आयुर्वेद में ऐसी कई औषधि के बारे में बताया गया है जो आज भी आपकी कई समस्याओं को दूर करने में अहम भूमिका निभाती हैं। इन्हीं औषधियों में पुत्रजीवक भी एक महत्वपूर्ण औषधि है। हजारों वर्षों से ऋषि मुनि इस औषधि का प्रयोग करते आएं हैं।

आयुर्वेद में इस औषधि को महिलाओं की प्रजनन संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए उपयोगी बताया गया है। यह औषधि कब्ज, ल्यूकोरिया, गर्दन में दर्द, सर्दी जुकाम, बुखार, मिसकैरेज​, महिला बांझपन आदि कई समस्याओं को दूर करने का काम करती है। इन सब में इसको सबसे ज्यादा संतान-प्राप्ति के लिए ख्याति प्राप्त है।

पुत्रजीवक के इन्हीं फायदों के चलते आपको इसके बारे में विस्तार से बताया जा रहा है। साथ ही इस लेख में आप पुत्रजीवक के फायदे और पुत्रजीवक के साइड इफेक्ट के बारे में भी जानेंगे।

  1. पुत्रजीवक के फायदे - Putrajeevak Benefits in Hindi
  2. पुत्रजीवक के नुकसान - Putrajeevak Side Effects in Hindi
  3. सारांश

महिलाओं में बांझपन के लिए पुत्रजीवक के फायदे - Putrajeevak Beej for Female Infertility in Hindi

महिलाओं में बांझपन के कई कारण होते हैं, लेकिन पुत्रजीवक बीज गर्भाशय को विष रहित करने के लिए सहायक दवा के रूप में कार्य करता है जिससे यह गर्भपात को रोकने और अंडाशय के कार्यों को बेहतर बनाने में मदद करता है जो फर्टिलाइज़ेशन के लिए परिपक्व और स्वस्थ अंडों को रिलीज करने में मदद करते हैं। गर्भधारण के लिए पुत्रजीवक बीज की गिरी को दूध के साथ मासिक के दिनों में लिया जाता है। इसके अलावा पुत्रजीवक पेड़ की छाल, बिल्व (Aegle marmelos) की जड़ और मालकांगणी (Celastrus paniculatus) की जड़ को पानी में पीस कर दिन में एक बार, 2-3  सप्ताह तक लेने से गर्भवती महिला के गर्भ से होने वाला असामान्य रक्तस्राव रुक जाता है। सभी प्रकार के मासिक धर्म रोगों के लिए, बीज का गूदा और जीरा दूध में पीसकर सुबह मासिक धर्म में दिया जाता है।

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आयुर्वेद के मुताबिक, यह उन महिलाओं के लिए उपयुक्त है जिनका वात दोष और पित्त दोष बढ़ा हुआ है। अगर एक महिला में एसिड रिफ्लक्स, मासिक धर्म के दौरान भारी रक्तस्राव या ऐंठन, भारी गर्भाशय रक्तस्राव, सीने में जलन, नींद की कमी, मुँह में कड़वाहट, काले धब्बे, डार्क सर्कल्स, कमजोरी और ब्लोटिंग जैसे लक्षण पाए जाते हैं तो यह उनके लिए सबसे उपयुक्त है।

सामान्यतया, पुत्रजीवक बीज एंड शिवलिंगी बीज को एक साथ लेने की सलाह दी जाती है। यदि आपके पित्त दोष में वृद्धि हुई है तो शिवलिंगी आपके लिए उपयुक्त नहीं है। अगर शिवलिंगी की आवश्यकता होती है, तो शिवलिंगी को न्यूनतम और पुत्रजीवक को अधिकतम मात्रा में दूध के साथ लिया जाना चाहिए।

बार बार गर्भपात रोकने के लिए पुत्रजीवक के फायदे - Putrajeevak Beej ka Upyog for Habitual Miscarriage in Hindi

