हम कई लोगों को देखते हैं इस बात के बारे में चर्चा करते हुए कि आख़िर गर्म या ठंडे पानी में से किससे नहाना ज़्यादा फायदेमंद है? सही निष्कर्ष पर आने से पहले यह आवश्यक है कि हम मौसम, उम्र, आदतों, बीमारी जैसे कारकों पर विचार करें। गर्म पानी या ठंडे पानी में स्नान के अपने अपने लाभ होते हैं।

  1. ठंडे पानी से नहाने के फायदे
  2. गर्म पानी से नहाने के फायदे
  3. गर्म पानी या ठंडे पानी से स्नान का चुनाव आयुर्वेद के अनुसार
  4. स्नान करने का तरीका आयुर्वेद के अनुसार -

ठंडा पानी आपको सुबह सुबह जगा देता है और आलस्य से छुटकारा पाने में भी मदद करता है। ठंडा पानी स्नान तंत्रिका को प्रोत्साहित करता है।

ठंडे पानी से स्नान बीटा एंडोर्फिन जैसे डिप्रेशन (अवसाद) को दूर करने वाले केमिकल्स को मुक्त करता है और इस तरह यह अवसाद के इलाज में मदद करता है।

अध्ययनों से पता चला है कि ठंडे पानी से स्नान पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन को बढ़ावा देकर उनके प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार लाता है।
यह फेफड़ों के कार्यो में सुधार लाने में भी मदद करता है।

ठंडे पानी से स्नान शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली और लसीका को उत्तेजित करता है, जो संक्रमण के खिलाफ लड़ने वाली कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ाता है।

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हम सभी जानते हैं, गर्म तापमान अधिक कीटाणुओं को मारने के लिए होता है। इसलिए गरम पानी के साथ स्नान से शरीर शुद्ध (साफ) होता है।

अध्ययनों से पता चला है कि गरम पानी से स्नान मांसपेशियों के लचीलेपन में सुधार लाने और सूजी हुई मांसपेशियों को आराम देने में भी मदद करता है।

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गर्म पानी से स्नान, शरीर में शर्करा के स्तर को कम कर देता है जिससे आपको मधुमेह होने का खतरा कम हो जाता है।
यह खांसी और सर्दी के इलाज के लिए भी फायदेमंद है, इसकी भाप नली (वायुमार्ग), गले और नाक को साफ करती है।

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स्नान करने के लिए क्या बेहतर है - ठंडा या गर्म पानी? आयुर्वेद के पास इसका जवाब है। आयुर्वेद सुझाव देता है कि आपको शरीर के लिए गर्म पानी और सिर के लिए ठंडे पानी का उपयोग करना चाहिए। क्योंकि आँखो और बालों को गर्म पानी से धोना आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता है।

आयुर्वेद सलाह देता है कि पानी का तापमान निम्नलिखित कारकों के आधार पर होना चाहिए -

उम्र - 

युवाओं को ठंडे पानी से स्नान करने का सुझाव दिया गया है। जबकि वृद्ध लोगों के लिए, गर्म पानी के साथ स्नान करने का सुझाव है। लेकिन अगर आप एक छात्र हैं तो ठंडे पानी से स्नान करना आपके लिए फायदेमंद होगा।

शरीर का प्रकार - 

यदि आपके शरीर का प्रकार (type) पित्त है, तो आपके लिए ठंडे पानी से स्नान लेना बेहतर होगा, और अगर आपके शरीर का प्रकार (type) कफ या वात है, तो गर्म पानी का उपयोग करें।

बीमारी - 

अगर आप किसी भी पित्त संबंधित रोग से पीड़ित हैं जैसे अपच या यकृत विकार, तो ठंडे पानी से स्नान करना आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद रहेगा। और अगर आप कफ या वात से संबंधित विकारों से पीड़ित हैं, तो आपको एक गर्म पानी से स्नान करने की सलाह दी जाती है।  

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अगर आप एक मिर्गी रोगी हैं, तो आपको दोनों गर्म पानी और ठंडे पानी से स्नान करने की सलाह नहीं दी जाती हैं। इसके बजाय, आपको गुनगुने पानी से नहाना चाहिए।

आदत - 

अगर आप नियमित रूप से व्यायाम करते हैं, तो आपको गर्म पानी से स्नान करने का सुझाव दिया जाता है।

नहाने का समय - 

अगर आप सुबह के समय स्नान करते हैं, तो ठंडे पानी के साथ स्नान करना अच्छा होता है। लेकिन अगर आप रात में स्नान कर रहे हैं, तो गर्म पानी से स्नान आपको काफ़ी आराम देता है। चूंकि शाम के समय वात का प्रभुत्व रहता है, गर्म पानी से स्नान फायदेमंद रहता है।

आयुर्वेद के अनुसार, "जल्दी में किया गया स्नान, जल्दबाजी में किए गये भोजन के समान है, जिससे आपका शरीर ना तो ठीक से साफ हो पाता है और ना ही ठीक से सभी लाभो को प्राप्त कर पाता है।" ताज़गी हासिल करने के लिए, एक अच्छे स्नान का अनुभव बहुत जरूरी होता है।

इस तरह नहाना चाहिए कि आपके शरीर का हर हिस्सा अच्छे से साफ हो।

आयुर्वेद के अनुसार आपको नीचे दी गई प्रक्रिया के अनुसार स्नान करना चाहिए - 

  1. सबसे पहले अपने हाथ और पैर धो लें।
  2. अगर आप ठंडे पानी से स्नान कर रहे हैं, तो आपको सिर से पाँव की ओर बढ़ना चाहिए।
  3. और अगर आप गर्म पानी के साथ स्नान कर रहे हैं, तो पहले अपने पैर की अंगुलियों से शुरू करें और फिर सिर की ओर बढ़ें।
  4. साबुन के लिए, रसायनों से भरपूर साबुन जो बाज़ार में उपलब्ध हैं, उनका उपयोग करने से बचें। इन साबुनों से त्वचा सभी रसायनों को अवशोषित करती है।
  5. स्नान से पहले सरसों के तेल या तिल के तेल के साथ अच्छी तरह से मालिश करना आपके शरीर के लिए फायदेमंद होता है। इससे मांसपेशियों को नई ऊर्जा मिलती है और त्वचा की गुणवत्ता में भी सुधार होता है।
  6. हालांकि आपको स्नान करते समय जल्दी नहीं करनी चाहिए, लेकिन बहुत देर तक स्नान करने का भी सुझाव नहीं दिया जाता है। इसके अलावा, बेहतर स्वच्छता के लिए, एक दिन में दो बार स्नान करना पर्याप्त होता है।
  7. आप पानी में कुछ नीम के पत्ते मिला सकते हैं और कुछ समय के बाद इस पानी से नहा लें। यह आपकी त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार करेगा। 

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संदर्भ

  1. Ono et al. Effect of water bath temperature on physiological parameters and subjective sensation in older people. Geriatr Gerontol Int. 2017 Nov;17(11):2164-2170. PMID: 28421715
  2. Roswell GJ et al. Effects of cold-water immersion on physical performance between successive matches in high-performance junior male soccer players. J Sports Sci. 2009 Apr;27(6):565-73. PMID: 19308790.
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