कायेन पीपर को हम आमतौर पर लाल मिर्ची के नाम से जानते हैं। लाल मिर्ची कैप्सिकम परिवार का सदस्य है। यह थोड़ी गर्म होती है। इसका उपयोग खाने में तीखापन लाने के लिए किया जाता है। इसका कायेन पीपर नाम फ्रेंच गुयाना के शहर कायेन के नाम पर रखा गया है। इसकी खेती बड़े पैमाने पर दक्षिण और मध्य अमेरिका में होती है। लाल मिर्ची की खेती के लिए जलवायु गर्म होती चाहिए और मिट्टी में नमी बहुत अधिक होनी चाहिए। इसे बढ़ने और खाने योग बनने में लगभग 100 दिन लग जाते हैं। यह हरे रंग में उगने और बढ़ने के बाद लाल रंग में परिवर्तित हो जाता है।
लाल मिर्च हम कई तरीकों से अपने व्यंजन में उपयोग करते हैं। हम इसका सूखे और पाउडर के रूप में, सीधा पौधों से तोड़ कर, पेस्ट के रूप में, इसे बीच से तोड़ कर, सूखे हलके कुटे हुए रूप में और इसको सूखे फल के रूप में उपयोग करते हैं।
लाल मिर्च का उपयोग बड़े पैमाने पर व्यंजनों में स्वाद के लिए किया जाता है और व्यंजनों को मसालेदार बनाने में किया जाता है। इसका उपयोग अचार के मसाले में भी किया जाता है। परंपरागत रूप से भारत में इसका उपयोग सरसों के तेल और अन्य मसालों के साथ तड़का लगाने के लिए भी किया जाता है। यह मसालेदार भारतीय व्यंजनों में पूरक के रूप में परोसी जाती है। कभी-कभी इसका उपयोग एनर्जी ड्रिंक्स और कुछ विशेष कॉकटेल में किया जाता है। लाल मिर्च में कैप्साइसिन नामक घटक होता है जो इस तरह के पेय के लिए प्रयोग किया जाता है। इस प्रकार लाल मिर्च कई तरह से उपयोगी है।
लाल मिर्च में कई प्रकार के पोषण गुण पाए जाते हैं। इसमें विटामिन ई, विटामिन सी, विटामिन k, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स और कैरोटीनॉयड के साथ साथ प्रमुख रूप से फाइबर भी पाया जाता है। इन सभी घटकों के कारण लाल मिर्च हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती है। तो चलिए जानते हैं इसके फायदों के बारे में-