली: 
    गर्भाशय में रसौली होने के कारण इसमें रुकावट बन जाती है, जिससे गर्भाशय उस तरह संकुचित नहीं हो पाता, जैसे होना चाहिए। इसका मतलब है गर्भाशय से खून सामान्य रूप से बाहर नहीं निकल पाता और इसके धीरे-धीरे निकास होने के कारण खून के थक्के जमने लगते हैं। (और पढ़ें - बच्चेदानी में गांठ होने के लक्षण
     
  • एंडोमेट्रिओसिस: 
    एंडोमेट्रिओसिस में गर्भाशय के अंदर पाया जाने वाला एक टिशू बढ़कर गर्भाशय से बाहर की ओर आने लगता है। इसके कारण कई तरह के लक्षण होते हैं, जिनमें से एक पीरियड्स के दौरान खून के थक्के निकलना भी है। 
     
  • एडेनोमायोसिस:
    इस समस्या में गर्भाशय में बनने वाली खून की परत गर्भाशय की मांसपेशियों वाली परत में बनने लगती है। इसके कारण दोनों ही परत ज्यादा मोटी हो जाती हैं, जिससे पीरियड्स में काफी ज्यादा रक्तस्राव होता है। इसकी वजह से, मासिक धर्म में खून के थक्के निकलने की संभावना बढ़ जाती है। 
     
  • कैंसर:
    वैसे तो ये समस्या बहुत ही कम लोगों को होती है, लेकिन गर्भाशय और सर्विक्स में कैंसर के ट्यूमर होने के कारण मासिक धर्म में ज्यादा रक्तस्राव हो सकता है, जिससे खून के थक्के बनने की संभावना बढ़ जाती है। (और पढ़ें - गर्भाशय के कैंसर के लक्षण
     
  • हार्मोन असंतुलन:
    एक स्वस्थ गर्भाशय के लिए शरीर के हार्मोन का संतुलित रहना बहुत महत्वपूर्ण है। अगर कुछ खास प्रकार के हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं, तो कई समस्याएं हो सकती हैं, जैसे मासिक धर्म में अधिक रक्तस्राव या खून के थक्के निकलना। 
     
  • मिसकैरेज:
    कई बार महिला को उसकी प्रेगनेंसी का पता चलने से पहले ही मिसकैरेज हो जाता है। ऐसा होने पर महिला को कई परेशानियां होती हैं, जैसे अधिक रक्तस्राव, पेट में मरोड़ और पीरियड्स में खून के थक्के आना। 
     
  • रक्तस्राव संबंधी विकार:
    इस विकार के कारण मासिक धर्म में अधिक रक्तस्राव की समस्या हो सकती है, क्योंकि इसमें शरीर के वे प्रोटीन बनने पर प्रभाव पड़ता है, जो रक्तस्राव बंद करते हैं। इसके कारण भी महिला को खून के थक्के आने की समस्या हो सकती है।

(और पढ़ें - खून का थक्का जमने के विकार के कारण)

मासिक धर्म में खून के थक्के का इलाज इसके कारण पर निर्भर करता है। अगर समस्या गर्भाशय के अकार से संबंधित है, तो आपको सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है, हालांकि आइबुप्रोफेन (Ibuprofen) से दर्द और ब्लीडिंग कम करने में मदद मिल सकती है।

  •  गर्भाशय में डाले जाने वाला एक उपकरण, आईयूडी पीरियड्स में रक्तस्राव को 90 प्रतिशत तक कम कर सकता है। हार्मोन को संतुलित करने के लिए और अधिक रक्तस्राव को रोकने के लिए डॉक्टर हार्मोनल दवाएं दे सकते हैं।
  • हार्मोनल गर्भनिरोधक गोलियों से गर्भाशय में बनने वाली खून की परत को रोका जा सकता है। गर्भ निरोधक दवाओं से पीरियड्स का रक्तस्राव 50 प्रतिशत कम होता है, जिससे थक्के निकलने की संभावना भी कम होती है। इनसे गर्भाशय में बनने वाली रसौली और अन्य प्रकार की रुकावट का विकास भी धीरे होती है।
  • जो महिलाएं हार्मोनल दवाएं नहीं लेना चाहती हैं, उनके लिए ट्रानेक्सामिक एसिड नामक साल्ट की दवा उपयोग करने का विकल्प है। इससे खून के थक्के जमने पर प्रभाव पड़ता है।

