यदि आपको नॉनवेज खाना चलता है तो मछली ज़रूर खानी चाहिए। यह खाने में तो अच्छी लगती ही है, साथ ही साथ इसे खाने के कई फायदे हैं। यह एक बहुत ही पौंष्टिक आहार है। 

(और पढ़ें - चिकन खाने के फायदे और नुकसान)

जैसा कि आप जानते ही हैं की मछली पानी में पाई जाती है। जानवरों के अन्य बड़े वर्गों के विपरीत, ये एक पैराफैलेटिक (paraphyletic) समूह से हैं, जो लैंपरी (lampreys), हगफिश (hagfish), हड्डी मछली (bony fish) और कार्टिलाजिनस (cartilaginous) से बनी हैं। ये मछलियां पहली बार कैम्ब्रिअन काल (Cambrian period) के दौरान विकसित होना शुरू हुई थी। दुनिया भर में मछलियों की लगभग 32,000 विभिन्न प्रताजियां हैं, जिनमें से कुछ मछलियों का दुनिया के विभिन्न हिस्सों में शिकार किया जाता है।

इसमें कई प्रकार के ज़रूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं जैसे प्रोटीन, विटामिन और ओमेगा 3 फैटी एसिड। हमारे देश के कई राज्यों जैसे बिहार, परिचम बंगाल तथा असम में इसे बहुत ही पसंद से खाया जाता है। 

(और पढ़ें - मीट खाने के फायदे और नुकसान)

मछली बंगाली लोगो का खास व्यंजन है। यह कहा जाता है कि बंगाली लोग मछली का सेवन बहुत ज़्यादा करते हैं, इसलिए उनका दिमाग बहुत ज़्यादा स्ट्रॉंग रहता है। इससे ना केवल शरीर को बल्कि दिमाग को भी भरपूर पोषण मिलता है। फिश खाने के और भी फायदे हैं, आइए आपको उनसे अवगत कराते हैं।

  1. मछली खाने के लाभ - Machli ke Fayde in Hindi
  2. मछली खाने के नुकसान - Fish Khane ke Nuksan in Hindi
  3. मछली खाने का सही समय - Fish khane ka sahi samay in Hindi

मछली खाने के फायदे बालों के लिए - Fish benefits for hair in Hindi

आज के वक्त में बहुत से लोगों को बाल झड़ने की समस्या से जूझना पड़ता है। अच्छे बाल पाना भी आज के समय में बहुत मुश्किल है। अगर आप अच्छे बाल पाना चाहते हैं तो मछली का सेवन शुरू कर दें।

यकीन मानिए जो लोग मछली का सेवन करते हैं, उनके बाल बहुत घने और मजबूत होते हैं। मछली में ओमेगा 3 मौजूद होता है, जो बालों और त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है। मछली के सेवन से फायदे प्राप्त करना चाहते हैं तो उसे तलने के बजाय उबाल कर या फिर बेक्ड खाने की कोशिश करें।

(और पढ़ें - लंबे बालों के लिए उपाय)

मछली है आँखों के लिए फायदेमंद - Fish for eyes in Hindi

पहले के समय में अधिक उम्र के लोगों को आँखो की समस्याएं जैसे कि कम दिखाई देना, रात को धुंधला दिखना आदि होती थीं लेकिन आज के समय में तो छोटे बच्चों में भी यह दिक्कत देखने को मिलती है। इतनी कम उम्र में बच्चों को चश्मा लग जाता है।

(और पढ़ें- आँख में जलन)

बच्चों को मोटा चश्मा लगने का मुख्य कारण पोषक तत्वों की कमी है। आहार में ओमेगा 3 फैटी एसिड कम होने पर दृष्टि दोष या आँखो की अन्या समस्याएं होती हैं। मछली का सेवन करने से शरीर में ओमेगा 3 की पूर्ति होती है और आँखो की रोशनी बढ़ती है।

(और पढ़ें - आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए क्या खाएं)

मछली का सेवन बनाता है दिमाग को तेज़ - Fish for brain in Hindi

क्या आप चाहते हैं कि आपके बच्चे का दिमाग तेज हो, वो क्लास में सबसे होशियार हो? तो बिना सोचे अपने बच्चे को मछली खाने के लिए दिया करें। 