आयुर्वेद के अनुसार गर्भाशय की कमजोरी बार बार होने वाले गर्भपात का मुख्य कारण है। ऐसे मामलों में, गर्भाशय गर्भधारण जारी रखने में असमर्थ होता है। ऐसे मामलों के लिए पुत्रजीवक बीज सर्वश्रेष्ठ हैं। यह एक गर्भाशय टॉनिक के रूप में कार्य करते हैं, गर्भाशय की लाइनिंग्स को ताकत प्रदान करते हैं, यह गर्भाशय को गर्भावस्था को जारी रखने में सक्षम बनाते हैं, गर्भपात को रोकते हैं और एक स्वस्थ बच्चे को प्राप्त करने में मदद करते हैं। पुत्रजीवक बीज पाउडर 200 ग्राम, अश्वगंधा पाउडर 200 ग्राम और मिश्री पाउडर 200 ग्राम को मिक्स कर लें। लगभग 4 से 5 ग्राम पाउडर को दिन में दो बार गुनगुने दूध के साथ लें। इसका सेवन आप खाली पेट, खाने से एक घंटे या भोजन के 3 घंटे बाद कर सकते हैं। इसके अलावा पुत्रजीवक की जड़ को दूध में घिसकर पीने से गर्भ ठहरने के आसार बढ़ते हैं।

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शुक्राणुओं की संख्या सुधारने के लिए पुत्रजीवक के फायदे - Putrajeevak Beej for Male Infertility in Hindi

पुत्रजीवक पुरुष नपुंसकता में भी फायदेमंद है। यह ऑलिगॉस्पर्मिया (अल्पशुक्राणुता) का इलाज करने के लिए सबसे अच्छी दवा है। दूध के साथ 3 ग्राम पुत्रजीवक बीज पाउडर को लेने से कुल शुक्राणुओं की संख्या और गतिशीलता में सुधार होता है। यह वीर्य में स्वस्थ शुक्राणुओं की संख्या को बढ़ाता है।

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कब्ज के लिए पुत्रजीवक के फायदे - Putrajeevak Beej Uses in Constipation in Hindi

यदि मरीज को कब्ज है और कठोर और सूखे मल के कारण आँतो में दर्द हो रहा है तो पुत्रीजीवक बहुत उपयोगी होता है। ऐसे मामले में 3 ग्राम पाउडर को दिन में दो बार गर्म दूध के साथ लिया जाना चाहिए। 

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सफेद पानी की समस्या के लिए पुत्रजीवक के फायदे - Putrajeevak Seeds for Leukorrhea in Hindi

सफ़ेद पानी की समस्या (ल्‍यूकोरिया) में पुत्रजीवक के फल का गूदा पानी और गुड़ के साथ लेते हैं।

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गर्दन में दर्द के लिए पुत्रजीवक के फायदे - Putranjiva Roxburghii Uses for Neck Pain in Hindi

गर्दन में सूजन और दर्द के लिए इस पेड़ की छाल को पानी में घिस कर लगाते हैं।

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जुखाम-बुखार के लिए पुत्रजीवक के फायदे - Jiyapota Plant for Cold in Hindi

पत्तों और फलों का काढ़ा जुखाम और बुखार में दिया जाता है। 

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पुत्रजीवक उन व्यक्तियों के लिए सुरक्षित है जो इसका सेवन अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार करते हैं। यह उन रोगियों के लिए सबसे उपयुक्त है जिनको वात या पित्त दोष में उत्तेजना होती है और कफ दोष वाले लोगों के लिए यह कम उपयुक्त है। दोषों और इसके संकेतों के अनुसार समझदारी से उपयोग किए जाने पर पुत्रजीवक का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है।

विषाक्तता, एलर्जी प्रतिक्रियाओं को लेकर अभी तक इसकी कोई शिकायत नहीं मिली है। पुत्रीजीवक संभवत: गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान उपभोग करने के लिए सुरक्षित है। बांझपन के उपचार के लिए लेते समय अभी तक इसके कोई नुकसान सामने नहीं आए हैं।

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पुत्रजीवक से बनी दवा के सेवन के दौरान तेल, खटाई, मिर्च, मसाले तथा गर्म तासीर के भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।

पुत्रजीवक (Putrajeevak) एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जिसका उपयोग प्रजनन स्वास्थ्य को सुधारने के लिए किया जाता है। इसे विशेष रूप से महिलाओं में संतान प्राप्ति की संभावना बढ़ाने और प्रजनन प्रणाली को संतुलित करने के लिए जाना जाता है। आयुर्वेद में इसे गर्भधारण संबंधी समस्याओं को दूर करने में सहायक माना गया है। पुत्रजीवक गर्भाशय को मजबूत करता है और हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें पुत्रजीवक है

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