मासिक धर्म में खून के थक्के अधिकतर ज्यादा रक्तस्राव वाले दिनों में आते हैं। इन दिनों के लिए निम्नलिखित टिप्स आपके काम आ सकती हैं:

  • अपने ज्यादा रक्तस्राव वाले दिन शुरू होने पर मेडिकल स्टोर पर मिलने वाली नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं लें, ताकि अधिक खून न निकले। हालांकि, जिन लोगों को वॉन विलेब्रांड रोग है, उन्हें ये दवाएं नहीं लेनी चाहिए।
  • ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं। (और पढ़ें - पानी कब और कितना पीना चाहिए)
  • ज्यादा रक्तस्राव वाले दिनों में टैम्पोन या पैड पहनें, आप चाहें तो दो पैड साथ में भी पहन सकते हैं। इससे ज्यादा से ज्यादा खून व खून के थक्के पैड या टैम्पोन में रुक जाएंगे और आपके कपडे खराब नहीं होंगे।
  • एस्पिरिन न लें, इससे रक्तस्राव और बढ़ सकता है।
  • रात के समय वाटरप्रूफ पैड का इस्तेमाल करें या बिस्तर पर तौलिया बिछाकर सोएं।
  • अपने आस-पास स्थित बाथरूम का पता लगाएं। अगर आपको बहुत ज्यादा बड़े-बड़े थक्के निकल रहे हैं, तो फटाफट बाथरूम जाकर पैड बदलना आपके लिए आसान होगा।
  • अत्यधिक रक्तस्राव और खून के थक्के निकलने के कारण आपके शारीरिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंच सकता है, इसीलिए पौष्टिक आहार लें, जिसमें आयरन शामिल हो, जैसे टोफू, मीट और हरी सब्जियां
  • नियमित तौर पर एक्सरसाइज या शारीरिक कार्य करें।

(और पढ़ें - पीरियड्स में की जाने वाली एक्सरसाइज)

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वैसे तो मासिक धर्म के दौरान खून के थक्के निकलना सामान्य है, लेकिन कुछ मामलों में ये किसी अन्य अंदरूनी समस्या का संकेत भी हो सकता है। अगर आपको मासिक धर्म में बहुत अधिक रक्तस्राव हो रहा है या खून के बड़े-बड़े थक्के निकल रहे हैं, तो आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए। ये ऊपर बताई गई समस्याओं का संकेत हो सकता है।

आपके डॉक्टर समस्या के कारण का पता लगाने के लिए आपके टेस्ट करेंगे। खून की कमी चेक करने के लिए डॉक्टर ब्लड टेस्ट कर सकते हैं। इस समस्या में व्यक्ति को अत्यधिक कमजोरी और थकान महसूस होने लगती है। आपके पेडू का अल्ट्रासाउंड भी किया जा सकता है।

 

संदर्भ

  1. Reavey J.R, Maybin J.A. and Critchley H.O.D. Physiology of Menstruation. In “Inherited Bleeding Disorders in Women” edited by Rezan A. Kadir, Paula D. James, Christine A. Lee. Wiley Blackwell, UK, 2019.
  2. Kumar S., Kishore R., Gupta V., Jain M., Shukla J. Prevalence and spectrum of von Willebrand disease in Eastern Uttar Pradesh. Indian Journal of Pathology and Microbiology, 2010; 53(3): 486-489.
  3. Windham G.C., Elkin E.P., Swan S.H., Waller K.O., Fenster L. Cigarette smoking and effects on menstrual function. Obstetrics & Gynecology, 1999; 93(1): 59‐65. PMID: 9916957
  4. Office on Women's Health, US Department of Health and Human Services [Internet]. Bleeding disorders.
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