मछली आपके दिमाग के लिए भी एक आवश्यक आहार है। मछली में ऐसे तत्व मौजूद होते हैं जिससे आपका दिमाग तेज होता है। इसमें मौजूद प्रोटीन नई कोशिकाओ के निर्माण में भी सहायक है। वहीं इसमें मौजूद फैटी एसिड याददाश्त को बढ़ाता है। जिन लोगो को भूलने की बीमारी है, उन्हें तो नियमित रूप से मछली का सेवन करना चाहिए।

जर्नल ऑफ़ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (Journal of the American Medical Association) में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, समुद्री भोजन अल्जाइमर रोग के खतरे को कम कर सकते हैं। अध्ययन में पाया गया कि मछली का सेवन नहीं करते वाले लोगों की तुलना में नियमित रूप से मछली का सेवन करने वाले लोगों में मानसिक रोग होने का खतरा कम होता है।

(और पढ़ें - दिमाग तेज़ कैसे करें)

मछली खाने से फायदा है कैंसर से बचाव में - Fish for cancer in Hindi

जैसा की हमने ऊपर ही बताया है कि मछली में ओमेगा 3 फैटी एसिड मौजूद होता है। यह ना केवल बालों के लिए फायदेमंद होता है, बल्कि कैंसर को भी शरीर से दूर रखने में सहायक है। यदि आप नॉंनवेज खाते हैं तो कैंसर से बचने के लिए इसका सेवन ज़रूर करना चाहिए। महिलाओं को तो इसे ज़रूर खाना चाहिए, क्योकि इससे ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना दूर होती है। मछली में मौजूद ओमेगा 3-फैट्स वसा कोलन के सेल फ़ंक्शन को बदल सकते हैं और सूजन को भी कम कर सकते हैं। एआईसीआर (AICR) की रिपोर्ट के मुताबिक मछली खाने से लिवर कैंसर होने का खतरा भी कम हो सकता है। हालांकि इसपर ज्यादा रिसर्च नहीं हुई है।

(और पढ़ें - कैंसर के लिए आहार)

मछली खाने से लाभ है उच्च रक्तचाप में - Fish for high blood pressure in Hindi

यदि आपको उच्च रक्तचाप की समस्या है तो आपको मछली खानी चाहिए, इससे हाई बीपी कम होता है।

यदि आप हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं, तो अपनी डाइट में मछली को शामिल करने से यह कम हो सकता है। उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्ति को दूसरी मांसाहारी चीज़े नही खाना चाहिए। पर वह मछली इसलिए खा सकते हैं क्योंकि इसमें लो फैट होता है। मछली का सेवन कोलेस्ट्राल नही बढ़ने देता है। इससे दिल और उसकी मांसपेशियां मजबूत बनती हैं। यदि आप दिल के रोग से दूरी रखना चाहते हैं तो मछली को अपने भोजन में शामिल करें। सर्कुलेशन फॉउंड (circulation found) में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार ओमेगा-3 फैटी एसिड की अधिक मात्रा के कारण मछली का तेल रक्तचाप को कम करने में सहायक होता है।

(और पढ़ें - हाई बीपी के लिए डाइट चार्ट और उच्च रक्तचाप के लिए जूस)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Hridyas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याओं में सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
BP Tablet
₹691  ₹999  30% छूट
खरीदें

मछली खाने के अन्य फायदे - Fish other benefits for health in Hindi

मछली खाने के अन्य फायदे निम्न हैं -

  • जो लोग बहुत ज़्यादा डिप्रेशन में रहते हैं, उन्हें मछली का सेवन करना चाहिए। इसमें मौजूद ओमेगा 3 अवसाद को कम करता है। (और पढ़ें – डिप्रेशन का घरेलू इलाज)
  • यह हार्ट अटैक के ख़तरे को कम करती है इसलिए इसका सेवन रोज़ करना चाहिए। (और पढ़ें – हार्ट अटैक से बचने के उपाय)
  • एक शोध के अनुसार जो पुरुष अपने आहार में मछली को भी शामिल करते हैं, उनके शुक्राणु (sperm) स्वस्थ और सक्रिय होते हैं। (और पढ़ें- शुक्राणु बढ़ाने के घरेलू उपाए)
  • सेहत के साथ साथ सौंदर्य के लिए भी मछली बहुत फायदेमंद है। इसे खाने वाले व्यक्तिों को झुर्रियां जल्दी नही आती हैं।
  • मछली में विटामिन डी होता है जो हड्डीयों के स्वास्थ्य और विकास के लिए कैल्शियम के अवशोषण में फायदेमंद है। (और पढ़ें- झुर्रियों के लिए क्रीम)
  •  द जर्नल ऑफ़ क्लीनिकल स्लीप मेडिसिन (The Journal of Clinical Sleep Medicine) द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, मछली में विटामिन डी होता है जो नींद लाने में भी सहायक है। (और पढ़ें- नींद लाने का घरेलू उपाए)
  • मछली का उपयोग कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है। (और पढ़ें - कोलेस्ट्रॉल कम करने के उपाय)
  • न्यूट्रिशनल जर्नल (Nutritional Journal) में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया है मछली का सेवन ध्यान केंद्रित करने के लिए काफी फ़ायदेमंद होती है।
  • जर्नल ऑफ़ साइकोसोमैटिक ओबस्टेट्रिक्स एंड गायनकोलॉजी (Journal of Psychosomatic Obstetrics & Gynecology) द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, मछली का उपयोग महिलाओं के लिए प्रीमेन्स्ट्रुअल (पीएमएस) के लक्षणों में भी सहायक है।

मछली खाने का फायदा ऊर्जा बढ़ाने के लिए - Fish for Instant Energy in Hindi

ऊर्जा को बनाए रखने के लिए आपके शरीर को प्रोटीन की आवश्यकता होती है। मछली में मौजूद अधिक प्रोटीन आपके शरीर को तुरंत ऊर्जा देता है। आपके शरीर में पोषक तत्वों की आवश्यक मात्रा के साथ, यह न केवल आपकी ऊर्जा को बढ़ाती है बल्कि क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को फिर से जीवीत करने में भी मदद करती है। आपके शरीर में पोषक तत्वों के स्तर को बनाए रखने के लिए नियमित रूप से मछली का सेवन करने की सलाह दी जाती है।

(और पढ़ें - एनर्जी बढ़ाने का उपाय)

मछली का फायदा श्वसन के लिए - Fish for Respiratory health in Hindi

पर्यावरण में मौजूद प्रदूषण आपके श्वसन स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। आपको उन खाद्य पदार्थों को खाना चाहिए जिनमें पोटेशियम और विटामिन बी जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो आपके श्वसन तंत्र को विभिन्न बीमारियों से बचाते हैं। इसके अलावा, पोषण विशेषज्ञ अस्थमा रोगियों को अपने आहार में सैल्मोन (salmon) और ट्यूना (tuna) जैसी मछलियों को शामिल करने का सुझाव देते हैं। मछली का सेवन उन लोगों के लिए भी फायदेमंद होता है जो लगातार खांसी के कारण सीने में सूजन और सांस लेने में कठिनाई महसूस करते हैं। मछली का नियमित सेवन बच्चों में अस्थमा के खतरे को भी कम कर सकता है।

(और पढ़ें- अस्थमा के लिए रेसिपी)

मच्छली खाने के नुकसान इस प्रकार हैं - 

  • गर्भवती महिलाओं, नर्सिंग माताओं और गर्भधारण करना चाह रही महिलाओं को मिथाइलमर्करी (methylmercury) युक्त मछली को खाना सीमित करना चाहिए। यह औद्योगिक प्रदूषक भ्रूण, शिशुओं और छोटे बच्चों में तंत्रिका तंत्र के विकास में बाधा उत्पन्न कर सकता है। चूंकि मिथाइलमर्करी समय के साथ जमा होने लग जाता है, यह ज्यादातर बड़ी मछलियों जैसे शार्क, स्वोर्डफिश, मैकरल (mackerel), टाइल फिश (tilefish) और अल्बकोर ट्यूना (albacore tuna) आदि में केंद्रित है।

(और पढ़ें- गर्भावस्था में क्या खाना चाहिए)

  • खेती वाली सैल्मन में कीटनाशक और अन्य विषाक्त पदार्थ उच्च स्तर में हो सकते हैं। इस संक्रमण के किसी भी नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए, यह कोशिश करें कि खेती वाली सैल्मन के बजाय जंगली सैल्मन ही खरीदें। यह जानने के लिए खरीदारी करते समय सैल्मन पर लेबल को पढ़ें।
  • एक अध्ययन के अनुसार मछलियों, ख़ास कर छोटी मछलियों में, डीडीई (Dichloro Diphenyldichloro Ethylene) नामक एक विषाक्त पदार्थ पाया जाता है जो मधुमेह के खतरे को बढ़ाता है। जब हम इन मछलियों को खाते हैं, तब यह पदार्थ हमारे लिवर में जमा हो जाता है और मोटापे को बढ़ाता है जिससे मधुमेह का ख़तरा बढ़ जाता है।
  • अक्सर मछली के बाद दूध पीने के लिए मना किया जाता है क्योंकि यह माना जाता है कि इससे त्वचा पर सफेद चिकत्ते या धब्बे हो सकते हैं, हालाँकि इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। मसालेदार मछली खाने के बाद दूध पीने से पाचन संबंधित समस्याएँ होने की भी आशंका होती है। कुछ लोग मछली के साथ दही के सेवन को भी सेहत के लिए हानिकारक मानते हैं। (और पढ़ें - दूध पीने का सही समय क्या है)

इसलिए उचित मात्रा में मछली का सेवन करें। यह शरीर के लिए काफी फायदेमंद है। परंतु अगर आप किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं, तो एक बार इसे खाने से पहले ज़रूर अपने डॉक्टर से परामर्श कर लें।

मछली को दिन में किसी भी समय (नाश्ता, दोपहर का भोजन या रात का खाना) खा सकते हैं। लेकिन अधिक पारा (mercury) को अवशोषित करने के जोखिम के कारण, इसका उपयोग दिन के दौरान एक या दो बार ही करना सबसे अच्छा माना जाता है।


मछली खाने के हैं कई लाभ, क्या इन्हें जानते हैं आप सम्बंधित चित्र

संदर्भ

  1. United States Department of Agriculture Agricultural Research Service. Basic Report: 15076, Fish, salmon, Atlantic, wild, raw. National Nutrient Database for Standard Reference Legacy Release [Internet]
  2. Walter Alexander. Prostate Cancer Risk And Omega-3 Fatty Acid Intake From Fish Oil. P T. 2013 Sep; 38(9): 561–564. PMID: 24273402
  3. He K et al. Fish consumption and incidence of stroke: a meta-analysis of cohort studies. Stroke. 2004 Jul;35(7):1538-42. Epub 2004 May 20. PMID: 15155968
  4. Daniels JL et al. Fish intake during pregnancy and early cognitive development of offspring. Epidemiology. 2004 Jul;15(4):394-402. PMID: 15232398
  5. Jyrki K Virtanen et al. Fish Consumption, Bone Mineral Density, and Risk of Hip Fracture Among Older Adults: The Cardiovascular Health Study . J Bone Miner Res. 2010 Sep; 25(9): 1972–1979. PMID: 20572022
  6. J A Bastiaansen, et al. The efficacy of fish oil supplements in the treatment of depression: food for thought . Transl Psychiatry. 2016 Dec; 6(12): e975. PMID: 27922634
  7. Huan Yang, Pengcheng Xun, Ka He. Fish and Fish Oil Intake in Relation to Risk of Asthma: A Systematic Review and Meta-Analysis . PLoS One. 2013; 8(11): e80048. PMID: 24265794
  8. K H Basavaraj, C Seemanthini, R Rashmi. DIET IN DERMATOLOGY: PRESENT PERSPECTIVES . Indian J Dermatol. 2010 Jul-Sep; 55(3): 205–210. PMID: 21063507
  9. Cakiner-Egilmez T. Omega 3 fatty acids and the eye. Insight. 2008 Oct-Dec;33(4):20-5; quiz 26-7. PMID: 19227095
  10. C H MacLean et al. Effects of omega-3 fatty acids on lipids and glycemic control in type II diabetes and the metabolic syndrome and on inflammatory bowel disease, rheumatoid arthritis, renal disease, systemic lupus erythematosus, and osteoporosis. Evid Rep Technol Assess (Summ). 2004 Mar; (89): 1–4. PMID: 15133890
  11. Aryeh D Stein et al. Growth to Age 18 Months Following Prenatal Supplementation with Docosahexaenoic Acid Differs by Maternal Gravidity in Mexico. J Nutr. 2011 Feb; 141(2): 316–320. PMID: 21178082
  12. Yang H, Kenny A. The role of fish oil in hypertension. Conn Med. 2007 Oct;71(9):533-8. PMID: 17966723
  13. Luc Djoussé et al. Fish consumption, omega-3 fatty acids and risk of heart failure: a meta-analysis . Clin Nutr. 2012 Dec; 31(6): 846–853. PMID: 22682084
  14. Susan K. Raatz et al. Issues of Fish Consumption for Cardiovascular Disease Risk Reduction. Nutrients. 2013 Apr; 5(4): 1081–1097. PMID: 23538940
ऐप पर पढ़ें